बोले भागलपुर: बाढ़ से बचाव के लिए जियाउद्दीनपुर चौका में बने रिंग बांध
भागलपुर के बरारी पंचायत के जियाउद्दीनपुर चौका गांव में हर साल बाढ़ और कटाव की समस्या है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव को बचाने के लिए रिंग बांध बनाना आवश्यक है। बाढ़ के दौरान अधिकांश परिवार विस्थापित...
भागलपुर नगर निगम क्षेत्र से सटा जिले का बरारी पंचायत है। नगर निगम क्षेत्र में नहीं रहने के बावजूद इस पंचायत के अन्तर्गत बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान हैं। बड़ी-बड़ी कॉलोनियां बस गयी हैं। लेकिन संसाधन के मामले में यह पंचायत पिछड़ा हुआ है। पंचायत का जियाउद्दीनपुर चौका गंगा के कटाव के मुहाने पर है। हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलना इस गांव के लोगों की नियति बन गयी है। बाढ़ से बचाव के लिए स्थायी व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी है। बाढ़ के समय हर साल अधिकांश परिवारों को विस्थापित होना पड़ता है। इसके अलावा नाला और पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि गंगा किनारे के गांव और शिक्षण संस्थानों को बचाने के लिए रिंग बांध होना जरूरी है।
सबौर प्रखंड के बड़े पंचायतों में बरारी शामिल है। जीरोमाइल से बहादुरपुर मोड़ तक एनएच 80 के दोनों तरफ बरारी पंचायत के गांव और मोहल्ले हैं। पंचायत के 14 वार्ड में मतदाताओं की संख्या करीब 15 हजार हैं। पंचायत के अन्तर्गत गोपालपुर, बहादुरपुर, नौलखा, झुरखुरिया, बरारी आदि गांव हैं। शहरी क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग इस पंचायत में रहते हैं। पंचायत के अन्तर्गत बियाडा के अलावा इंजीनियरिंग कॉलेज, ट्रिपल आईटी, महिला आईटीआई, किलकारी, डीएवी आदि बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान हैं। इसी पंचायत का जियाउद्दीनपुर चौका और नवटोलिया चौका बाढ़ प्रभावित इलाका है। गंगा किनारे स्थित जियाउद्दीनपुर चौका में हमेशा कटाव का खतरा बना रहता है। नवगछिया की तरफ से गंगा की मुख्यधारा इसी गांव से आकर टकराती है। इसके चलते ग्रामीणों में भय बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई सालों से सरकार के मंत्री और जिले के अफसरों के यहां फरियाद किया जा रहा है। लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। कटाव से बचाने के लिए स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए।
बरारी पंचायत के मुखिया जयकरण पासवान ने बताया कि कुछ वर्षों से कटाव निरोधी कार्य के चलते जियाउद्दीनपुर चौका में कटाव रुका हुआ है। लेकिन नवगछिया की तरफ से गंगा की मुख्य धारा के यहां मिलने से कटाव का हमेशा खतरा बना रहता है। डूबने से भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। गांव को बचाने के लिए रिंग बांध जरूरी है। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर साल बाढ़ के दौरान गांव के अधिकांश परिवारों को दो महीने के लिए विस्थापित होना पड़ता है। गांव में पांच से छह फीट तक पानी बहता है। ग्रामीण सड़क किनारे या अन्य जगहों पर जाकर शरण लेते हैं। गंगा का पानी निकलने के बाद ग्रामीण फिर अपने घर को रहने के लायक बनाते हैं। इस तरह की समस्या का सामना हर साल ग्रामीणों को करना पड़ता है। बाढ़ के दौरान लोग मुख्य सड़क पर भी नहीं जा पाते हैं। इसके चलते गांव का विकास बाधित हो रहा है। मुखिया ने बताया कि पंचायत में बाहर से आकर रहने वालों की संख्या बहुत है। सरकार से योजना पंचायत के अनुसार मिलती है। इसके चलते समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। कई कॉलोनियां बसने के कारण सभी गली का पक्कीकरण नहीं हो पा रहा है। गंगा के उस पार भी ग्रामीणों की जमीन है। लेकिन फसल को असामाजिक