कैमूर में 50 आहर के जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ, सिंचाई में होगी आसानी
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पेज चार की लीड खबर कैमूर में 50 आहर के जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ, सिंचाई में होगी आसानी भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा करीब 70 लाख की लागत से कराया जा रहा कार्य आहर का जिर्णोद्धार कराए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्तर में भी होगी बढ़ोतरी भभुआ, हिंदुस्तान संवाददाता। कृषि को बढ़ावा देने एवं सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में शासन-प्रशासन हर स्तर पर काम कर रहा है। कैमूर जिले में भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा लगभग 50 आहर के जिर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। आहर के जिर्णोद्धार पर विभाग का करीब 70 लाख रुपए खर्च होंगे।
भूमि संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक राकेश रंजन ने यह बताया कि आहर के जिर्णोद्धार के लिए मार्च में ही आनलाइन आवेदन प्राप्त किए गए थे। विभागीय निर्देश एवं गाइडलाइन के आलोक में आवेदनों की जांच प्रक्रिया के बाद बारी-बारी से आहर के जिर्णोद्धार का कार्य कराया जा रहा है। ताकि खरीफ फसल की खेती में किसानों को सिंचाई की सुविधा बेहतर ढंग से उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि विभाग से जारी पत्र के आलोक में वैसे आहर को चिन्हित किया गया है जो घास फूस और मिट्टी से पूरी तरह से भर गया है। नहर व तालाब पोखरा का पानी आहर से खेतों तक नहीं पहुंच पा रही है। सहायक निदेशक ने यह भी बताया कि आहर को जिर्णोद्धार के लिए पहले स्थानीय किसानों से बात कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की गई है। ताकि बाद में उनके द्वारा किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं कराई जा सके। जानकार सूत्रों की माने तो आहर जाम रहने के कारण किसानों को रबी व खरीफ फसल की सिंचाई करने में काफी असुविधा हो रही है। जिले में सिंचाई का राह होगा आसान भभुआ। भूमि संरक्षण विभाग द्वारा आहर का जिर्णोद्धार कराए जाने से एक तरफ जहां किसानों को सिंचाई का राह आसान हो जाएगा। वहीं दूसरी तरफ समय पर फसल की सिंचाई होने से उत्पादन बढ़ने में भी मददगार होगा। किसान सत्येन्द्र सिंह, नागेन्द्र पाल व तेजपति सिंह ने बताया कि गांव में कई आहर वर्षों से जाम पड़ा है। उन्होंने बताया कि भूमि संरक्षण विभाग द्वारा जिर्णोद्धार कराए जाने से सिंचाई का राह आसान हो जाएगा। जिले के जल स्तर में होगी बढ़ोतरी भभुआ। गांवों में स्थित आहार का जिर्णोद्धार किए जाने से जल स्तर में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। किसान सुरेन्द्र पांडेय, महेन्द्र कुमार सिंह व मुकेश सिंह ने बताया कि आहर मिट्टी व घांस फुस से जाम होने के कारण उसमें पानी नहीं टिक पाता है। जिर्णोद्धार किए जाने के बाद आहर में बरसात व तालाब पोखरा का पानी जमा होगा। जिससे जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। जिले में आहार की जिर्णोद्वार किए जाने से सिंचाई की सुविधा बेहतर मिलेगी। कोट कैमूर जिले में 50आहर के जिर्णोद्वार का कार्य चल रहा है। जिर्णोद्वार का कार्य 60प्रतिशत पूरा हो गया है। आगामी 15जून से पहले कार्य और भुगतान की प्रक्रिया भी पूर्ण हो जाएगा। राकेश रंजन,सहायक निर्देशक ,भूमि संरक्षण फोटो-01 जून भभुआ-05 कैप्शन-भभुआ शहर के पूरब तरफ कसेर वितरणी से सटे जाम पड़े माइनर की कराया जाएगा जिणार्ेद्वार
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