खुद से निकल सकते हो तो तेहरान छोड़ दो; ईरान में दूतावास ने भारतीयों को दी चेतावनी
इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के कारण भारतीय दूतावास ने तेहरान में भारतीयों से शहर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की।

इजरायल और ईरान में बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारतीय दूतावास ने मंगलवार को तेहरान में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) से शहर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह जारी की है। यह सलाह मध्य पूर्व में तेजी से बढ़ रही अस्थिरता और दोनों देशों के बीच पांचवें दिन भी जारी मिसाइल हमलों के बीच दी गई है। दूतावास ने कहा है कि जो भी लोग अपनी स्वयं की व्यवस्था से राजधानी छोड़ सकते हैं वे तत्काल तेहरान से सुरक्षित स्थानों की ओर निकल जाएं।
यह चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक सार्वजनिक बयान में “तेहरान को तुरंत खाली कराने” की बात कही। इस बयान के बाद क्षेत्र में डर और अस्थिरता का माहौल और अधिक बढ़ गया है। भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “सभी भारतीय नागरिकों और प्रवासी भारतीयों (PIOs) से अनुरोध है कि यदि वे अपनी व्यवस्था से तेहरान छोड़ सकते हैं तो वे तुरंत ऐसा करें और राजधानी के बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।” इससे पहले दूतावास ने यह भी निर्देश दिया कि जो भारतीय नागरिक अभी तक दूतावास के संपर्क में नहीं हैं, वे तत्काल अपनी लोकेशन और संपर्क नंबर के साथ दूतावास से संपर्क करें।
संघर्ष का पांचवां दिन: बढ़ता तनाव
इजरायल और ईरान के बीच शुक्रवार को शुरू हुआ सैन्य संघर्ष अब अपने पांचवें दिन में प्रवेश कर चुका है। इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने इजरायल के तेल अवीव और हाइफा जैसे शहरों पर मिसाइल हमले किए। इजरायल ने दावा किया है कि उसने तेहरान के ऊपर हवाई वर्चस्व हासिल कर लिया है और उसने ईरान के 120 से अधिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल लांचरों को नष्ट कर दिया है।
ईरान की ओर से किए गए हमलों में इजरायल में कम से कम 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि ईरान में इजरायली हमलों से 200 से अधिक लोगों की जान गई है। इजरायल ने तेहरान के उत्तरी जिला 3 में रहने वाले लोगों को तत्काल शहर छोड़ने की चेतावनी दी है, जिसमें ईरान की सरकारी टेलीविजन IRIB और कई अस्पताल शामिल हैं।
भारतीय छात्रों की निकासी शुरू
तेहरान में फंसे भारतीय छात्रों, खासकर जम्मू-कश्मीर के छात्रों, ने भारतीय सरकार से निकासी की गुहार लगाई थी। सोमवार को, भारतीय दूतावास ने स्थानीय ईरानी अधिकारियों के सहयोग से छात्रों को तेहरान से 148 किलोमीटर दूर कोम शहर में शिफ्ट करना शुरू कर दिया। कोम को एक सुरक्षित स्थान माना गया है। भारत सरकार ने बताया कि तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी, और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज जैसे सात विश्वविद्यालयों के छात्रों को निकाला गया है।
शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्रों की निकासी भी चल रही है। जम्मू-कश्मीर के एक छात्र, इम्तिसाल मोहिदीन, जो शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी में तृतीय वर्ष के एमबीबीएस छात्र हैं, उन्होंने बताया, "शुक्रवार सुबह 2:30 बजे जोरदार विस्फोटों की आवाज से मेरी नींद खुली। हम बेसमेंट में भागे। तब से हम सो नहीं पाए हैं।"
निकासी की चुनौतियां
ईरान में हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण हवाई मार्ग से निकासी संभव नहीं है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि निकासी के लिए समुद्री मार्ग से दक्षिणी बंदरगाह बंदर अब्बास या उत्तरी सीमा पर आर्मेनिया के रास्ते विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, मिसाइल हमलों और बमबारी के बीच यात्रा को "बेहद खतरनाक" बताया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने इजरायल और ईरान दोनों में 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। भारतीय दूतावास ने व्हाट्सएप और लैंडलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि भारतीय नागरिक संपर्क में रह सकें।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के निवासियों से तत्काल शहर खाली करने की अपील की और कहा कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना होगा। उन्होंने जी7 शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़कर मध्य पूर्व की स्थिति पर ध्यान देने के लिए वाशिंगटन लौटने का फैसला किया। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA), ने ईरान के नातान्ज परमाणु संयंत्र पर हमलों के बाद परमाणु सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। हालांकि, IAEA ने कहा कि अभी तक रेडिएशन का स्तर सामान्य है।
भारत की मांग: शांति और संयम
भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमारी दोनों देशों में मिशन भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं। सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और स्थानीय सुरक्षा सलाह का पालन करें।" जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की और ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
तेहरान में अनुमानित 10,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं। भारतीय दूतावास ने निकासी के लिए गूगल फॉर्म के माध्यम से नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने पहले ही कई देशों में अपने नागरिकों को सतर्क किया है। भारतीय दूतावास ने कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और निकासी शुरू कर दी है।
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