Government Takes Control of Betia Raj Land for Employment Opportunities शहर में पार्क, पार्किंग व उच्च शिक्षण संस्थान खुले तो बेहतर होगा जीवन, Bagaha Hindi News - Hindustan
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शहर में पार्क, पार्किंग व उच्च शिक्षण संस्थान खुले तो बेहतर होगा जीवन

पश्चिमी चंपारण के बेतिया में बेतिया राज की जमीन सरकार ने अपने कब्जे में ले ली है। लोगों ने सुझाव दिया है कि इस जमीन का उपयोग उद्योग, प्रशिक्षण केंद्र और पार्क बनाने के लिए किया जाए ताकि युवाओं को...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाSun, 1 June 2025 10:11 PM
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शहर में पार्क, पार्किंग व उच्च शिक्षण संस्थान खुले तो बेहतर होगा जीवन

पश्चिमी चंपारण जिले में निजी के बाद सर्वाधिक जमीन बेतिया राज की है। अब सरकार ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि, इसके बावजूद बेतिया शहर के लोगों की समस्याएं जस की तस है। बेतिया में यदि कोई उद्योग लगाना चाहे, किसी विशेष चीज की खेती करना चाहे या कोई काम करें तो जमीन की कमी राह में सबसे बड़ी बाधा बनती है। यदि यहां प्रशिक्षण केंद्र, टेक्निकल इंस्टीट्यूट, संग्रहालय, पार्क अथवा पार्किंग जोन बनाया जाय तो लोगों के लिए रोजगार के साथ उद्योग के अवसर बढ़ेंगे। लोगों का कहना है कि बेतिया राज की सैकड़ों एकड़ अतिक्रमित जमीन सरकार द्वारा वापस ली जा रही है।

