स्वच्छता कर्मी सुबोध की मौत से परिजनों पर टुटा गमो का पहाड़
साइड स्टोरीसाइड स्टोरी धोरैया(बांका)संवाद सूत्र शुक्रवार की सुबह सड़क दुर्घटना में हुए सुबोध की मौत के बाद परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट

धोरैया(बांका), संवाद सूत्र। शुक्रवार की सुबह सड़क दुर्घटना में हुए सुबोध की मौत के बाद परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों के चिख और पुकार से पूरा गांव स्तब्ध है। बताया जाता है कि सुबोध स्वच्छता कार्यों के अलावे मेहनत मजदूरी कर अपने पूरे परिवार का परवरिश करता था। लेकिन उनके मौत के बाद परिवार का भरण पोषण करने वाला कोई नहीं है। जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि सुबोध को तीन लड़का व एक लड़की है। जिसमें बड़ी लड़क़े का शादी होने के साथ है व अपने परिवार से अलग रहता है जबकि एक लड़की की भी शादी हो चुकी है।
वही सुबोध दो नाबालिक पुत्र के साथ अपनी पत्नी का भी भरण पोषण मेहनत मजदूरी करने क़े साथ करता था। इस दौरान सुबोध स्वच्छता कार्यों के अलावे गांव घर में मेहनत मजदूरी का काम करता था। लेकिन शुक्रवार को उनके मौत हो जाने के बाद जहां दो नाबालिक के सर से पिता का साया उठने के साथ ही घर की संपूर्ण जिम्मेदारी सुबोध की पत्नी धरमा देवी के कंधों पर आ गई है। मैं सुबोध की पत्नी अपने पति की मौत से आहत होकर दहाड़ मार कर रो रही है और अपने दो नवालिक बेटों क़े परवरिश की चिंता सता रही है। जबकि पिछले तीन वर्षो से स्वक्षता कार्यो से जुड़े सुबोध क़े परिजनों को सरकारी सहायता की कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही है। वही पंचायत क़े मुखिया ग्यास खां ने कहा की स्वक्षता कर्मी को सरकार की तरफ से मिलने वाले हर सहायता क़े लिए प्रयास करूंगा ताकि परिजन को लाभ मिल सके।
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