मेडिकल कॉलेज में कोरोना की जांच में फंसा पेच
बेतिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना जांच प्रक्रिया में देरी हो रही है क्योंकि माइक्रोबायोलॉजी विभाग में पर्याप्त सैंपल नहीं भेजे जा रहे हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि अब तक जिले में कोई...

बेतिया , हिंदुस्तान संवाददाता। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना की जांच शुरू होने में पेंच फंस गया है। कोरोना जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में पर्याप्त संख्या में सैंपल नहीं भेजे जा रहे हैं। जिसके चलते जांच की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है । पश्चिम चंपारण के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि जिले में अब तक कोरोना संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। जीएमसीएच में कुछ संदिग्धों का सैंपल लिया गया है। उनमें कोरोना संक्रमित होने के साधारण लक्षण थे, लेकिन वे लोग इलाज के बाद स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट गए हैं।
सोमवार को जीएमसीएच में 7 मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के लैब में भेजा गया है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने बताया कि कोरोना की जांच के लिए जो मशीन मेडिकल कॉलेज में लगी है उसमें एक बार में 96 सैंपल की जांच की सुविधा है । परंतु अस्पताल में अभी तक लिए गए सैंपल की संख्या काफी कम है । इसलिए लैब में जांच करने में परेशानी है । सैंपल की संख्या 50 भी रहेगी तो जांच किया जाएगा । चार या पांच सैंपल की जांच करने में तकनीकी दिक्कत यह है की पाँच सैंपल की जांच करने के लिए मशीन की कुल क्षमता 96 के अनुसार जांच में प्रयोग किया जाने वाला रीएजेंट प्रयोग करना पड़ेगा। जिसके चलते 91 सैंपल की जांच में प्रयोग होने वाला रीएजेंट बर्बाद हो जाएगा। इसलिए प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को कोरोना की जांच लैब में करने की व्यवस्था की गई है। एक सप्ताह में इकट्ठा किए गए नमूनों की जांच की जाएगी। जिससे सरकारी रुपए का नुकसान ज्यादा नहीं होगा। विदित हो की जिले में कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर किट व जांच में प्रयोग होने वाला रीएजेंट नहीं था। हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आवश्यक किट उपलब्ध कराई गई है। उसके बाद भी कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने की व्यवस्था जिले के किसी भी पीएचसी या अनुमण्डलीय अस्पताल में नहीं की गई है । जिले में सिर्फ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिया जा रहा है। जो मशीन की क्षमता के अनुसार नहीं हैं । इस लिए मरीजों के सैंपल की जांच नहीं हो पा रही है। जांच नहीं होने के कारण यह पता नहीं चल पा रहा है कि मरीज कोरोना संक्रमित थे या नहीं । जीएमसीएच अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर दिवाकांत मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों जिनमें सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उनको तुरंत लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है।
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