मौत के खौफनाक मंजर से वापस लौट आई, दो बच्चियों ने सुनाई अपनी सहेलियों के मौत की डरावनी दास्तां
साइड स्टोरी साइड स्टोरी रजौन प्रखंड के सिकानपुर गांव के लिए गुरुवार का दिन हुआ अमंगल साबित। मृतका के घरों में पसरा है मातम का माहौल, दहा

रजौन(बांका), निज संवाददाता। रजौन थाना क्षेत्र के सिकानपुर गांव के लिए गुरुवार का दिन अमंगल साबित हुआ। अपने माता-पिता की लक्ष्मी रूपी दो नाबालिक बच्चियां रजौन-अमरपुर सीमा क्षेत्र के चांदन नदी में डूबकर दुनिया छोड़ गई। इन दोनो बच्चियों के घरों में मातम का माहौल है। हंसते-खेलते दो परिवारों के आंगन में मौत के ख़ौपनाक मंजर ने एक डरावनी दर्द भरी टीस लंबे समय के लिए दे दी है। मृतका के माता-पिता सहित परिजनों के मार्मिक चित्कार से पूरा गांव दहल गया है। अन्य दो बच्चियां जो बच गई है, वे दोनों अपने घर प्राथमिक उपचार के बाद वापस लौट आई है, लेकिन दोनों बच्चियां डरी-सहमी है।
अपने सहेलियों के मौत का ग़म उनके चेहरे पर साफ दिख रहा है। इधर मृतका की मां दहाड़ मारकर रो रही है। अपने परिजनों को बिना बताए गांव के ही अपने अन्य एक बच्चे और तीन बच्चियों के साथ अमरपुर के जेठौरनाथ धाम में चांदन नदी पार कर यज्ञ देखने जा रही सिकानपुर गांव के रुपेश यादव की दूसरी पुत्री निशा कुमारी(12 वर्ष) वहीं बाराहाट थाना क्षेत्र के लोनी गांव के उदय यादव की पुत्री राखी कुमारी(13 वर्ष) को क्या पता था, की गुरुवार का दिन दोनों के लिए जिंदगी की आखिरी दिन साबित होगी। उदय यादव की पुत्री राखी अपने नाना के घर सिकानपुर में रहकर ही पढ़ाई कर रही थी। दोनों मृतक के परिवार मजदूर परिवार के है। मौत के मुंह से बाहर निकलकर वापस घर लौट आई दोनों बच्चियों अनीषा कुमारी, पिता पांडव यादव, काजल कुमारी पिता सुभाष यादव के आंखों में खौफ साफ दिख रहा था। दोनों ने बताया कि नदी पार कर गांव के ही कुल 6 नाबालिक बच्चे यज्ञ देखने जा रहे थे। इधर लगातार बारिश होने और बालू उठाव होने के कारण नदी गहरी हो गई थी, जिससे पानी का पता नहीं चला, और निशा और राखी डूबने लगी। इधर अनीषा और काजल ने नदी के एक पेड़ के टहनी को पकड़ कर अपनी जान बचाई, और चिल्लाना शुरू किया। इसके बाद दो बच्चे एक दिलखुश कुमार और अर्चना कुमारी जो नदी के बाहर ही थे, उन दोनों ने गांव पहुंच कर परिजनों सहित ग्रामीणों को जानकारी दी, इसके बाद ग्रामीणों की मदद से सभी को बाहर निकाला गया। इसके बाद दो को अमरपुर के रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। इधर मृतका दोनों बच्चियों का शव देर रात को गांव पहुंचते ही परिजनों के मार्मिक चित्कार से पूरा गांव रो पड़ा। मृतका निशा के पिता रुपेश, मां सीता देवी, बहन अर्चू कुमारी(9 वर्ष), भाई हिमांशु कुमार(8 वर्ष), प्रेमलता(6 वर्ष), सिमो (4 वर्ष) की आंखों से आंसुओं के धार रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। इधर राखी की नानी धनेश्वरी देवी, नाना छबील यादव सहित परिजन भी दहाड़ मार कर रो रहे थे। राखी के पिता उदय, और मां भी सिकानपुर गांव पहुंच गए है। पूरा गांव गमगीन है।
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