Challenges Faced by Customer Service Points in Rural Banking बोले जमुई : बैंक से नकदी लाने को दी जाए सुरक्षा, तकनीकी मदद मिले, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsChallenges Faced by Customer Service Points in Rural Banking

बोले जमुई : बैंक से नकदी लाने को दी जाए सुरक्षा, तकनीकी मदद मिले

ग्राहक सेवा केंद्र ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, संचालकों को सर्वर डाउन, इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी और सुरक्षा के मुद्दों का...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 30 April 2025 12:02 AM
share Share
Follow Us on
बोले जमुई : बैंक से नकदी लाने को दी जाए सुरक्षा, तकनीकी मदद मिले

ग्राहक सेवा केंद्र जन-जन तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने अपने-अपने ग्राहक सेवा केंद्र (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्थापित किये हैं। ग्राहक सेवा केंद्र चलाने वाले लोगों की अपनी अलग परेशानी है। संबद्ध बैंकों द्वारा खाता खोलने और बीमा योजना करने के लिए टारगेट दिया जाता है, जिसे पूरा करना एक चुनौती भरा काम है। बिना किसी सुरक्षा के ज्यादा मात्रा में नगदी के साथ केंद्र का संचालन करना जोखिम भरा काम है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली या इंटरनेट की सेवा बाधित होने से पैसे के लेन-देन की सेवाएं बीच में ही बाधित हो जाती हैं। संवाद के दौरान जिले के सीएसपी संचालकों और ग्राहकों ने अपनी परेशानी बताई।

70 से अधिक सीएसपी हैं लक्ष्मीपुर इलाके में

02 सौ से अधिक लोग जुड़े हैं इस व्यवसाय से

02 से तीन बार बैंक जाकर लाना होता है रुपया

ग्राहक सेवा केंद्र (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) चलाने में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सर्वर डाउन होने या इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के कारण लेन-देन में रुकावट की समस्या, बायोमेट्रिक मिलान, सॉफ्टवेयर अपडेट की समस्या आदि का सामना करना होता है। ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं जिससे बैंकिंग सेवा से संबंधित बात को समझाने में समस्या होती है। ग्राहक को उनका पैसा निकालने या जमा करने से मतलब होता है, निकालने या जमा करने में क्या समस्या आ रही है वे समझना नहीं चाहते। सीएसपी ऑपरेटर ने बताया कि बिना किसी उचित सुरक्षा व्यवस्था के ज्यादा मात्रा में कैश बैंक से सीएसपी और सीएसपी से बैंक लाने एवं ले जाने में बहुत बड़ा जोखिम रहता है। कई बार ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों से पैसा छीन कर भागने की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं।

बुजुर्गों को होती है आसानी :

संजीव कुमार सिंह का कहना है कि ग्राहक सेवा केंद्र की सेवा शुरू होने से आम जनता आसानी से अपना पैसा निकालते और जमा कर पाते हैं। पहले पैसा निकालने या जमा करने के लिए शहर की मुख्य शाखा में जाना पड़ता था। परंतु अब ग्राहक सेवा केंद्र स्थानीय स्तर पर खुलने से लोग आसानी से अपना पैसा जमा या निकाल सकते हैं। सिकंदर यादव का कहना है कि मेरे जैसे बुजुर्ग लोग अब आसानी से ग्राहक सेवा केंद्र से अपने खाता में जमा पेंशन के पैसे को अपने खर्च अनुसार कभी भी निकाल सकते हैं। बुजुर्ग लोगों को पेंशन का पैसा उठाने के लिए पहले शहर के बैंकों में महीने में एक बार ही जाना होता था।

सेवा प्रदाता बैंक भी करें सहायता :

चंदन कुमार सिंह ने बताया कि ग्राहक सेवा केंद्र पर पैसे का लेन-देन करने के लिए ग्राहक सुबह से ही लाइन लगा देते हैं। ग्राहक सेवा केंद्र सरकारी या प्राइवेट बैंकों के माध्यम से सीधे तौर पर या किसी प्राइवेट कंपनी के माध्यम से खोला जा सकता है। ऐसे में किसी भी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए सीएसपी संचालक को प्राइवेट कंपनी के ऊपर निर्भर होना पड़ता है। जैसे सर्वर डाउन होना या इंटरनेट कनेक्टिविटी में कमी या बायोमेट्रिक उपकरणों जैसे फिंगरप्रिंट स्कैनर या सॉफ्टवेयर में खराबी होने की परिस्थिति में प्राइवेट कंपनी के सेवा पर ही निर्भर होना पड़ता है। ऐसे में सीएसपी प्रदाता बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्राइवेट कंपनियां सभी प्रकार से ग्राहक सेवा केंद्रों को सहायता मुहैया काराएं। ऐसे प्राइवेट कंपनियों के जिला कोऑर्डिनेटर सीएसपी संचालकों से गलत रूप से पैसों की उगाही भी करते हैं।

