Traffic Crisis Looms Over Kataria Market Ahead of Sawan Festival श्रावणी मेले से पहले ट्रैफिक जाम का खतरा मंडराया, कटोरिया बाजार की स्थिति नाजुक, Banka Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBanka NewsTraffic Crisis Looms Over Kataria Market Ahead of Sawan Festival

श्रावणी मेले से पहले ट्रैफिक जाम का खतरा मंडराया, कटोरिया बाजार की स्थिति नाजुक

बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- कविन्द्र कुमार सिंह हर दिन गुजरेंगे हजारों वाहन, प्रशासनिक तैयारी नदारद, बाईपास खुद बना चुनौती बाजार

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाSun, 15 June 2025 04:33 AM
share Share
Follow Us on
श्रावणी मेले से पहले ट्रैफिक जाम का खतरा मंडराया, कटोरिया बाजार की स्थिति नाजुक

कटोरिया (बांका) निज प्रतिनिधि। सावन का पावन महीना दस्तक देने वाला है और महज 26 दिन बाद से सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर की ओर श्रद्धालुओं का रेला चलने को तैयार है। बिहार के सुल्तानगंज से देवघर तक की 105 किमी लंबी पैदल कांवर यात्रा देशभर में प्रसिद्ध है। हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों कांवरिये इस धार्मिक यात्रा में शामिल होंगे। इनमें एक बड़ी संख्या ऐसे श्रद्धालुओं की होती है जो निजी वाहनों, बसों और अन्य साधनों से देवघर पहुंचते हैं। इन्हीं की सुविधा और यात्रा मार्ग का हिस्सा है कटोरिया बाजार, जो इन दिनों गंभीर ट्रैफिक संकट की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।

