जमुई : पांच साल में जिले में 50 लाख 630 पौधे लगे
जमुई जिला में वर्तमान में 4 वन क्षेत्र हैं, जिन्हें बढ़ाकर 6 बनाने की योजना है। हर साल वृक्षारोपण किया जाता है, लेकिन रखरखाव की कमी के कारण आधे पौधे जीवित नहीं रहते। मनरेगा योजना के तहत भी पौधों का...

जमुई। हिन्दुस्तान संवाददाता जमुई जिला पहाड़ और वन क्षेत्र का जिला है। इस जिले में अभी 4 वनक्षेत्र है लेकिन आगे यह बढ़कर 6 वनक्षेत्र बनाने की योजना बनाई गई है। जमुई जिला में जमुई, झाझा, चकाई शेखपुरा वनक्षेत्र पहले से है। दो नया वन क्षेत्र सिमुलतला व सिकंदरा बनाने की योजना है। जिले में हर साल खूब वृक्ष लगाया जाता है। वन विभाग की तरफ से भी लगती है और जिले के किसान भी लगाते हैं। मनरेगा योजना से भी लगाया जाता है लेकिन जितनी वृक्षारोपण कार्य किया जाता है। उसकी आधा वृक्ष भी रखरखाव के कारण नहीं रह पाता हैं।
जिले में पेड़ पौधे का रखरखाव काफी कम है। सरकार द्वारा पौधे का रखरखाव के लिए जो पैसे दिया जाता है वह पैसे तो निकल जाता है लेकिन सरजमी कुछ और बयां कर रही है। अगर सिर्फ जिले के नरेगा योजना का वृक्ष का जायजा लिया जाए तो नरेगा योजना में पौधे का रखरखाव के लिए काफी पैसा निकासी होती है। उसका आधा भी पौधा सरजमी पर नहीं है। जिले में 62 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र है जिसमें 22 प्रतिशत वन लगा हुआ है। वन क्षेत्र की देखरेख के लिए सरकार से समुचित योजना आती है। किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना के तहत 3 साल में एक पौधा को जीवित रहने पर 60 रुपया किसान को दिया जाता है। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पौधा लेने के समय एक पौधा को 10 रुपए किसान से लिया जाता है। वही 3 साल के बाद पौधा जिवित रहने पर सरकार द्वारा किसान को 70 रुपया दिया जाता है। जिले में पेड़ काफी बढ़ चढ़कर लगाया जाता है लेकिन पेड़ का देख रेख नहीं होने के कारण घना वन क्षेत्र नहीं हो पाता है। लेकिन पेड़ का देख रेख नहीं होने के कारण घना वन क्षेत्र नहीं हो पाता है। जिले में 20 18 में 9 लाख पौधरोपण हुआ था। 19 में 11लाख 60 हजार,2020 में 4 लाख,2021 में 11 लाख 50 हजार 630, 2022 में 14 लाख वृक्षारोपण हुआ है। 5 साल में कुल 50 लाख 630 वृक्षारोपण हुआ है।
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