श्रीमद भागवत कथा सुनने का अवसर सबको नहीं मिलता : साध्वी पूजा
शंकरपुर में चल रहे नौ दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान साध्वी पूजा शर्मा ने श्रीमद भागवत कथा का वाचन किया। उन्होंने कहा कि यह कथा ईश्वर के दर्शन कराती है और भक्तों के भाव को महत्व देती है। कथा...

पीरपैंती निज प्रतिनिधि संसार में यूं तो लोगों को कई तरह के किस्से कहानी सुनने का, फिल्में देखने का ,घूमने आदि का अवसर बार बार मिल ही जाता है परंतु श्रीमद भागवत कथा सुनने का अवसर किसी किसी को ही मिलता है।अतः भागवत कथा अवश्य सुनें।यह कथा बार-बार सुनने नहीं मिलेगा। उक्त बातें बिहार झारखंड की ठीक सीमा पर स्थित शंकरपुर में चल रहे नौ दिवसीय नौ कुण्डी लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में श्रीमद भागवत कथा वाचन करते हुए साध्वी पूजा शर्मा ने कही।उन्होंने कहा कि यह कथा भगवान ने भी सुनाई है और यह कथा ईश्वर के भी दर्शन कराती है तथा मन के मैल को साफ करती है।उन्होंने
कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं।उन्हें धन, दौलत, ऐश्वर्य की चाहत नहीं होती वे तो भक्तों के भाव को देखते हैं तथा प्रसन्न हो किसी भी रूप में प्रकट हो दर्शन देते हैं।जिस प्रकार संत एक नाथ ने अपने रखे भोजन को जब एक कुत्ते को खाते देखा तो उन्हें उसमें भी भगवान नजर आए।तथा भाग रहे कुत्ते को रोककर कहा कि भगवान को भोग लगाने के लिए ही मैने यह रोटी रखी थी।और सचमुच आप रूप बदलकर आ गए।उन्होंने जब घी लगा उसके मुंह में रोटी दिया तो गोबिंद नजर आए।भगवान दिखे।अतः जो कोई भी आपको दिखे, जहां दिखे उसे ईश्वर रूप में ही देखना चाहिए।जबकि कथा के बीच एक से बढ़कर एक भजनों की झड़ी से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया।समाचार संप्रेषण तक कथा जारी था।
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