Bihar s Baijla Village Students Face Water Supply Crisis Amid Government Negligence बोले जमुई: स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की हो व्यवस्था, मिले शुद्ध पेयजल, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले जमुई: स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की हो व्यवस्था, मिले शुद्ध पेयजल

बैजला पंचायत के छात्रों को जलापूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 3.57 लाख रुपये की लागत से जलापूर्ति योजना लागू नहीं हो पाई है। स्कूल में न तो हैंड वाश स्टेशन है और न ही स्मार्ट क्लास की...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 7 June 2025 01:18 AM
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बोले जमुई: स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की हो व्यवस्था, मिले शुद्ध पेयजल

बोले जमुई: स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की हो व्यवस्था, मिले शुद्ध पेयजल

बोले जमुई: स्कूल में बने वर्ग कक्ष, पेयजल की हो व्यवस्था

बैजला पंचायत के छात्रों की परेशानी

बैजला गांव 6 हजार आबादी वाला है।

-3.57 लाख रूपए की लागत से स्कूली में होना था जलापूर्ति की व्यवस्था

-4 माह पूर्व दो कक्ष को तोड़ गया लेकिन आज तक नहीं बन पाया प्रधानाध्यापक का कक्ष

झाझा के अत्यंत पिछड़े और लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रही बैजला पंचायत के बैजला में सरकारी योजना के प्रयास को पंख नहीं लग पा रहा है। मध्य विद्यालय बैजला में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की जलापूर्ति योजना मजाक बन कर रह गई है। 3.57 लाख रुपए की लागत से जलापूर्ति व्यवस्था से जलापूर्ति शुरू नहीं की जा सकी है। ना हैंड वाश स्टेशन बना और ना ही ऐसे ही अन्य संबंधित कार्य हो सके। जिस पानी की टंकी को छत पर रखा जाना चाहिए वह जमीन पर ऐसे ही पड़ी है। प्रधानाध्यापक कक्ष का अभाव झेल रहे इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक कक्ष समेत दो कक्षों के तोड़े जाने के कारण चौथे माह में भी प्रधानाध्यापक के लिए कक्ष का निर्माण नहीं हो पाया है। साथ ही स्कूल आने-जाने के लिए बच्चों को गंदे पानी से गुजरना पड़ता है। बोले जमुई के दौरान स्कूली बच्चों ने अपनी समस्या से रूबरू कराया।

बै जला पंचायत के बैजला गांव में अभी तक सरकार की योजनाओं समुचित रूप से नहीं पहुंच पाई है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान यहां के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि स्कूल में न तो स्मार्ट क्लास की व्यवस्था है न ही पीने के लिए शुद्ध पानी मिल पाता है। और तो और बैठने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। ना हैंड वाश स्टेशन बना और ना ही ऐसे ही अन्य संबंधित कार्य हो सके। जिस पानी की टंकी को छत पर रखा जाना चाहिए वह जमीन पर ऐसे ही पड़ी है। इसे कौन सी व्यवस्था कहेंगे कि कागज में तो दिखला दिया गया कि विद्यालय के बच्चों के लिए जलापूर्ति बहाल कर दी गई है परंतु वास्तविकता कुछ और ही बयां करती दिख रही है। लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहे इस क्षेत्र में आज भी बच्चों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्कूल के पास गंदे पानी का जमाव होने से बच्चों को गंद्र पानी से होकर वहां पहुंचना पड़ता है। न तो पुस्तकालय की सुविधा स्कूल में है न ही सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगी है। इससे लड़कियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। स्कूल में पेयजल की व्यवस्था भी समुचित रूप से नहीं है। बैजला गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रा कहते हैं कि सरकार अपने पूर्ववर्ती सरकार को भ्रष्ट कहते नहीं थकती अपने भाषणों में पूर्व की सरकार को भ्रष्टाचारी सरकार बतलाते रहती है परंतु इसी सरकार में यदि ऐसी स्थिति दिखे तो इसे क्या कहेंगे। प्रधानाध्यापक कक्ष का अभाव झेल रहे इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक कक्ष समेत दो कक्षों के तोड़े जाने के चौथे माह में भी प्रधानाध्यापक के लिए कक्ष का निर्माण नहीं हो पाया है। यहां से प्रभारी प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार ने बताया कि विद्यालय में एक भी चापाकल नहीं है। इस राशि से एक दिन भी एक बूंद पानी भी बच्चों को उपलब्ध नहीं हो सका। प्रधानाध्यापक कक्ष समेत दो कक्षों के तोड़े जाने के छठे माह में भी प्रधानाध्यापक के लिए कक्ष का निर्माण नहीं हो पाया। विद्यालय आने-जाने के लिए सड़क एवं आसपास में नाले का गंदा पानी सड़क पर बहने से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी होती है।