तत्व लूट लेते हैं। पिछले साल भी फसल लूटने की घटना हुई थी। किसानों के फसल की सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। पंचायत में एनएच 80 के उत्तर के गांव और मोहल्लों में नाला के पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। गंगा में गंदा पानी जाने पर रोक है। लोग निजी जमीन या खुद का सोख्ता बनाकर काम चला रहे हैं। पंचायत के जय बिहार, मौर्या जुबली पैलेस, ज्योति बिहार, सेवक नगर, राजेन्द्र नगर, अम्बेदकरनगर, रेशम नगर, गंगा बिहार, गंगा ब्रिज कॉलोनी आदि मोहल्लों में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। सरकार की नल-जल योजना का लाभ भी 30 प्रतिशत से अधिक लोगों को नहीं मिल पाता है।
ग्रामीण मनीष कुमार ने बताया कि पांच साल पहले सड़क मरम्मत के लिए बोर्ड लगाया गया। लेकिन अभी तक सड़क की मरम्मत नहीं करायी गयी। इसके लिए कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सड़क की चौड़ाई अतिक्रमण के चलते 10 फीट से छह फीट हो गयी है। बाढ़ के दौरान हर साल सड़क डूब जाती है। सड़क खराब होने के चलते लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। सड़क की मरम्मति तत्काल करायी जाए।
उपमुखिया भुलेश्वर मंडल ने बताया कि बाढ़ के दौरान दो महीने गांव के बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। बारिश होने पर भी प्राथमिक विद्यालय में पानी घुस जाता है। इसके बाद जियाउद्दीनपुर चौका और नवखोलिया चौका के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाती है। दो मोहल्ले में बड़ी आबादी है। मोहल्ले में एक उच्च विद्यालय भी होना चाहिए। दोनों मोहल्ले में अधिकांश लोग मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं। बाढ़ के दौरान दो महीने विस्थापित रहना पड़ता है। इसके बाद परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी होती है। बाढ़ से बचाव के लिए सरकार को रिंग बांध बनाकर स्थायी व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि हर साल लोगों को बाढ़ के समय घर छोड़ना नहीं पड़े। जियाउद्दीनपुर चौका निवासी नंद किशोर मंडल ने बताया कि स्कूल में पानी जमा होने के चलते बच्चों को डूबने की संभावना बनी रहती है। बाढ़ से बचाव की स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। 2016 में 40 डिसमिल जमीन कट गया। लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं मिली। अक्सर बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। नाला के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही है। वार्ड चार के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि देवानंद कुमार ने बताया कि मोहल्ले में एक भी नाला नहीं है। मोहल्ले की करीब दो हजार आबादी है। बाढ़ के समय गांव में चार से पांच फीट पानी जमा हो जाता है। मुख्य सड़क से संपर्क टूट जाता है। सरकार गांव को बचाने के लिए तत्काल रिंग बांध बनाये। पूर्व पंच शंभू मंडल ने बताया कि जियाउद्दीनपुर चौका के पास गंगा का पानी साफ रहता है। शहरी क्षेत्र से काफी संख्या में लोग यहां गंगा स्नान करने आते हैं। लेकिन सीढ़ी नहीं बनने से डूबने की संभावना बनी रहती है। प्रशासन को यहां गंगा में सीढ़ी बनवाना चाहिए। इसके अलावा महिलाओं के कपड़ा बदलने के लिए कमरा और शौचालय आदि की व्यवस्था करनी चाहिए।
बोले जिम्मेदार
जियाउद्दीनपुर चौका में कटाव रोकने के लिए योजना बनायी जा रही है। बरारी से ममलखा तक रिंग बांध बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिंग बांध किनारे से 50 मीटर हटकर बनाना पड़ेगा। इसके चलते कई ग्रामीण विस्थापित होंगे। विस्थापित परिवारों को भी बसाने के लिए जमीन खोजनी होगी। रिंग बांध बनने पर कटाव की संभावना नहीं रहेगी। मुख्यालय के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।
