परिवार नियोजन में अररिया बना बिहार का सिरमौर, बरकरार रखने की चुनौती
अररिया जिला ने बिहार में परिवार नियोजन में पहला स्थान हासिल किया है। चार प्रमुख सूचकों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए, अररिया ने 88% नसबंदी लक्ष्य और 100% स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालन में सफलता प्राप्त...

अररिया, वरीय संवाददाता परिवार नियोजन में अररिया जिला बिहार का सिरमौर बना है। चारों प्रमुख सूचकों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अररिया राज्य में पहला स्थान हासिल किया है। सूबे में टॉप आने पर जिला स्वास्थ्य विभाग के हौंसले बुलंद हैं लेकिन इसे बरकरार रखने की भी चुनौती बढ़ी है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के राज्य स्तरीय रैंकिंग में अररिया अव्वल आने के बाद अस्पतालों में खुशी का माहौल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी वित्तीय वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट में परिवार नियोजन कार्यक्रम के चारों प्रमुख इंडिकेटरों में अररिया ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख सूचकों में शामिल टोटल नसबंदी, पीपीआईयूसीडी (पोस्टमार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेव्टिव डिवाइस), एमपीए (मेड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन एसीटेट) डोज व स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन मामले शामिल हैं। इसमें जिले का प्रदर्शन अव्वल रहा है। एचआईएमएस डाटा पर आधारित इस जिलावार रैकिंग में खगड़िया, मूंगेर, मधेपुरा क्रमश: दूसरे, तीसरे व चौथे स्थान हैं। रैकिंग में पड़ोसी जिला किशनगंज 19 वें, पूर्णयां 16 वें तो कटिहार 13 वें स्थान पर है। टोटल नसबंदी मामले में अररिया ने 88 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया, जबकि स्वास्थ्य उपकेंद्रों के संचालन में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। इधर सीएस डॉ. केके कश्यप ने कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत के परिणाम से यह उपलब्धि हासिल हुई है। अब इसे बरकरार रखने की चुनौती भी बढ़ी है। उपलब्धि जागरूकता व टीम वर्क का नतीजा: डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिलावार जारी इस राज्य स्तरीय रैंकिंग में अररिया नसबंदी में 88 फीसदी लक्ष्य हासिल कर राज्य में पहले स्थान पर है। स्वास्थ्य संस्थानों के संचालन मामले में जिले को शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त है। अंतरा व छाया यानी एमपीए जैसे गर्भ निरोधक डोज के मामले में जिले की उपलब्धि 92 प्रतिशत है। वहीं प्रसवोत्तर अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण यानी पीपीआईयूसीडी मामले में जिले को 21 वां रैंक हासिल हुआ है। लक्ष्य पूर्ति 20 प्रतिशत ही रही है। लेकिन अन्य इंडिकेटरों के दमदार प्रदर्शन के आधार पर ऑवर ऑल रैकिंग में हम शिखर पर हैं। इस उपलब्धि को उन्होंने जागरूकता व टीम वर्क का नतीजा बताया। कार्यक्रम के अन्य आयामों में उत्कृष्टता के लिये विभाग प्रतिबद्ध : सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि यह सफलता समन्वित प्रयासों का परिणाम है। विभागीय कर्मियों की सक्रियता व समर्पण, सामुदायिक सहयोग, जिलाधिकारी अनिल कुमार के स्तर से कार्यक्रम की निगरानी व समीक्षा, विभागीय स्तर से संचालित जागरूकता अभियान, पीएसआई इंडिया जैसी सहयोगी संस्था से मिलने वाला सहयोग की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अनिल कुमार के स्तर से कार्यक्रम की लगातार निगरानी व समीक्षा की गयी। उनके निर्देशन में जिले में योजना का बेहतर क्रियान्वयन संभव हो सका। जिला स्वास्थ्य विभाग आने वाले समय में भी परिवार नियोजन के अन्य आयामों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये प्रतिबद्ध है। ो
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