शिकायत

1. सरकार की जलापूर्ति योजना नहीं उतरी धरातल पर।

2. ना हैंड वाश स्टेशन बना और ना ही ऐसे ही अन्य संबंधित कार्य हो सके।

3. स्कूल में अबतक स्मार्ट क्लास नहीं बन पायी है। यहां आज भी बच्चे पुराने तरीके से ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

4. स्कूल में लाइब्रेरी का अभाव है। इस कारण बच्चों को पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

5. स्कूल में सेनिटरी पैड वेंडिंग मशीन नहीं है जिससे लड़कियों को दिक्कत होती है।

सुझाव

1. जिस पानी की टंकी को छत पर रखा जाना चाहिए वह जमीन पर ऐसे ही पड़ी है।

2. स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास की सुविधा होनी चाहिए।

3. स्कूल में एक समृद्ध पुस्तकालय होना चाहिए जहां बैठकर बच्चे पढ़ सकें और अपने ज्ञान को बढ़ा सकें।

4. स्कूल में शिक्षा विभाग की ओर से एक सेनिटरी पैड वेंडिंग एवं भस्मक मशीन की व्यवस्था की जानी चाहिए।

5. स्कूल के बच्चों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था हो।

सड़क की स्थिति हुई जर्जर नहीं दे रहा हैं कोई ध्यान

बैजला लगभग छह हजार की आबादी वाला गांव है फिर भी यहां के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां जल निकासी के लिए सड़क किनारे नाली बनाई गई हैं फिर भी नाली का पानी अंतत: सड़क पर ही आता है । नाली में भी पानी जम गई है जो कई जगह कीचड़ का रूप ले चुकी है। यहां के ग्रामीण सदानंद यादव, रामचरण यादव, सुरेश विश्वकर्मा, आशीष कुमार, मनीष कुमार, अरुण विश्वकर्मा सहित कई लोगों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से बदहाल सड़कों से लोग परेशान हैं। मुख्य सड़क की स्थिति खराब है और इस पर किसी का ध्यान नहीं है। सिंधु टोला, विश्वकर्मा टोला सहित उच्च माध्यमिक विद्यालय के सामने जल जमाव कीचड़ का रूप ले चुकी हैं।

छात्र-छात्राएं ने सुनाया अपना दर्द :

पाठक सर आपके कड़क मिजाजी कार्यकाल में यह सरकारी राशि का पेयजल के लिए कैसा खर्च हुआ जो हम लोगों को उसे व्यवस्था से शुरू से आज तक एक बूंद पानी नसीब नहीं हो सका।

-नेहा कुमारी

लाखों की लागत से विद्यालय की बोरिंग में नल नहीं लगा परंतु इसका क्या फायदा जब जलापूर्ति ही नहीं तो सब बेकार है।

- अर्चना कुमारी

प्रधानाध्यापक कक्ष के अलावे एक अन्य कक्ष के फरवरी माह में ही ध्वस्त कर दिए जाने से वर्तमान के प्रधानाध्यापक कक्ष में परेशानी होती है।

-साक्षी कुमारी

विद्यालय में फिल्टर्ड जलापूर्ति की व्यवस्था की जाए जिससे हम लोग भी स्वच्छ जल का आनंद ले सकें।

