ओढ़नी नदी पर बन रहे हाई लेवल पुल निर्माण कार्य धीमा
पेज चार की लीडपेज चार की लीड इसबार भी सावन में लोगों व कांवरियों को होगी परेशानी बांका अमरपुर एसएच 25 पर करीब 36 करोड़ की लागत से बन रहा है 244 मीटर ल

बांका, निज संवाददाता। बांका जिला मुख्यालय को भागलपुर से भाया अमरपुर जोड़ने वाली मुख्य राज्यमार्ग 25 में सैजपुर के समीप ओढ़नी नदी पर बन रहे उच्चस्तरीय ब्रिज का काम धीमा होने से इस बार भी श्रावणी मेला के दौरान आमजनों व कांवरियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि जर्जर हो चुके पुराने पुल को ध्वस्त करके नया हाईलेवल ब्रिज बनाने का काम गत वर्ष जून माह में शुरू किया गया था। जिसके पूरा करने का नियत समय अवधि 2026 में मार्च महीने तक है। आवागमन में परेशानी को ध्यान में रखते हुए छोटे और मँझले वाहनों के लिए डायवर्शन भी बनाया गया है,लेकिन भारी सवारी वाहनों और मालवाहक वाहनों का प्रवेश इस रास्ते से निषेध है।
बिहार राज्य पुल निगम की ओर से पुल निर्माण के लिए टेंडर की राशि लगभग 36 करोड़ की स्वीकृत है। जिसमें कुल 244 मीटर ब्रिज की लंबाई और 18 मीटर की चौड़ाई के साथ एप्रोच पथ भी बनाना है। हालांकि बरसात से पुर्व पुल निगम के इंजीनियरों के अनुसार ब्रिज निर्माण का 60 फीसदी काम पुरा कर लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। अबतक सभी एक दर्जन फाउंडेशन और सब स्ट्रक्चर को भी 60 प्रतिशत से अधिक पुरा कर लिया गया है। इसके बाद सुपर स्ट्रक्चर का काम कराया जाना है,और गार्डर ढलाई के बाद डेक स्लैब और एप्रोच का काम निर्धारित समय अवधि तक पूरा कर लिया जायेगा। गर्मी के दिनों में पुल निर्माण कार्य में शिथिलता बरते जाने से बरसात के दिनों में काम के और अधिक धीमा होने के आसार लगाए जा रहे हैं। इसी मार्ग से बांका शहर के नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत कई वार्ड के गांव जैसे गर्निया,नौनिहारी,एकसिंघा, समुखिया,सैजपुर आदि कई मोहल्ले वासियों का आना जाना लगा रहता है।पिछले बार की बरसात में नदी में पानी का बहाव बढ़ जाने के बाद डायवर्शन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और इसका कुछ हिस्सा कट कर पानी के तेज बहाव में बह गया था,जिसके बाद पैदल आवागमन भी कई दिनों तक प्रभावित हो गया था।हालांकि तब सीएम के पुर्व निर्धारित कार्यक्रम को देखते हुए युद्धस्तर पर इसे दुरुस्त कर छोटे वाहनों के लिए आवागमन को बहाल किया गया था।इस बार के बरसात में अगर नदियों के तटबंध पर ध्यान दिए बगैर ओढ़नी जलाशय से पानी छोड़ा जाता है तो फिर से वही स्थिति बनने की प्रबल संभावना है।सावन मास में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के दौरान इस मार्ग से भी स्थानीय श्रद्धालुओं के जत्था द्वारा भागलपुर सीढ़ी घाट और सुल्तानगंज से जल भरकर पैदल बिना रुके डाक कांवरियों के रूप में पहले ज्येष्ठगौरनाथ और फिर बांका के भयहरणस्थान, केशोरिया नाथ महादेव मंदिर,पंचमुखी शिव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में जल चढ़ाया जाता है।इन्हें डायवर्शन पर नुकीले पत्थरों और कंकड़ से भारी कष्ट का समाना करना पड़ता है,जिसे वे भोलेनाथ का नाम जपकर पार कर लेते हैं। ओढ़नी नदी पर सैजपुर के समीप बने डायवर्शन पर भारी वाहनों के प्रवेश अवरुद्ध रहने से वाहन मालिकों के साथ ही आमजनों और सवारियों को भी मशक्कत का सामना करना पड़ता है।बांका में घुसने के लिए डायवर्टेड रूट का उपयोग करने पर सभी सवारी बसों को शहर के आजाद चौक से मसूरिया के रास्ते पोखरिया जाकर समुखिया मोड पहुंचकर अमरपुर जाना पड़ता है, जिसमें वाहनों और सवारियों को करीब 10 से 12 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी मजबूरी होती है।समुखिया मोड स्थित बांका के पुलिस लाइन में भी जरूरत पड़ने पर विभिन्न भारी वाहनों को घूमकर ही जिला मुख्यालय की दूरी तय करनी पड़ती है। कोट : श्रावणी मेला को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डायवर्शन को दुरुस्त कराकर समतल करा दिया जायेगा।पुल निर्माण कार्य ससमय पूरा कर लिया जाय,इसके लिए लगातार संवेदक के कार्यों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है।बरसात में किसी तरह की परेशानी डायवर्शन में उत्पन्न न हो,इसका भी विशेष ख्याल रखा जायेगा। ज्ञानचंद दास,कार्यपालक अभियंता (बिहार पुल निर्माण निगम, भागलपुर)
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