विलुप्त हो रही भारतीय लोक संस्कृति की विरासत को सहेजना जरूरी
फोटो नं. 12, निपनिया में आयोजित रंग उमंग कार्यशाला में मौजूद अतिथि, प्रतिभागी व अन्य। से शंभू साह स्मृति ग्रीष्मकालीन रंग-उमंग कार्यशाला में 12 गांवों के डेढ़ सौ बच्चों ने नाट्य कला समेत अन्य विधाओं

गढ़हरा(बरौनी),एक संवाददाता। रंग-उमंग कार्यशाला में विलुप्त हो रही भारतीय लोक संस्कृति की झलक देख दर्शक गदगद नजर आए। रविवार की देर शाम निपनिया में आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन रंग-उमंग कार्यशाला के समापन दिवस पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी की ओर से शंभू साह स्मृति ग्रीष्मकालीन रंग-उमंग कार्यशाला में 12 गांवों के डेढ़ सौ बच्चों ने नाट्य कला समेत अन्य विधाओं की जानकारी हासिल की। इसमें गीत, नृत्य, नाटक और फाइन आर्ट्स की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया। झिझिया, झूमर, गोधना, जतसार जैसे गीत-नृत्य प्रस्तुत करतीं प्रतिभागी अनुप्रिया, संस्कृति, स्नेहा, मुस्कान, रूही प्रिया, आंचल, रौशनी, सिमरन, स्वीटी, सुप्रिया, जयश्री, तनुश्री, सुगम, संध्या राज, अंजलि, आरुषि, पूनम, प्रियांशी, स्मृति, अर्पिता ने लोगों का दिल जीत लिया।
जबकि, ओडिशी नृत्य मंगलाचरण में बच्चों ने अपने ताल और आंगिक संचालन से लोगों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। वहीं, कार्यक्रम के केंद्र में रहे बच्चों की मनमोहक प्रस्तुति छोटी सी प्यारी सी, नन्हीं सी आई कोई परी, बम बम भोले मस्ती में डोले... में रूही, अनुभव, सृष्टि सहित अन्य बच्चों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। नाटक में मोबाइल और फास्टफूड को लेकर बच्चों पर हो रहे कुप्रभाव को रोमांचक रूप से बाल कलाकार राहुल कुमार, रोहन कुमार, अर्णव, रवि रंजन कुमार ने शानदार तरीके से प्रस्तुत किया। ललित कला में शुभांगी व अंकुश की कलाकृतियों ने सबका मन मोह लिया। गीत- संगीत में अभिलाषा, आरुषि वर्मा, भारती, सृष्टिबाला ने अपनी गायिकी से श्रोताओं का दिल जीत लिया। खासकर मानव ने शास्त्रीय गायन में अपने पिता मिथिलेश कुमार के साथ संगत करते हुए खूब वाहवाही लूटी। इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कला संस्कृति अधिकारी श्याम कुमार सहनी, एसएन आजाद, डॉ. हेमंत कुमार, प्रो. जेपी शर्मा, बीहट नगर परिषद के उपमुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार, रंगकर्मी सारिका, युवा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल कुमार, बच्चों की पाठशाला के रौशन कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतिथियों ने कहा कि विलुप्त हो रही भारतीय लोक संस्कृति की विरासत को सहेजना जरूरी है। अतिथियों का स्वागत सचिव गणेश कुमार, स्थानीय वार्ड पार्षद कुमार गौतम ने किया। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन डॉ. कुन्दन कुमार ने किया। मौके पर नृत्य प्रशिक्षक नरेश कुमार, साक्षी कुमारी, अंकित कुमार, अनिमेष, रोहित, राधे कुमार, संगीत के आनन्द, बलिराम, संतोष, बबलू, गुड्डू, मनीष, नाटक में रवि वर्मा, अंकित राज, विश्वजीत और फाइन आर्ट के मनीष कुमार, अंकित कुमार सहित अन्य कलाकारों को सम्मानित किया गया। मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी शिवजी आर्य, मनोज सिंह, अरुण श्रीवास्तव, वार्ड पार्षद मो. दिलशाद, कक्कू चौधरी, विकास कुमार, साइकिल पे सन्डे टीम के अंशु कुमार, सुजीत कुमार, शुभम, गोविंद, राम गोविंद, कुणाल कुमार, लवली कुमारी, विनोद कुमार सहित अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एक साथ तीन मंजिले मंच पर अलग-अलग गीतों पर नृत्य करते 50 से अधिक बच्चों की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया।
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