- करीना कुमारी

विद्यालय की अपनी पुरानी जलापूर्ति व्यवस्था से किसी प्रकार से हम लोगों को पेयजल की व्यवस्था हो जाती है।

- चांदनी कुमारी

कभी लाल क्षेत्र के रूप में चिन्हित हमारे पंचायत और हमारे गांव बैजला में शिक्षा की अलख जगाने की सरकार के प्रयास को पंख तो लगी है परंतु अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

- पिंकी कुमारी

विद्यालय आने-जाने के लिए सड़क एवं आसपास में नाले का गंदा पानी सड़क पर बहने से परेशानी होती है। इस पर ध्यान दिया जाए।

- रविता कुमारी

विद्यालय में मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना लागू है और इसके तहत सेनिटरी पैड वेंडिंग एवं भस्मक मशीन की व्यवस्था कराई जाए।

-गायत्री कुमारी

स्मार्ट क्लास की व्यवस्था हो ताकि हम लोग भी निजी स्कूलों जैसी शिक्षा प्राप्त कर सकें और अनुभव कर सकें कि हमारे विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था भी सुपर है।

-गीता कुमारी

स्मार्ट क्लास होने से वैज्ञानिक तरीके से शिक्षा ग्रहण करने का लाभ मिलता है। हम अत्यंत पिछड़े एवं गरीब बच्चों को भी इसका सही लाभ मिले।

-आशीष कुमार

शिक्षा में नवाचार की व्यवस्था का लाभ हम दूर दराज के गरीब बच्चों को भी मिले ताकि हम लोग भी विकासशील बिहार के किताब का पन्ना बन सकें।

-कुंदन कुमार

हम लोगों को एनसीईआरटी की मूल पुस्तकें सरकार उपलब्ध कराए ताकि हम लोगों के ज्ञान का स्तर और बढ़ सके।

-पीयूष कुमार

विद्यालय में सुसज्जित पुस्तकालय हो ताकि अपने सिलेबस से इतर भी हम लोग ज्ञान अर्जन प्राप्त कर सकें।

-आदित्य रज

जिस प्रकार से निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए डाइनिंग हॉल में भोजन करने की व्यवस्था होती है हम लोगों के विद्यालय में भी डाइनिंग हॉल की व्यवस्था हो।

-आशीष कुमार वन

विद्यालय में इंडोर गेम्स की पर्याप्त व्यवस्था हो। बच्चों की संख्या अधिक है, खेलने के साधन कम हैं।

-रजनीकांत

पूर्व के विद्यालय प्रधान के समय अर्ध निर्मित रह गए विद्यालय भवन का निर्माण कार्य पूरा हो ताकि हम बच्चों को किसी प्रकार के खतरे का सामना नहीं करना पड़े।

-दीपक कुमार

क्या बोले जिम्मेवार :

यदि जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है तो इस स्थिति की जांच की जाएगी। तभी पता चल सकेगा वास्तविकता क्या है। अमुमन होता यह है कि रनिंग बिल पर पेमेंट हो जाता है और काम कितना हुआ यह तो अभियंताओं को देखना है। चाहे वह कनीय अभियंता हों अथवा सहायक अभियंता, उन्हें ही यह सुनिश्चित करना होता है कि कार्य की अद्यतन प्रगति क्या है और कार्य पूर्ण हुआ अथवा नहीं। वर्तमान में तो शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को ऐसे कार्यों से अलग रखा गया है। जो भी हो, वास्तविक स्थिति की जांच की जाएगी कि धरातल पर क्या दिखता है। उन्होंने भी माना कि ऐसे कई विद्यालय हैं जहां उन्होंने देखा है कि जलापूर्ति गर्मियों में बंद हो गई है। कई जगह ऐसा देखा गया है कि कार्य का पूरा पेमेंट नहीं हो पाया है। क्योंकि किए गए कार्य का पेमेंट स्टेट से होता है, तो ठेकेदार के द्वारा राशि के अभाव में कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है।

-अमृतेश आर्यन, डीपीओ योजना एवं लेखा, जिला शिक्षा कार्यालय, जमुई

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