आदित्य प्रकाश, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल भागलपुर
गंगा किनारे के गांवों को कटाव से बचाये सरकार
सबौर प्रखंड उत्तरी क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश मंडल ने बताया कि हर साल गंगा के कटाव से सबौर प्रखंड के कई गांव प्रभावित होते हैं। कटाव के चलते ग्रामीणों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। कटाव निरोधी कार्य नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। लोगों के आक्रोश का सामना स्थानीय जनप्रतिनिधियों को करना पड़ता है। कटाव से बचने के लिए गंगा किनारे के गांवों में स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। गंगा किनारे रिंग बांध बनाने की जरूरत है। 15 जून तक कटाव निरोधी काम करने का समय रहता है। लेकिन अभी तक उस तरह का काम नहीं दिख रहा है। जिसके चलते लोगों में कटाव को लेकर भय बना हुआ है। विभाग को तत्काल कटाव वाले क्षेत्रों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर बाढ़ से पहले काम पूरा कर लेना चाहिए। रिंग बांध बनाने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। लेकिन अभी तक रिंग बांध बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
कटाव से बचाव के लिए ठोस उपाय करे सरकार
बरारी पंचायत के मुखिया जयकरण पासवान ने बताया कि जियाउद्दीनपुर चौका को गंगा के कटाव से बचाने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए। पूर्व में कटाव निरोधी कार्य होने से तत्काल कुछ राहत मिल रही है। लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। गांव को बचाने के लिए रिंग बांध बनाना जरूरी है। इसके लिए कई बार सरकार के मंत्री, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारियों से आग्रह किया जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। गांव के लोग हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। दो से ढाई महीने तक गांव छोड़कर विस्थापितों की जिन्दगी गुजारनी पड़ती है। गांव में चार से पांच फीट पानी जमा हो जाता है। बाढ़ के चलते ग्रामीणों को हर साल आर्थिक नुकसान होता है। हर साल रहने के लिए घर की मरम्मति करानी पड़ती है। इसके अलावा गांव में पानी निकासी के लिए नाली और पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।
बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल की बेहतर व्यवस्था हो
बरारी पंचायत के उपमुखिया भुलेश्वर मंडल ने बताया कि बाढ़ और बारिश के दौरान जियाउद्दीनपुर चौका और नवटोलिया चौका के बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। बारिश के दौरान स्कूल में पानी जमा हो जाता है। जिसके चलते बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं। बाढ़ के दौरान भी स्कूल में पानी भर जाता है। साल में दो से तीन महीने तक बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। वार्ड चार और पांच के बच्चों को पढ़ने के लिए मात्र एक प्राथमिक विद्यालय है। जबकि दोनों वार्ड की आबादी अधिक है। आबादी को देखते हुए यहां एक मध्य विद्यालय होना चाहिए। इसके अलावा वर्तमान प्राथमिक विद्यालय को मिट्टी भरकर ऊंचा करने और स्कूल की मरम्मति कराने की जरूरत है। ताकि बारिश के दौरान बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो। दोनों वार्ड में अधिकांश लोग मजदूरी करने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। बाढ़ के दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाढ़ से बचाव की व्यवस्था होनी चाहिए।
गंगा घाट किनारे शौचालय और पेयजल की व्यवस्था हो
