बोले सहरसा : महुआ बाजार में वेंडिग जोन बने तो व्यवसाय होगा उन्नत
सोनवर्षाराज प्रखंड के महुआ बाजार के छोटे व्यवसायियों ने प्रशासन से स्थायी दुकानों की मांग की है। वे कहते हैं कि गर्मी, बारिश और ठंड में सड़क किनारे दुकान लगाना मुश्किल हो रहा है। बाजार में सुविधाओं की...

प्रस्तुति: अनुज कुमार सिंह जिले के सोनवर्षाराज प्रखंड के वर्षों पुराना महुआ बाजार का विकास तो रहा है लेकिन छोटे व्यवसायियों को देखने वाला कोई नहीं है। बाजार में 100 से अधिक सड़क के किनारे दुकान लगाकर व्यवसाय करते हैं। लोगों को जरूरत का सामान मुहैया कराने वाले ये छोटे छोटे कारोबारी को गर्मी, बारिश व ठंड के मौसम में दुकान चलाने में परेशानी होती है। व्यवसायियों की मांग है कि इन्हें स्थायी दुकान दिया जाय ताकि वह भी बेहतर तरीके से रोजगार कर अपने परिवार का गुजर बसर कर सके। हिन्दुस्तान के बोले सहरसा संवाद में महुआ बाजार के छोटे व्यवसायियों ने यहां की समस्याएं रखीं तथा निदान के लिए जिम्मेदारों से अपेक्षा जतायी।
सोनवर्षाराज प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी इलाके का मुख्य बाजार महुआ बाजार के मछली बाजार,हटिया, चौक सहित अन्य जगहों पर छोटे छोटे ठेले पर या दुकान लगाकर अपने सहित परिवार का जीवन यापन कर रहे दुकानदारों के लिए स्थायी जगह बाजार में नहीं मिलने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिला या स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसे दुकानदारों के लिए खाली जगह चिन्हित कर शेड बनाकर सुज्जित तरीक़े से शौचालय व शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने से लोग क्षुब्ध है। दुकानदारों का कहना है कि महुआ बाजार के स्थापना के समय से आजतक किसी प्रशासन के द्वारा सुधी नहीं लिया।और स्थाई जगह देने की बात पर आजतक पहल नहीं किया गया। जबकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा विभिन्न हाट लगाकर प्रतिदिन शुल्क कि भी वसूली किया जाता है। स्थायी जगह नहीं रहने के कारण जीवन चलाने में मुश्किल हो रही है। रोजी रोटी का भी आफत होता है। मुख्य बाजार सहित अन्य जगहों पर सडक किनारे बडी संख्या में लोग अपनी दुकान लगाते हैं। दुकानदार का कहना है कि कभी अतिक्रमण के नाम पर तो कभी जाम की समस्या कहकर परेशान किया जाता है। जबकि आमजनों व राहगीरों के साथ झिकझिक भी होते रहता है। चुनाव, पर्व व बडे अधिकारियों के आवागमन पर भी हमसभी को ही परेशान किया जाता है। हमलोगों को स्थायी जगह नहीं रहने के कारण मजबूरी में सडक किनारे दुकान लगाना पड़ता है लेकिन प्रशासन कभी सहयोग नहीं करती है सडक पर ठेला नहीं लगाने का निर्देश देकर स्थानीय प्रशासन के द्वारा अपना कागजी खानापूर्ति कर लिया जाता है। कर्ज व उधार लेकर परिवार के भरणपोषण के लिए दुकान खोलते हैं उस पर कर्ज चुकाना और परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है। बने वेडिंग जोन तो सभी को होगा फायदा वेडिंग जोन का निर्माण से दुकानदार सहित आमजनों को मिलेगी सुविधा और प्रशासन को भी होगा फायदा।जबकि सडक किनारे लगने वाले दुकान से भी लोगों को मिलेगी राहत। सड़क किनारे दुकान चलाकर जीवन यापन करने वाले दुकानदार का कहना है कि प्रशासन के द्वारा बाजार में स्थायी जगह देकर वेडिंग जोन का निर्माण हो तो एक ही जगह खरीदारी कीलोगों को सुविधा मिलेगी। बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं एक बड़ी आबादी के साथ साथ पूर्वी इलाके के दर्जनों गांव के लोगों सहित सीमावर्ती मधेपुरा जिले के खाडा व उदाकिशुनगंज प्रखंड के कई गांव के लोगों का प्रमुख बाजार वर्षों से रहने के कारण प्रतिदिन विभिन्न सामिग्री कि खरीदारी करने के साथ साथ, स्वास्थ्य सुविधाएं , विभिन्न विद्यालय और कोचिंग संस्थान,बैंक, एटीएम, बसनही थाना रहने के कारण भीड़ अत्यधिक रहती है। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण बाजारों में महिलाओं की संख्या खरीदारी करने वाले अधिक रहती है। ऐसे में शौचालय नहीं रहने के कारण फजीहत झेलनी पड़ती है।