Sahabganj Market Faces Neglect Amid Shravan Mela Poor Infrastructure and Traffic Chaos जाम अतिक्रमण और खराब सड़क से बदहाल साहबगंज बाजार, Banka Hindi News - Hindustan
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जाम अतिक्रमण और खराब सड़क से बदहाल साहबगंज बाजार

बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- पीके विश्वकर्मा श्रावणी मेला में इस बाजार से गुजरते हैं प्रतिदिन हजारों कांवरिया वाहन। - सालों भर सड़क पर बहता है

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाSat, 31 May 2025 05:24 AM
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जाम अतिक्रमण और खराब सड़क से बदहाल साहबगंज बाजार

बेलहर(बांका), निज प्रतिनिधि। श्रावणी मेला के दौरान दो महीने तक 20 किलोमीटर कांवरिया पथ की सारी जरूरतों को पूरी करने वाला साहबगंज बाजार जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक उदासीनता के कारण बदहाल है। साहबगंज बाजार से कांवरिया पथ धौरी, कुमरसार, शिवलोक, जमुईया धर्मशाला, जिलेबिया मोड़ से कांवरिया पथ निम्माटांड़ तक सीधे साहबगंज बाजार से जुड़े हुए हैं। सावन और भादो महीना में बाजार पर काफी डब्बा बढ़ जाता है। लेकिन अतिक्रमण से संकरा, खराब सड़क, जाम और सड़क पर बहते नाला से बाजार की स्थिति खराब हो गई है। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की प्रशासनिक तैयारी दो महीने पहले से शुरू हो जाती है।

कांवरिया पथ के अतिक्रम हटाए जाते हैं। पथ की मरम्मती की जाती है। सौंदर्यकरण किया जाता है। लेकिन कांवरिया पथ के मुख्य बाजार को नजर अंदाज कर दिया जाता है। बाजार में बड़े बड़े तालाब नुमा गढ्ढे हो जाते हैं। प्रतिदिन हजारों कांवरिया वाहन जान हथेली पर लेकर हिचकोले खाते हुए गुजरते हैं। इस दौरान अनेकों दुर्घटनाएं होती है। लेकिन सड़क की मरम्मती नहीं कराई जाती है। जिससे कांवरिया वाहन वाले के साथ सतह आम लोग भी परेशान रहते हैं। इतना ही नहीं प्रशासन के लोगों को भी परेशानी होती है। सुल्तानगंज से बाबा धाम जाने के लिए रास्ते में अनेकों कांवरिया वाहन साहबगंज बाजार के चौक चौराहों पर खड़े किए जाते हैं और कांवरिया लोग चाय पानी पीने, शौच, लघुशंका आदि के लिए वाहन से उतरते हैं। लेकिन साहबगंज बस स्टैंड चौक पर यात्री शेड, धर्मशाला, सार्वजनिक उस सरकारी शौचालय चापाकल कुछ भी नहीं है। रात में कांवरिया ठहरते हैं, समय बिताते हैं लेकिन चौक पर एक भी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। जिससे कांवरियों और आम यात्रियों को काफी परेशान का सामना करना पड़ता है। ये सारी सुविधा यहां उपलब्ध होनी ही चाहिए। साहबगंज बाजार में अस्थाई अतिक्रमण और जाम से लोग परेशान रहते हैं। इस बाजार में सालों भर जाम की स्थिति बनी रहती है। लेकिन श्रावणी मेला के दौरान जाम की स्थिति कई गुना बढ़ जाती है। हजारों कांवरिया वाहन तीन तीन घंटे तक दो किलोमीटर तक जाम में फंसे रहते हैं। अस्थाई अतिक्रमण और छोटे वाहन टोटो, टेंपो, ठेला, बाइक आदि के दुकानों के आगे खड़े कर देने से और दिन रात बड़े बड़े ट्रक और हाइवा के गुजरने से भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। दुकानदारों द्वारा अपने दुकान का सामान आगे रोड पर पसार देने के कारण वाहन वालों को जाम का सामना करने पड़ता है। खास कर बस स्टैंड चौक, बांका रोड, देवघर रोड, बैंक चौक, चांदनी गली आदि में अस्थाई अतिक्रमण के कारण लगने वाले जाम से लाखों कांवरिया, दुकानदारों और आम लोगों को परेशानी होती है। काम से कम सावन और भादो महीने तक भी अस्थाई वाहन पड़ाव बाजार में या बाजार के बाहर जरूरी है। जाम से कारोबार पर सीधा बुरा असर पड़ता है। श्रावणी मेला के दौरान कांवरिया पथ में उपलब्ध कराए जाने वाले सारे सामग्री की आपूर्ति साहबगंज बाजार से होती है। अन्य दिनों की अपेक्षा श्रावणी मेले के दौरान कारोबार कई गुना बढ़ जाता है। वाहनों और ग्राहकों का दबाव काफी बढ़ जाता है। कांवरिया पथ का मुख्य बाजार होने के कारण किराना से जुड़े तमाम खाद्य सामग्री, भवन निर्माण, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन, प्लास्टिक, तिरपाल, रस्सी, लोहा लक्कड़, बांस, कॉस्मेटिक, दवाई, फल, सब्जी, इलेक्ट्रिक सामान, रंग रोगन, निर्माण, लकड़ी और प्लाई के सामान, पानी, कोड ड्रिक, किताब, पूजन सामग्री सहित कांवरियों की पथ में तमाम जरूरतों की चीजों का कारोबार होता है। यह कारोबार लाखों रुपए प्रतिदिन का होता है। लेकिन बाजार में कोई सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जाता है। साहबगंज बाजार में सालों भर उपभोक्ताओं को जर्जर विद्युत व्यवस्था का सामना करना पड़ता है। बाजार के सारे तार, पोल, केबुल, ट्रांसफार्मर का हैंडल, जर्जर हो चुका है। सड़क पर जगह जगह तार और केबुल लटका हुआ है। बाजार से गुजरने के दौरान भारी वाहनों द्वारा लटका तार नोच दिया जाता है। झुके हुए पोल में धक्का मारते गिराते भारी वाहन आगे निकल जाते हैं। इस दौरान कई बार बाजार में हादसा हो चुका है। जर्जरता के कारण श्रावणी मेला के दौरान बिजली की स्थिति और अधिक खराब हो जाती है। साहबगंज बाजार में सालों भर नाले का गंदा पानी सड़क पर बहता है। जिस कारण पूजा करने मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को नाले के पानी में चलकर मंदिर जाना पड़ता है। श्रावणी मेला में सैंकड़ों कांवरिया बाजार में दुर्गा मंदिर, काली मंदिर, हनुमान मंदिर आदि में ठहरते हैं। बाजार में जरूरी सामान खरीदते हैं। ऐसे शिव भक्तों को नाले के पानी से गुजरना पड़ता है। वाहनों के गुजरने के दौरान सड़क का गंदा पानी दुकानों में चला जाता है। जिससे दुकानदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बाजार में सड़क पर बहते नाले को बंद करने को लेकर प्रशासन और प्रतिनिधि का प्रयास फेल हो चुका है। बेलहर विधायक मनोज यादव ने कहा कि साहबगंज बाजार में लोगों की सुविधा के लिए मुलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। सावन से पूर्व प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाने तथा वहां सारी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा जाएगा।

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