जियाउद्दीनपुर चौका के नंद किशोर मंडल ने बताया कि गंगा की मूल धारा यहां होने से गंगा का पानी साफ रहता है। शहरी क्षेत्र से काफी संख्या में लोग गंगा स्नान करने के लिए जियाउद्दीनपुर चौका आते हैं। स्नान करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक रहती है। लेकिन घाट पर किसी तरह की व्यवस्था नहीं है। महिलाओं के लिए घाट पर कपड़ा बदलने के लिए कमरा, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। भीड़ के चलते बच्चों के डूबने की संभावना रहती है। पर्व-त्योहार के दिन स्नान करने वालों की काफी भीड़ हो जाती है। घाट पर एसडीआरएफ की तैनाती होनी चाहिए। गांव की सड़क बाढ़ के चलते टूट चुकी है। इसके चलते लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। प्रशासन को सड़क की तत्काल मरम्मति कराना चाहिए। यहां पर रिंग बांध बनाते हुए सीढ़ी का निर्माण भी कराना चाहिए। ताकि गंगा स्नान करने वालों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
इनकी भी सुनें
पानी का दबाव जियाउद्दीनपुर चौका गांव पर पड़ता है। इसके कारण अंदर ही अंदर गंगा का कटाव शुरू हो जाता है। जिससे गांव में भीषण कटाव होने की आशंका बनी रहती है। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे भी गंगा से कटाव होता है। इससे बचाव के लिए बोल्डर पीचिंग करना चाहिए।
-सुरेश मंडल
गंगा में पानी बढ़ने के कारण प्रत्येक साल बाढ़ का पानी घरों में घुस जाता है। बाढ़ प्रभावितों को किसी प्रकार की बाढ़ राहत सहायता राशि नहीं मिलती है। जिससे जीवन यापन काफी मुश्किल हो जाता है। बाढ़ के कारण सारा काम भी ठप हो जाता है। इस दौरान घर छोड़कर सड़क पर रहना पड़ता है।
-सुनिता देवी
बाढ़ के समय लोगों का जीवन नारकीय हो जाता है। इलाके में ग्रामीणों को उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है। कई बार घरों में जहरीला जीव भी देखने को मिलता है। जिससे लोगों के जान का खतरा बना रहता है। बाढ़ के कारण खेती और मजदूरी भी नहीं कर पाते हैं। जिससे परिवार का भरण पोषण मुश्किल होता है।
-देवानंद कुमार
कटाव की समस्या से बचाव के लिए सरकार को सबसे पहले गंगा किनारे रिंग बांध बनवाना चाहिए। गंगा स्नान करने के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं। महिलाओं के लिए शैचालय, यूरिनल और स्नान के बाद कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था होनी चाहिए।
-प्रशांत कुमार
भागलपुर शहर के कई गंगा घाटों पर पानी काफी दूर चले जाने और साफ पानी नहीं होने के कारण काफी संख्या में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालु गंगा स्नान करने जियाउद्दीनपुर चौका घाट पर आते हैं। प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था करनी चाहिए।
-अर्जुन कुमार
बाढ़ के दौरान गंगा का पानी पूरे इलाके में फैल जाता है। जिससे स्थानीय एवं आसपास के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाढ़ का पानी फैल जानें के कारण आसपास के ग्रामीणों के घरों में विषैला सांप और खतरनाक जीव प्रवेश कर जाते हैं। डर से लोग रात में सो भी नहीं पाते हैं।
-निरंजन मंडल
सबौर के जियाउद्दीनपुर चौका में गंगा किनारे वाली ग्रामीण सड़क पर तीन से चार फीट मिट्टी भर कर सिमेंट वाली सड़क का निर्माण होना चाहिए। जिससे सड़क उंची होगी और गंगा का पानी ग्रामीणों के घर में प्रवेश नहीं करेगा। सड़क बनने से लोगों को आवागमन में भी सुविधा मिलेगी।
-शंभु मंडल
गंगा किनारे कटाव से बचाव के लिए नया जाल लगाने के साथ पत्थरों को भी व्यवस्थित किया जाना चाहिए। इससे लोगों को कटाव से बड़ी राहत मिलेगी। पूर्व में हुए कटाव से किसानों के खेत और बगीचा समेत काफी जमीन नदी में समा चुका है। जिसके लिए आज तक कोई मुआवजा नहीं मिला सका है।
-सुधीर ठाकुर
