Maize Cultivation Doubles in Araria Over Five Years Amidst Farmer Discontent सरकारी समर्थन मूल्य पर मक्का खरीद की मांग तेज, Araria Hindi News - Hindustan
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सरकारी समर्थन मूल्य पर मक्का खरीद की मांग तेज

पिछले पांच वर्षों में अररिया में मक्का की खेती का रकवा दोगुना हो गया है, लेकिन किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है। सरकारी समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद न होने से किसान मायूस हैं। मक्का की खेती पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाWed, 30 April 2025 02:24 AM
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सरकारी समर्थन मूल्य पर मक्का खरीद की मांग तेज

पिछले पांच वर्षों में दोगुना हो गया मक्का की खेती का रकवा अररिया, निज प्रतिनिधि

सरकारी समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद नहीं होने के कारण किसानों में मायूसी है। जिले के अलग-अलग इलाकों में मक्का तैयार होने लगा है। किसान अगली खेती के लिए मक्का की बिक्री भी शुरू कर दिया है, लेकिन लागत के अनुसार किसानों को मक्का फसल का दाम नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसानों ने सरकार से सरकारी समर्थन मूल्य पर मक्का खरीद शुरू कराने की मांग की है ताकि किसानों को मक्का का वाजिद दाम मिल सके। बताते चलें कि जिले में लगातार मक्का की खेती का रकवा बढ़ता जा रहा है। पिछले पांच साल में मक्का की खेती का रकवा बढ़कर दोगुणी हो गयी है। नगदी फसल होने के चलते जिले के छोटे-बड़े सभी किसान मक्का की खेती करते हैं। जिले के किसान बेटी की शादी करने से लेकर दूसरे बड़े कार्यों के लिए मक्का की खेती पर ही निर्भर रहते हैं, मगर किसानों को मक्का का वाजिब दाम नहीं मिलने के कारण हर साल किसानों मे मायूसी दिखती है। सरकारी समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद नहीं होने और जिले में मक्का आधारित उद्योग नहीं रहने के कारण हाड़ तोड़ मेहनत के बाद भी किसानों को व्यापारियों के हाथ औने-पौने दामों पर मक्का बेचने की मजबूरी बनी हुई है। विगत वर्षों के आंकड़े पर गौर करें तो तीन दशक पूर्व जिले में सिर्फ 500 हेक्टेयर में मक्का की खेती होती थी। तब किसान नगदी फसल के तौर पर जूट की बुआई करते थे मगर बाद में जूट की खेती में लागत अधिक और मुनाफा कम होते देख किसानों ने धीरे-धीरे जूट की खेती से मुंह मोड़ कर मक्का की खेती ओर बढ़ने लगा। वर्ष 2014 में मक्का की खेती कर रकवा बढ़कर तकरीबन 20 हजार हेक्टेयर के आसपास पहुंच गया। इसके बाद दस वर्षों में जिले में मक्का की खेती का क्रेज काफी तेजी से बढ़ गया। वर्ष 2020 में करीब 40 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती हुई थी जो 2021 में बढ़कर 42 हजार हेक्टेयर हो गई। वर्ष 2022 में यह खेती 52 हजार 320 हेक्टेयर तक पहुंच गई है। वर्ष 2024 में मक्का की खेती का रकवा बढ़कर 90 हजार 204 हेक्टेयर पहुंच गया।

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