बिजली जाने से होती है परेशानी:

सीएसपी संचालकों का कहना है कि दिनभर में कई-कई बार बिजली चली जाती है। कई जगहों पर इन्वर्टर या सोलर पैनल की व्यवस्था भी नहीं है, जिससे काम पूरी तरह ठप हो जाता है। वहीं दूसरी ओर, इंटरनेट की धीमी रफ्तार भी एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। कई बार ट्रांजैक्शन करते समय नेटवर्क फेल हो जाता है, जिससे ग्राहक नाराज हो जाते हैं और भरोसा भी कम होता है। सबसे बड़ी समस्या बिजली कटौती और इंटरनेट की धीमी गति की है, जिससे न सिर्फ उनकी कमाई प्रभावित हो रही है, बल्कि ग्राहकों को भी समय पर सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

ग्राहक सेवा केंद्रों पर भरोसा बनाए रखने की जरूरत :

ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों की शिकायतें आमतौर पर उनके कार्यक्षेत्र, तकनीकी समस्याओं, कमीशन और बैंकों या संबंधित कंपनियों के सहयोग से जुड़ी होती हैं। परंतु ग्राहक यह समझते हैं कि इन सभी समस्याओं की जड़ सीएसपी संचालक ही हैं जबकि सच्चाई यह होती है कि तकनीकी समस्याओं के लिए प्राइवेट कंपनियां के ऊपर और सेवा शुल्क के लिए बैंकों के नियम के ऊपर सीएसपी संचालक निर्भर होते हैं। लोगों का कहना है कि सीएसपी खोलने के लिए शुरुआती निवेश उपकरण, दुकान, सॉफ्टवेयर आदि को खरीदने के लिए अधिक होता है, लेकिन रिटर्न की गारंटी नहीं होती। ग्राहक की आधार लिंकिंग, लेन-देन या खाता खोलने के लिए ग्राहकों द्वारा गलत कागजात देने में भी संचालक को दोषी ठहराया जाता है।

तकनीकी समस्याएं बनती हैं बाधा:

कुछ ग्राहक व्यक्तिगत द्वेष के कारण सीएसपी संचालक के खिलाफ झूठा आरोप लगाकर शिकायत करते हैं। सीएसपी संचालक को और ज्यादा परेशान करने के लिए इसकी लिखित शिकायत सीएसपी प्रदाता बैंक के पास कर देते हैं। ऐसी स्थिति में सीएसपी प्रदाता बैंक को ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक को भरोसे में लेने के उपरांत ही ग्राहकों के शिकायत का निराकरण करना चाहिए। इससे सीएसपी संचालक का विश्वास ग्राहकों के बीच में बना रहेगा और शिकायतकर्ता का समाधान भी हो पाएगा। बैंक से जुड़े इन सीएसपी केंद्रों पर नकद निकासी, पैसे जमा करना, खाता खोलना और अन्य जरूरी सेवाएं दी जाती हैं। लेकिन तकनीकी समस्याओं की वजह से ये सुविधाएं बाधित हो रही हैं। संचालकों का कहना है कि जब काम नहीं होता, तो उन्हें कोई भुगतान भी नहीं मिलता, जिससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। सीएसपी संचालकों ने सरकार और बैंक प्रबंधन से मांग की है कि इन समस्याओं का समाधान किया जाए।

शिकायत

1. सर्वर डाउन होने या इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के कारण लेन-देन में रुकावट आती है। प्राइवेट कंपनियां समय पर इसका समाधान नहीं करती हैं।

2. बायोमेट्रिक उपकरणों जैसे फिंगरप्रिंट स्कैनर या सॉफ्टवेयर में भी खराबी आती है।

3. कुछ बैंकों या सीएसपी प्रदाता कंपनियों द्वारा सेवा शुल्क पर कमीशन संरचना स्पष्ट नहीं होने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है।

4. ग्राहकों का सीएसपी पर भरोसा कम होता है, क्योंकि वे इसे बैंक शाखा जितना विश्वसनीय नहीं मानते है।