बाजार में लगने वाले सैरातों कि प्रति वर्ष बंदोबस्ती वैसे दुकानदारों से राशि की वसूली किया जाता है लेकिन सुविधाएं मुहैया के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता है। शिकायत और सुझाव 1. सड़क किनारे बसे दुकानदार को अबतक नहीं मिली स्थायी जगह 2. समुचित जगह नहीं मिलने से दुकानदारों को होती है परेशानी 3. स्थानीय प्रशासन द्वारा अस्थायी दुकानदारों से नहीं करते सहयोग 4. शुद्ध पेयजल के साथ दुकानदार व ग्राहकों के लिए नहीं है एक भी सार्वजनिक शौचालय 1. सड़क किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदार को मिले स्थायी जगह 2. जाम व अतिक्रमण के नाम पर हटाने का काम पर लगे रोक 3. छोटे छोटे व्यवसाय वाले को प्रशासन करें सहयोग 4. प्रशासन द्वारा बाजार में जगह चिह्नित कर दुकान लगाने की दे अनुमति, होगा विकास हमारी भी सुने -- 1-- मुरली बसंतपुर पंचायत के धेमरा नदी के पश्चिम बसे हजारों की आबादी इस युग में भी समुचित स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं। जनार्दन सादा 2-- इन क्षेत्र के लोगों को मामूली इलाज के लिए औसतन दस किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। इसलिए क्षेत्र में स्वास्थ्य उपकेंन्द्र अति आवश्यक है। घनश्याम पटेल 3-- इस क्षेत्र सहित सीमावर्ती अन्य पंचायत के क्षेत्र में भी दूर-दूर तक स्वास्थ्य उपकेंन्द्र नहीं है। उदय कामत 4-- इस क्षेत्र के ग्रामीणों को इलाज के लिए पूर्णतः स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक पर निर्भर रहना पड़ता है। सिवन सादा 5-- आम लोगों को जमीन के रसीद के समय स्वास्थ्य सेवा सहित अन्य शुल्क भी देना पड़ता है। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य सेवा से वंचित हैं। मो. वजीर 6-- बलहा पंचायत के देवना के ग्रामीणों को भी काफी दूर जाना पड़ता है। यहां स्वास्थ्य उपकेंन्द्र की शुरुआत किए जाने से लोगों को काफी सुविधा मिलेगा। सीता राम सादा 7-- धेमरा नदी के दोनों ओर बसे पंचायत सहित अन्य सीमावर्ती क्षेत्र में भी दूर तक लोगों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए स्वास्थ्य उपकेन्द्र नहीं है। श्याम दास 8-- सदर प्रखण्ड के अन्य क्षेत्र में औसतन चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है। लेकिन इस क्षेत्र में सुविधा नदारद है। राकेश कुमार 9-- उचित स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में इस क्षेत्र में रात के समय किसी व्यक्ति का एकाएक तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले जाने में परिजनों को काफी परेशानी होती है। अभिनन्दन कुमार 10-- महिडगरा घाट स्थित अनुपयोगी सिद्ध हो रहा है। इसका जीर्णोद्धार करवा स्वास्थ्य उपकेंन्द्र की शुरुआत करवाया जाना बहुत ही आवश्यक है। रमण कुमार 11-- यह काफी पिछड़ा क्षेत्र है। यातायात के मामले में भी काफी पिछड़े अनुसूचित, पिछड़ी एवं अल्पसंख्यक बहुल इस क्षेत्र में स्वास्थ्य उपकेंन्द्र आवश्यक है। मो. अख्तर 12-- स्वास्थ्य सुविधा में बढ़ोतरी के लिए यहां स्वास्थ्य उपकेंन्द्र स्थापित किए जाने से होने से क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध होगा। मो. इसाक 13-- यहां उपस्वास्थ्य केन्द्र की शुरुआत किए जाने से गरीबों को मुप्त में स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल पाएगा। मो. सतन 14-- यहां स्वास्थ्य उपकेंन्द्र की शुरुआत किए जाने से अन्य स्थानीय सहित इस क्षेत्र में बसे अन्य प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में बसे लोगों को फायदा होगा। मो. मजहबुल 15 - - इस पिछड़े क्षेत्र में हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर की शुरुआत किए जाने से सही मायने क्षेत्र में विकास की शुरुआत होगी। मो. गफ्फर 16-- इस अतिपिछड़े क्षेत्र में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की आवश्यकता है। कम से कम स्वास्थ्य उपकेंन्द्र की शुरुआत किया जाना अति आवश्यक है। धीरेन्द्र राय क्या कहते हैं जिम्मेवार -- इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री डा. आलोक रंजन से बात करने पर बताया कि राज्य सरकार द्वारा अभी जमीन उपलब्ध कराकर हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के लिए नया भवन बनवाया जा रहा है। इस क्षेत्र में भी नया स्वास्थ्य उपकेंन्द्र के लिए हरसम्भव प्रयास किया जाएगा।
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