फरदाहा में बगैर कर्मकांड के श्राद्ध कर्म करने का निर्णय
बिहार के बेनीपुर के फरदाहा गांव में स्व. चंद्रकला देवी के पुत्रों ने बिना कर्मकांड के श्राद्ध कर्म करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय श्रीकृष्ण चेतना मंच की पहल पर हुआ। परिवार ने शिक्षा और गरीब कन्याओं...

बेनीपुर। प्रखंड के फरदाहा गांव में स्व. चंद्रकला देवी के पुत्रों ने बगैर कर्मकांड के मां का श्राद्ध कर्म करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय इस परिवार से श्रीकृष्ण चेतना मंच की पहल पर किया है। श्रीकृष्ण चेतना मंच के महासचिव डॉ. शिवकिशोर राय ने मंच की पहल को व्यावहारिक धरातल पर उतारने के लिए स्व. चंद्रकला देवी के तीनों पुत्रों को साधुवाद देते हुए समाज के हर तबके को इस पर विचार करने की बात कही। मंच के उपाध्यक्ष रामविलास यादव ने कहा कि नए परिवर्तन के समाज को तैयार रहना चाहिए। समाज को नई दिशा देने के लिए जिम्मेदारी से युवाओं को आगे आना चाहिए।
स्व. चंद्रकला देवी अपने पीछे तीन पुत्रों से भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैं। उनके पुत्रों ने समाज में बेटी की शादी व बच्चों की पढ़ाई में अपने परिवार द्वारा आगे बढ़कर योगदान देने की बात कही। शिक्षक सह मंच के कार्यकारिणी सदस्य पवन कुमार यादव की मां चंद्रकला देवी का देहांत गत 10 जून को हो गया। श्राद्ध कर्म के चौथे दिन फरदाहा में हरी लाल यादव की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा हुई। इसमें मृतक के शिक्षक पुत्र श्री यादव ने संकल्प लिया कि श्राद्ध कर्म पर होने वाले फिजूल खर्ची से बचेंगे तथा इस पर होने वाले खर्च को मेधावी बच्चों की पढ़ाई में देंगे। इसके अलावा समाज की गरीब कन्याओं के विवाह में इस राशि से मदद पहुंचाएंगे। श्राद्ध कर्म और मृत्यु भोज पर होने वाला खर्च समाज के विकास के लिए बाधक है। श्रद्धांजलि सभा में अन्य लोगों ने भी मृत्यु भोज व इससे संबंधित कुरीतियों के प्रति लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया। बैठक में शिक्षा को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। मौके पर मंच की ओर से कैलाशपति यादव, कृष्ण कुमार यादव, पूरन यादव, सतीश कुमार, उमाशंकर यादव, शैलेश कुमार, अनिल यादव, अरुण यादव, विनोद कुमार यादव आदि थे।
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