5. सीएसपी केंद्रों पर इनवर्टर नहीं होने से सेवाएं बीच में बाधित होती है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बार-बार कटती है।

सुझाव :

1. प्राइवेट सीएसपी प्रदाता कंपनियों को ग्राहक सेवा केंद्र पर इंटरनेट कनेक्टिविटी और सर्वर डाउन होने जैसी समस्या का यथाशीघ्र समाधान करना चाहिए।

2. सीएसपी प्रदाता बैंक को विभिन्न सेवाओं पर शुल्क और उसपर मिलने वाले कमीशन की सूची जारी होनी चाहिए।

3. किसी भी उपकरण का सॉफ्टवेयर अपडेट होने से पहले ही पूर्व सूचना देनी चाहिए।

4. सीएसपी प्रदाता बैंक को ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों पर पूर्ण भरोसा करना चाहिए।

5. बैंकों को सीएसपी संचालकों का प्रशिक्षण नियमित रूप से होना चाहिए।

सुनें हमारी बात

सीएसपी प्रदाता बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए की प्राइवेट कंपनियों के सभी जिला कोऑर्डिनेटर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सभी प्रकार से ग्राहक सेवा केंद्रों को सहायता मुहैया कराएं। ग्राहकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से होना चाहिए।

-सिकंदर यादव

ग्राहक यह समझते हैं कि इन सभी समस्याओं की जड़ सीएसपी संचालक ही हैं। जबकि सच्चाई यह होती है कि तकनीकी समस्याओं के लिए प्राइवेट कंपनियां के ऊपर और सेवा शुल्क के लिए बैंकों के नियम के ऊपर सीएसपी संचालक निर्भर होते हैं।

-रुक्मिणी कुमारी

ग्राहक के आधार लिंकिंग, लेन-देन या खाता खोलने के लिए ग्राहकों द्वारा गलत कागजात देने में भी संचालक को दोषी ठहराया जाता है। ग्राहक कैसे भी करके सीएसपी में अपना खाता खुलवा लेना चाहते हैं।

-दौलती देवी

ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों की शिकायतें आमतौर पर उनके कार्यक्षेत्र, तकनीकी समस्याओं, कमीशन और बैंकों या के सहयोग से जुड़ी होती हैं। इन सभी एजेंसियों के सहयोग से ही सीएसपी चलता है।

-सारो देवी

ग्राहक सेवा केंद्र की सेवा शुरू होने से आम जनता आसानी से अपना पैसा निकाल और जमा कर पाते हैं। पहले पैसा निकालने या जमा करने के लिए शहर की मुख्य शाखा में जाना पड़ता था।

-सीताराम मंडल

संबद्ध बैंकों द्वारा खाता खोलने और बीमा योजना करने के लिए टारगेट दिया जाता है जिसको पूरा करना एक चुनौती भरा काम है। टारगेट पूरा करने में आने वाली समस्याओं को कोई नहीं देखता है।

- सुलेखा देवी

ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं। इससे बैंकिंग सेवा से संबंधित बात को समझने में समस्याएं होती हैं। ग्राहक को उनका पैसा निकालने या जमा करने से मतलब होता है। समस्या ग्राहक नहीं समझते हैं।

-पावो देवी

कुछ ग्राहक व्यक्तिगत द्वेष के कारण सीएसपी संचालक खिलाफ झूठा आरोप लगाकर शिकायत करते हैं। सीएसपी संचालक को और ज्यादा परेशान करने के लिए इसकी लिखित शिकायत कर देते हैं।

-अंकिता देवी

ग्राहक सेवा केंद्र पर पैसा लेनदेन करने के लिए ग्राहक सुबह से ही लाइन लगा देते हैं। हमारी कंपनी बेहतर सहायता मुहैया कराती है। सुविधाएं बढ़नी चाहिए।

-रीता देवी

मेरे जैसे बुजुर्ग लोग अब आसानी से ग्राहक सेवा केंद्र से अपने खाता में जमा पेंशन के पैसे को अपने खर्च अनुसार कभी भी निकाल सकते हैं। बुजुर्ग को पहले बैंकों में महीने में एक बार ही जाना होता था।

-रंजना देवी

कई बार ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों से पैसा छीन कर भागने की घटनाएं रिपोर्ट की गई है। कई बार केन्द्र के संचालक अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं। उनकी सुरक्षा के प्रति पुलिस को गंभीर होना चाहिए।

