Severe Heatwave Devastates Mango Crop in Marhara District अत्यधिक गर्मी में समय से पहले ही डाल से टूट रहा आम , Etah Hindi News - Hindustan
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अत्यधिक गर्मी में समय से पहले ही डाल से टूट रहा आम

Etah News - भीषण गर्मी ने जिले के मारहरा क्षेत्र में आम की फसल को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान ने फल गिरने और जलने के निशान छोड़ने के कारण किसानों की आजीविका पर खतरा उत्पन्न कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाFri, 13 June 2025 10:05 PM
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अत्यधिक गर्मी में समय से पहले ही डाल से टूट रहा आम

भीषण गर्मी ने सामान्य जनजीवन के साथ कृषि क्षेत्र को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। विशेष रूप से जिले के मारहरा क्षेत्र में, जो अपने बेहतरीन आमों के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस साल अत्यधिक तापमान ने आम की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इससे क्षेत्र के किसान परेशान हैं और उनकी आजीविका पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। आम की फसल के लिए अनुकूल तापमान की जरूरत होती है। खासकर फल लगने और विकसित होने के दौरान। लेकिन इस साल मार्च और अप्रैल से ही तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई, जो मई और जून में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।

45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान लगातार कई दिनों तक बना रहने से मारहरा में आम के बागों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। अत्यधिक गर्मी और लू के कारण छोटे और अधपके फल बड़ी संख्या में पेड़ों से गिर गए है। इससे उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा सीधे तौर पर नष्ट हो गया। बागवानों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। तेज धूप और लू के कारण आम के फलों पर जलने जैसे निशान पड़ गए। ऐसे फल बाजार में बेहद कम कीमत पर बिक रहे हैं। अधिक दाग लगे फल किसानों को फेकने भी पड़ रहे है। गर्मी के कारण कलियों का विकास रुक गया, जिससे वे आकार में छोटे रह गए और उनका स्वाद भी प्रभावित हुआ। लगातार सूखे और गर्मी ने पेड़ों में पानी की कमी पैदा कर दी है, जिससे उनकी पोषण अवशोषण क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। किसानों पर आर्थिक मार क्षेत्र के किसानों के लिए आम की फसल आय का एक प्रमुख स्रोत है। कई किसानों ने आम के बागों में निवेश के लिए कर्ज भी ले रखा है। फसल को हुए इस बड़े नुकसान से उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई है। उम्मीद से बहुत कम पैदावार होने से न केवल उनकी वर्तमान आय प्रभावित होगी, बल्कि अगले सीजन के लिए निवेश करने की उनकी क्षमता पर भी असर पड़ेगा। किसानों का कहना है कि यह नुकसान इतना बड़ा है कि कई बागवानों को इस साल भारी घाटे का सामना करना पड़ेगा। बता दे कि मारहरा क्षेत्र में लगभग 10 हजार बीघा से अधिक जमीन पर आम का उत्पादन होता है। मारहरा का आम जनपद ही नहीं बल्कि दूर दाराज क्षेत्रों में भी भेजा जाता है।

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