जहां कभी बारूद की गंध थी, वहां मिठास घोल रहा आम- पेज-4
बागीचा में मिलते हैं विभिन्न किस्मों के आम, 20 से अधिक किस्मों के आम उपलब्ध के आम लोगों को उपलब्ध करा रहा है। नक्सल प्रभावित प्रखंड में अब माहौल बदलने लगा है। पौधारोपण को लेकर हुए लगाव के कारण इस...

मदनपुर, एक संवाददाता। मदनपुर प्रखंड के पिरथू पंचायत और बेरी पंचायत की सीमा पर आम का बागीचा 20 से अधिक किस्म के आम लोगों को उपलब्ध करा रहा है। नक्सल प्रभावित प्रखंड में अब माहौल बदलने लगा है। पौधारोपण को लेकर हुए लगाव के कारण इस बागीचे को तैयार किया गया जो आज मिठास बांट रहा है। बागीचा तेतरिया गांव निवासी राकेश कुमार सिंह का है जिसकी देखरेख राजेन्द्र चौधरी करते हैं। राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि इस बागीचे में आम के लगभग 75 पेड़ हैं वहीं 15-20 पेड़ अमरुद के हैं। इसके अलावा शरीफा भी है। इस आम के बागीचे में 20 तरह की किस्मों के आम हैं।
इसमें माल्दह आम, सुकूल आम, गुलाब खास, मिठुआ मुम्बईया, खजुरी आम, जेठू मिठुआ आम, लड्डईया मिठुआ आम, सीपिया, जर्दालु, अल्फांजो, दुधिया, लंगड़ा, लाल गुलाबी, सफेद आम सहित अन्य किस्में उपलब्ध हैं। यहां का आम काफी मीठा है। पेड़ का पक्का आम खाने के लिए इस बागीचा में दूर दूर से लोग आते हैं। उमगा निवासी राकेश सिंह, मदनपुर निवासी नारायण प्रसाद उर्फ त्रियुगी, उमाशंकर सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि आम की गुणवत्ता काफी अच्छी है। आम के इस बागीचा से खरीदने के लिए जाते हैं। यहां सस्ते और शुद्ध रुप से बिना किसी रासायनिक का लेप लगाए ताजा आम पेड़ से तोड़ कर मिलता है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। बाजार में महंगे और केमिकल्स से पकाए हुए आम मिलते हैं। इस संबंध में मदनपुर प्रखंड के बीएओ सुरेन्द्र राम ने बताया कि इस तरह के बागीचा लगाने वाले लोगों को कृषि विभाग से सहायता मिलती है। किसान चाहें तो इस तरह से भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। पेड़ लगाने के लिए सरकार बढ़ावा देती है।
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