एंटी रैबीज जो दवा बेची गई वह सदर अस्पताल की ही थी
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में बेची गई एंटी रैबीज की दवा की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। विभागीय जांच में पुष्टि हुई है कि गुड़गांव में बेची गई दवाओं का बैच नंबर सदर अस्पताल का भी था। एक कर्मचारी...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता गुड़गांव में बेची गई एंटी रैबीज की दवा इम्यूनोग्लोबिन मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की ही थी। विभागीय जांच में इसकी पुष्टि हुई है। एक हफ्ते पहले स्वास्थ्य विभाग से जिले को पत्र लिखकर कालाबाजारी में शामिल दवाओं के बैच नंबर मांगे गये थे। जिले से बैच नंबर भेजने के बाद इसकी जांच की गई। जांच में जो बैच नंबर गुड़गांव में मिला था वही बैच नंबर सदर अस्पताल की दवाओं का भी था। एंटी रैबीज के कालाबजारी में सदर अस्पताल का एक कर्मचारी गिरफ्तार भी किया गया था। दो साल पहले गुड़गांव पुलिस ने सदर अस्पताल में छापामार कर उसे गिरफ्तार किया था।
इसके बाद मामले की विभागीय जांच की जा रही थी। जिस एंटी रैबीज दवा की कालाबाजारी की गई थी उसके एक वाइल का मूल्य आठ से दस हजार रुपये तक है। बड़ी संख्या में सदर अस्पताल से यह दवाएं हरियाणा और दूसरे राज्यों में बेची गई थीं। इस मामले में सदर अस्पताल में आउट सोर्सिंग में काम कर एक कर्मचारी को बर्खास्त भी कर दिया गया था। सदर और सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति बीएमएसआईसीएल करती है।
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