जियाउद्दीनपुर चौका गांव में सड़क की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण चलने में परेशानी होती है। नाला की भी व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण बारिश का पानी नहीं निकल पाता है। गंगा में पानी बढ़ने पर बाढ़ का पानी घरो में घुस जाता है। सरकार या जिला प्रशासन से उनलोगों को बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि भी नहीं मिलती है।
-सारो देवी
बरारी पंचायत के जियाउद्दीनपुर चौका गांव में पांच वर्ष पहले ही मुख्यमंत्री सड़क योजना का बोर्ड लगवाया गया है। लेकिन आज तक सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों द्वारा मई 2022 में ग्रामीण कार्य प्रमंडल के कहलगांव के कार्यपालक अभियंता को आवेदन भी दिया गया है। सड़क निर्माण जल्द होना चाहिए।
-राजेंद्र कुमार निराला
जियाउद्दीनपुर चौका वार्ड 4 में बिजली का ट्रांसफार्मर जमीन के काफी नजदीक है, जिसके कारण ग्रामीणों को करंट लगने का खतरा बना रहता है। बिजली विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर को और अधिक उंचा करना चाहिए। बाढ़ के समय गंगा का पानी बढ़ जाने से गांव में तीन से चार फीट तक पानी जमा हो जाता है, और पानी ट्रांसफार्मर के बिल्कुल करीब आ जाता है।
-रिंकु देवी
एन एच 80 बाबूपुर मोड़ से इंजीनियरिंग कॉलेज की चाहरदिवारी तक कटाव से प्रभावित सड़क के किनारे अतिक्रमण की समस्या है। इसको लेकर दो वर्ष पूर्व सबौर अंचलाधिकारी को आवेदन दिया गया है। प्रशासन अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराकर सड़क का निर्माण कराए।
-रंजीत कुमार मंडल
शिकायतें
1.जियाउद़दीनपुर चौका समेत आसपास के ग्रामीणों को हर साल आने वाली बाढ़ की चिंता सताते रहती है। इससे ग्रामीण अपने साथ पशुओं को लेकर घर बार छोड़ने को मजबूर हो जाते है।
2.वर्षों बीत जाने के बाद भी जियाउद्दीनपुर चौका में सड़क की हालत जर्जर है। सड़क नहीं हाने के कारण आवागमन में परेशानी होती है।
3.सबौर के जियाउद्दीनपुर चौका में कई किसानों की जमीन, खेत, बगीचा और फसल गंगा के कटाव की भेंट चढ़ चुकी है। लेकिन सरकार से किसी तरह की सहायता नहीं मिली है।
4.भीषण कटाव के बाद कई साल पूर्व जियाउद्दीनपुर चौका गांव के गंगा किनारे कटावरोधी कार्य किया गया था, जिसकी जाली टूट चुकी है। पांच हजार से अधिक की आबादी बाढ़ की समस्या से प्रभावित होती है।
5.जियाउद्दीनपुर चौका गांव में कई जगहो पर बिजली का पोल और कवर तार नहीं लगाया गया है, बिजली का ट्रांसफार्मर काफी नीचे है। बच्चों के साथ पशुओं और ग्रामीणों को करंट लगने का खतरा बना रहता है।
सुझाव
1.सबौर के जियाउद्दीनपुर चौका गांव के पास जमीन को तीन से चार फीट ऊंचा कर सड़क निर्माण कराया जाना चाहिए। जिससे लोगों को आवागमन में सुविधा होने के साथ बाढ़ के पानी से भी राहत मिले।
2.जियाउद्दीनपुर चौका गांव और आसपास के इलाके में पानी की निकासी के लिए नाला का निर्माण होना चाहिए, जिससे बारिश के साथ घरों से निकलने वाला गंदा पानी की निकासी हो सके।
3.जियाउद्दीनपुर चौका गंगा घाट के किनारे कई वर्ष पूर्व लगाया गया बोल्डर और जाली को बाढ़ से पूर्व दुरूस्त कराना चाहिए, जिससे बाढ़ के समय ग्रामीणों को कटाव का सामना नहीं करना पड़े।
4.कटाव और बाढ़ पीड़ित परिवारों को सरकार द्वारा समय पर सहायता राशि मुहैया कराया जाना चाहिए। ताकि लोगो को राहत मिल सके और वह परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
5.जियाउद्दीनपुर और बाबूपुर घाट पर गंगा स्नान के लिए काफी दूर- दूर से लोग आते हैं। सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा पीने के पानी, सीढ़ी, शौचालय, यूरिनल, बाथरूम आदि की व्यवस्था करनी चाहिए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।