ऐसे में जिले की इस जमीन के कुछ अंश का उपयोग उनके भविष्य को सुधारने के लिए भी किया जाए। सरकार इस जमीन पर कारखाना लगाये, जहां लोगों को रोजगार मिल सके। युवा भावेश कुमार, आशीष साहू,आदित्य कुमार, गोलू कुमार, शैलेश दूबे,भाष्कर द्विवेद्वी, प्रशांत कुमार, किशन ब्याहुत आदि ने बताया कि बेतिया राज की जमीन में जिला प्रशासन को राज्य स्तरीय आईटीआई संस्थान खोलनी चाहिए। ताकि रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। जिला प्रशासन द्वारा युवाओं के हित में योजना बनाकर इस जमीन पर प्रशिक्षण केंद्र को खोलना चाहिए, ताकि अपने ही जिले में कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल सके। कारण कि यहां निजी स्तर पर संस्थान खोलने के लिए जमीन की कमी है सरकारी स्तर पर संस्थान खुलने से दोहरा फायदा युवकों को होगा। लंबे इंतजार व जांच पड़ताल के बाद अब जबकि बेतिया राज की जमीन प्रशासन को मिल रही है तो इसका इस्तेमाल युवा वर्ग व अन्य नागरिकों के हित में भी किया जाना चाहिए। जिला मुख्यालय बेतिया शहर से सटे बेतिया राज की जमीन पर एक बड़ा संग्रहालय भी होना चाहिए। इसमें बेतिया राज के अवशेष को रखा जा सके। गाइड के रूप में बेतिया के युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए। इस दौरान शहर की युवतियों ने भी अपना विचार साझा किया और कहा कि महिलाओं के कौशल विकास के लिए कई तरह की ट्रेनिंग सेंटर खोले जा सकते हैं ताकि लंबे समय तक पढ़ाई नहीं करने वाली युवतियों को भी टेक्निकल डिग्री मिल सके और वे अपने पैरों पर खड़ी हो सके। शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या से सड़क जाम की समस्या है। क्योंकि लोग बाजार की सड़कों पर ही दो पहिया वाहन पार्क कर देते हैं। बेतिया शहर के आसपास की जमीन पर एक बहुमंजिले पार्किंग भवन का निर्माण होने से शहर को जाम की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। जिला प्रशासन को इस दिशा में पहल करनी चाहिये। इससे बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी। अगर शहर की किसी एक खास इलाके में ही सभी कोचिंग सेंटर को शिफ्ट कर दिया जाए तो बच्चों को इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी। मोहल्ले में संचालित होने वाले कोचिंग सेंटरों से मोहल्ले वालों को भी आजादी मिलेगी। बेतिया शहर में नजर बाग पार्क के अलावा और कोई दूसरा पार्क नहीं है। जिला प्रशासन योजना बनाकर शहर के आसपास खूबसूरत पार्क का निर्माण कर दे तो जिले वासियों के लिए यह एक बेहतरीन सौगात होगा। प्रस्तुति: मनोज कुमार राव --बेतिया शहर में बड़ा पार्क एक भी नहीं, पहल करे जिला प्रशासन-- युवाओं का कहना है कि साप्ताहिक अवकाश के दिन अथवा सामान्य दिनों में भी घुमने के लिए बेतिया शहर में एक भी बेहतर पार्क नहीं है। बातचीत के दौरान युवाओं ने यह भी बताया कि पूरे राज्य में बेतिया एक ऐसा जिला है जिसको हजारों एकड़ बेतिया राज की अतिक्रमित जमीन मिल रही है। प्रशासन को इसका सदुपयोग आने वाली पीढ़ी के लिए भी करना चाहिए। राज्य सरकार के द्वारा युवाओं के कौशल विकास के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है इनके सफल संचालन के लिए बेतिया राज की जमीन में कौशल विकास योजना से जुड़े प्रतिष्ठान कार्यालय अथवा ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कराना चाहिए। --बेतिया राज की जमीन पर लगाये जाएं उद्योग-धंधे-- बेरोजगार युवाओं का कहना है कि राज्य और केंद्र प्रायोजित उद्याेग धंधे बेतिया राज की जमीन पर लगाये जाएं। एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर यहां के बेरोजगार युवक और युवतियों को रोजगार देने की दिशा में पहल की जा सकती है। इन जगहों पर जिले के युवक युवतियों को रोजगार दिया जा सकता है। इससे रोजगार की तलाश में पलायन भी रोका जा सकता है। महिलाओं के कल्याण के लिए भी कई तरह की योजनाओं की शुरुआत बेतिया राज की जमीन पर की जा सकती है। आधी आबादी भी ऐसी योजनाओं का लाभ लेकर अपने गृह जिला में ही अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है। महिलाओं की नई पीढ़ी के लिए भी कई तरह के प्रतिष्ठान खोले जा सकते हैं। अलग-अलग योजनाओं से जुड़े प्रशिक्षण केंद्र की इस जमीन पर शुरुआत की जा सकती है जिसका लाभ लेकर जिले के लाखों बेरोजगार युवक युवतियों अपना भविष्य संवार सकती हैं। इस प्रकार बेतिया राज की जमीन बेतिया वासियों के सुनहरे भविष्य के लिए काम आ सकता है। बेरोजगार युवक और युवतियों की इस मांग पर जिला प्रशासन और राज्य सरकार को विचार करना चाहिए। जिला प्रशासन द्वारा सभी सरकारी और गैर सरकारी विभागों के साथ बैठक कर बेतिया राज की जमीन के इस्तेमाल के मामले में जिले के बेरोजगार युवक युवतियों को रोजगार देने की दिशा में पहल करनी चाहिए। इससे जिले के लोगों बड़़ा फायदा होगा। --बेतिया राज की जमीन का इस्तेमाल करने के लिए कई विभाग जिला प्रशासन की टीम से संपर्क कर रही है। उद्योग विभाग के अलावा टूरिज्म, बिजली विभाग, सहकारिता, भवन निर्माण सहित कई अन्य सरकारी विभाग संपर्क कर रहे हैं। इन विभागों द्वारा निर्धारित योजनाओं के अंतर्गत निर्माण कार्य किया जाएगा। जिससे यहां के स्थानीय बेरोजगार युवक युवतियों को रोजगार मिल सकता है। - राजीव सिंह, एडीएम --सुझाव 1. बेतिया राज की जमीन पर नजर बाग के अलावा दूसरा पार्क भी खुलना चाहिए। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी। 2. टेक्निकल डिग्री देने वाला राज्यस्तरीय आईटीआई सेंटर खुलना चाहिए, ताकि अन्य जगह नहीं जाना पड़े। 3. बेतिया शहर के आसपास बड़े क्षेत्र में पार्किंग स्थल खुलना चाहिए ताकि जाम की परेशानी से राहत मिल सके। 4. आधी आबादी को टेक्निकल डिग्री देने के लिए राज्यस्तरीय संस्थान खुलने चाहिए। इससे काफी सुविधा होगी। 5. शहर के बाहर किसी एक जगह पर ही सभी कोचिंग संस्थानों का संचालन होना चाहिए। इस दिशा में पहल होनी चाहिये। --शिकायतें 1. जिला मुख्यालय में नजर बाग के अलावा कोई दूसरा पार्क नहीं है, जहां पर सुकून के दो पल बिताया जा सके। 2. राज्यस्तरीय आईटीआई संस्थान नहीं होने से गरीब व कमजोर बच्चों उच्चस्तरीय टेक्निकल डिग्री नहीं मिल पाती है। 3. शहरी क्षेत्र में कोई सरकारी पार्किंग स्थल नहीं होने से जाम की समस्या लोगों को जूझना होता है। 4. महिलाओं को टेक्निकल डिग्री देने वाला कोई बेहतरीन संस्थान नहीं है। इससे यहां के लोगों को परेशानी होती है। 5. अलग-अलग जगह पर कोचिंग संस्थानों के होने से यहां के छात्र-छात्राओं को काफी भटकना पड़ता है।

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