कटोरिया बाजार बांका जिले का प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है, जहां आम दिनों में भी ट्रैफिक जाम आम बात है। श्रावणी मेले में जब इस मार्ग से रोजाना हजारों गाड़ियां गुजरेंगी, तब हालात कितने भयावह हो सकते हैं, इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है। स्थानीय प्रशासन की ओर से न तो पर्याप्त तैयारी की गई है, न ही कोई स्पष्ट कार्य योजना अब तक सार्वजनिक की गई है। कटोरिया बाजार की सड़कें पहले से ही सड़क किनारे अतिक्रमण, अनियोजित दुकानों की भरमार और पार्किंग के अभाव ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।बाजार के अंदर पैदल चलना भी चुनौती बन गया है। हालांकि बाजार को हाल ही में अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। लेकिन दोपहिया वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग, ऑटो-रिक्शा की मनमानी स्टॉपेज और दुकानदारों द्वारा दुकान के सामने गाड़ियां खड़ी कर देने से सड़कें संकरी हो जाती हैं। स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि दिन के समय बाजार में ऐसी स्थिति रहती है कि दो कार भी आमने-सामने से ठीक से नहीं गुजर सकतीं। ऐसे में जब श्रावणी मेला शुरू होगा और हजारों कांवरियों से भरी बसें, ट्रक, निजी गाड़ियां और एंबुलेंस बाजार से गुजरेंगी, तो बाजार पूरी तरह ठप हो सकता है। हर दिन अनुमानित 10,000 वाहन गुजरने की संभावना श्रावणी मेले के दौरान हर दिन लगभग 10,000 से अधिक वाहन कटोरिया बाजार से होकर देवघर की ओर जाते हैं। इनमें कांवरियों को ले जा रही बसें, प्रशासनिक गाड़ियां, एंबुलेंस, निजी कारें, बाइक और व्यापारिक वाहन शामिल होते हैं। इस भारी दबाव को झेलने के लिए बाजार की वर्तमान सड़कें और ट्रैफिक प्रबंधन पूरी तरह अक्षम हैं। स्थानीय निवासी और व्यापारी बताते हैं कि बीते वर्षों में हर बार श्रावणी मेला के दौरान बाजार क्षेत्र घंटों तक जाम में फंसा रहता है। मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस तक घंटों फंसी रहती है। लेकिन इसके बावजूद आज तक कोई ठोस स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। बाईपास बन सकता था समाधान, लेकिन खुद संकट में पिछले वर्ष गाड़ियों के दबाव को देखते हुए प्रशासन द्वारा कटोरिया बाजार के सुईया रोड स्थित मुड़ियारी मोड़ के पास से बुढ़वाबांध होकर देवघर रोड में चेयरमैन आवास के समीप तक एक बाईपास सड़क शुरू की गई थी। लेकिन इस मार्ग की जो स्थिति फिलहाल है उससे भारी वाहनों का गुजरना संभव नहीं है। उसपर मेले के दौरान बारिश हो जाने से यह रास्ता कीचड़मय हो जाता है। लेकिन अगर समय रहते इस मार्ग को डामरीकरण एवं चौड़ीकरण किया जाए तो यह मार्ग भारी वाहनों के साथ साथ कांवरिया वाहनों को बाजार से बाहर रखने का एकमात्र विकल्प हो सकता है। क्षेत्र के लोगों ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। उनका कहना है कि प्रशासन को मेला शुरू होने से पहले बाईपास मार्ग का चौड़ीकरण कर डामरीकरण करना चाहिए। साथ ही, बाजार से अतिक्रमण हटाकर सड़क को आवागमन योग्य बनाया जाए। लोगों का आरोप है कि हर साल सिर्फ बैठकें होती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती। बाजार में पार्किंग व्यवस्था का अभाव कटोरिया बाजार में न तो कोई निर्धारित पार्किंग स्थल है और न ही किसी प्रकार की वाहन नियंत्रण नीति। बाजार में आने वाले लोग गाड़ियां सड़कों के किनारे खड़ी कर देते हैं, जिससे दोनों ओर का ट्रैफिक बाधित होता है। दुकानदार भी अपनी दुकानों के सामने गाड़ियां लगाते हैं, जिससे फुटपाथ पूरी तरह अतिक्रमित हो जाता है। देवघर रोड पर बजरंगबली मंदिर के पास, सुईया रोड में दुर्गा मंदिर के पास और बांका रोड में यूको बैंक के पास बसों का ठहराव होता है। यह स्थिति भी जाम का प्रमुख कारण है। लेकिन बस स्टॉप को बाजार से बाहर शिफ्ट करने जैसी कोई पहल नहीं की गई है। प्रशासनिक उदासीनता से लोगों में नाराज़गी स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन हर साल बैठक करता है, योजनाएं बनती हैं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता। श्रावणी मेला कोई नया आयोजन नहीं है। हर वर्ष इसकी तिथि पहले से तय होती है, भीड़ अनुमानित होती है, फिर भी समय रहते ट्रैफिक प्रबंधन और आधारभूत संरचनाओं पर काम नहीं किया जाता। लोगों का आरोप है कि प्रशासन मेले से ठीक पहले खानापूर्ति करता है और दिखावे के लिए कुछ अस्थायी व्यवस्था कर देता है, जो किसी भी आपात स्थिति में नाकाफी साबित होती है। इस बार भी वैसा ही होता दिख रहा है। कहते हैं जिम्मेवार श्रावणी मेले को लेकर नगर पंचायत पूरी तरह तैयार है। बाजार क्षेत्र में ट्रैफिक प्रबंधन और साफ-सफाई हमारी पहली प्राथमिकता है। बाजार को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है। श्रावणी मेले के दौरान बाईपास निर्माण को लेकर जिला प्रशासन से चर्चा की जाएगी। मेला अवधि में श्रद्धालुओं और आमजन को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। सपना शिवानी, चेयरमैन, कटोरिया नगर पंचायत स्थानीय लोगों की राय श्रावणी मेले की तैयारी हर साल कागज़ों पर होती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं दिखता। अगर प्रशासन ने समय रहते ट्रैफिक और सड़क की समस्या नहीं सुलझाई, तो भारी अव्यवस्था तय है। पुष्पा सिंह पूर्व सरपंच बाजार में पैदल चलना मुश्किल हो गया है। हर तरफ गाड़ियां और जाम। मेला शुरू होते ही हालात और खराब होंगे। प्रशासन को बाईपास को दुरुस्त करना चाहिए ताकि कांवरियों को सुविधा मिले। पंकज चौधरी, व्यवसाई हम हर साल जाम के कारण नुकसान उठाते हैं। ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पाते। पार्किंग की कोई जगह नहीं है, सब सड़क पर ही गाड़ी लगाते हैं। मेला से पहले व्यवस्था जरूरी है। बमशंकर वर्णवाल, कपड़ा दुकानदार बाजार में ऑटो खड़ा करने की जगह नहीं है। सवारी उतारते ही जाम लग जाता है। बाजार में पार्किंग की अत्यंत आवश्यकता है। सत्येन्द्र सिंह, ऑटो चालक स्कूल और कॉलेज आने-जाने में रोजाना परेशानी होती है। सड़कें संकरी हैं, बाइक और ऑटो बीच सड़क में रोक दिए जाते हैं। मेले में स्थिति और खराब हो जाएगी। अनमोल रत्न, छात्र बाईपास एक बेहतर विकल्प हो सकता था, लेकिन उस पर न कोई देखभाल है, न काम। हर साल सिर्फ दावा और घोषणा होती है, लेकिन असल में कुछ नहीं होता। मुकेश सिंह, स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि कांवर यात्रा से पहले अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था करे और बाजार से भारी वाहनों को दूर रखे। वरना हालात बेकाबू हो जाएंगे। सुनील कुमार, व्यवसाई बाजार में महिलाओं को बहुत दिक्कत होती है, खासकर भीड़ के समय। अगर मेले में भी यही हाल रहा तो महिलाएं घर से निकलना बंद कर देंगी। बुनियादी व्यवस्था जरूरी है। स्नेहा चौधरी, नेत्री हमने कई बार मांग की कि बाईपास को चौड़ा किया जाए और बाजार से ट्रैफिक हटे, लेकिन सिर्फ वादे मिलते हैं। युवाओं को आगे आकर दबाव बनाना होगा। कुश सिंह, युवा श्रावणी मेले के दौरान जाम के कारण छात्रों की उपस्थिति पर सीधा असर पड़ता है। समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते, पढ़ाई बाधित होती है। प्रशासन को मेला अवधि में ट्रैफिक नियंत्रण और विशेष स्कूल मार्ग की व्यवस्था करनी चाहिए। जसना वीके, प्राचार्या हर साल मेला आता है और हर बार वही समस्या दोहराई जाती है। ना सड़क सुधरती है, ना पार्किंग बनती है। अब लोगों को तात्कालिक नहीं, स्थायी समाधान चाहिए। तभी हालात सुधर सकते हैं। रणधीर सिन्हा, स्थानीय बाजार में ट्रैफिक का हाल देखकर लगता है कि प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। कोई भी आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस तक नहीं निकल सकती। यह बहुत खतरनाक है। संतोष कुमार सिंह, युवा लोजपा नेता

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।