-विजय तांती

ग्राहक सेवा केंद्र चलाने में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे सर्वर डाउन होने या इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के कारण लेन-देन में रुकावट की समस्या देखने को मिलती है।

-सरयुग मांझी

बिना किसी उचित सुरक्षा व्यवस्था के ज्यादा मात्रा में कैश बैंक से सीएसपी व सीएसपी से बैंक लाने एवं ले जाने में बहुत बड़ा जोखिम रहता है। सीएसपी केंद्र पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम हो।

-महेश पंडित

सरकारी बैंक से लेकर प्राइवेट बैंकों ने अपना-अपना ग्राहक सेवा केंद्र ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में भी स्थापित किया है। ग्राहक सेवा केंद्र के खुलने से बैंकों का दबाव कम हो गया है।

-सुनील कुमार

ग्राहक सेवा केंद्र सरकारी या प्राइवेट बैंकों के माध्यम से सीधे तौर पर या किसी कंपनी के माध्यम से खोला जा सकता है। ऐसे में किसी भी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए प्राइवेट कंपनी पर निर्भर होना पड़ता है।

-संजीव कुमार सिंह

सर्वर डाउन होना या इंटरनेट कनेक्टिविटी में कमी या बायोमेट्रिक उपकरणों जैसे फिंगरप्रिंट स्कैनर या सॉफ्टवेयर में खराबी होने की परिस्थिति में प्राइवेट कंपनी की सेवा पर ही सीएसपी को निर्भर होना पड़ता है।

-चंदन कुमार सिंह

बोले जिम्मेदार

बैंक से अधिक राशि लाने या जमा करने वाले को पहले भी कहा गया है कि थाने को सूचना दी जा सकती है ताकि सुरक्षा प्रदान की जा सके। सीएसपी संचालकों से पहले मिटिंग कर उनकी सुरक्षा संबंध समस्याओं को सुना गया है। हमेशा उन्हें थाने से संपर्क मे रहने को कहा जाता है।

-मदन आनंद, एसपी, जमुई

बोले जमुई असर

झाझा बाजार में हटाया गया अतिक्रमण, जुर्माना भी वसूला

झाझा, निज संवाददाता। मंगलवार को झाझा नगर परिषद प्रशासन हरकत में आया और शहर के मेन रोड से लेकर गांधी चौक होते हुए फांड़ी चौक तक अतिक्रमण हटाया गया। इस अभियान में लगभग तीन दर्जन अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई हुई। उनसे चेतावनी स्वरूप करीब तीन हजार रुपये जुर्माने की वसूली भी की गई। जानकारी अभियान में जुटी नप की टीम ने दी। जेसीबी के साथ पुलिस व नप की टीम के सड़कों पर उतरने की खबर फैलते ही सब्जी, फल समेत अन्य फुटपाथी दुकानदार सड़क से सामान, प्लास्टिक के छप्पर आदि को समेटने लगे। जानकारी के अनुसार, जमुई एसपी के निर्देश पर भारी पुलिस बल के साथ मंगलवार को जेसीबी, ट्रैक्टर, बेलचा आदि लेकर स्वच्छता पदाधिकारी मोनिका कुमारी की अगुवाई में सफाईकर्मियों व नपकर्मियों की टोली ने अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत की। सड़क किनारे के नालों पर स्थित सीढ़ियों समेत कच्चे-पक्के निर्माण या बाधा को जेसीबी द्वारा जमींदोज किया गया। इतना ही नहीं, सड़क पर बालू-गिट्टी गिराए लोगों से भी जुर्माने की वसूली की गई। टीम में स्वच्छता पदाधिकारी के अलावा नगर प्रबंधक, कर तहसीलदार ओमप्रकाश साव, संग्राहक गौतम कुमार समेत अन्य कर्मी व सफाई कर्मी मौजूद थे। नप प्रशासन ने स्पष्ट किया कि नप क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान नियमित अंतराल पर आगे भी जारी रहेगा। इसके पूर्व बीते जनवरी में एक अभियान चलाया गया था। ज्ञात हो कि हिन्दुस्तान के बोले जमुई मुहिम के तहत 27 अप्रैल को झाझा में अतिक्रमण की समस्या प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। इसके बाद नगर प्रशासन ने इसपर संज्ञान लेकर कार्रवाई की। इसके लिए झाझा बाजार के आम लोगों और व्यवसायियों ने नगर प्रशासन और हिन्दुस्तान के बोले जमुई मुहिम का आभार जताया।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।