Mangal Bazaar Market Faces Waterlogging and Traffic Issues in Katihar बोले कटिहार: बाजार में जलनिकासी की हो व्यवस्था, सुरक्षा भी बढ़े, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले कटिहार: बाजार में जलनिकासी की हो व्यवस्था, सुरक्षा भी बढ़े

कटिहार का मंगलबाजार मार्केट, जो सौ साल पुराना है, जलजमाव और यातायात की समस्याओं से जूझ रहा है। बारिश के दौरान बाजार में पानी भर जाता है, जिससे ग्राहकों की संख्या में कमी आई है। दुकानदारों का कहना है...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 7 June 2025 01:21 AM
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बोले कटिहार: बाजार में जलनिकासी की हो व्यवस्था, सुरक्षा भी बढ़े

मंगलबाजार मार्केट की समस्या

प्रस्तुति मोना कश्यप

मंगलबाजार मार्केट कटिहार का पुराना और प्रतिष्ठित मार्केट है। यहां कपड़े और जूते-चप्पल से लेकर आभूषण और शृंगार सामग्री तक की दुकानें हैं। मतलब कहा जा सकता है कि जूते से लेकर चंडी पाठ तक की होलसेल और रिटेल हजारों दुकानें हैं। करीब सौ साल से अधिक पुराना मार्केट धीरे-धीरे अपनी रौनक खो रहा है। मार्केट के सामने की सड़क की सतह ऊंची हो चुकी है और इस कारण हल्की बारिश में भी परिसर में जल जमाव हो जाता है और कई दुकानों के भीतर पानी घुस जाता है। दुकानदारों का कहना है कि अतिक्रमण और जाम के कारण भी ग्राहक यहां आने से कतराने लगे हैं। इसका असर कारोबार पर पड़ा है। मंगल बाजार, फल पट्टी, गर्ल्स स्कूल रोड, नवोदय बाजार, बाटा चौक, गांजा गली, बस स्टैंड कर्पूरी मार्केट सभी मंगलबाजार के नाम से ही जाना जाता है। लेकिन यह बाजार मंगलवार को बंद रहता है ।

कटिहार की पहचान में मंगल बाजार का बड़ा योगदान रहा है। पूर्णिया से अलग होने के बाद 1972 में कटिहार अलग जिला बना था। इसके बाद से मंगल बाजार की स्थिति और भी बेहतर होते चली गयी। इससे पहले मंगल बाजार में हटिया लगा करता था। जो मंगला हाट के नाम से जाना जाता था , पुराने लोगों की माने तो 100 साल से भी अधिक पुराना यह बाजार अपने अंदर लोगों की जरूरत की हर चीजें रखे हुआ है। आज भी सौ साल पुराने तीन पीढ़ी के लोग दुकान करते मिल जाएंगे ।आसपास के जिले से भी दुकानदार आकर इस बाजार से सामान लेकर जाते है। बावजूद बाजार में महिलाओं की सुविधा का कोई खास ध्यान नहीं रखा जाता है। 40 प्रतिशत कपड़ा दुकान से सजा इस बाजार के दुकानदार भी मानते है कि महिलाओं के लिए अगर पिंक टॉयलेट बन जाएं तो काफी अच्छा रहेगा। क्योंकि विषम परिस्थिति में महिलाएं कटिहार जंक्शन या फिर नगर निगम ही जाती है।

जलमग्न हो जाता है मंगलबाजार , गर्ल्स स्कूल रोड, आमलाटोला रोड, बस स्टैंड मार्केट

साल 2000 के दशक तक बाजार का कारोबार ठीक-ठाक था। लेकिन धीरे-धीरे यहां फुटपाथ पर लगने वाले बाजार के कारण बढ़ती भीड़ और यातायात की समस्या से पारंपरिक ग्राहकों का आना बेहद कम हो चुका है। इसके अलावा मुख्य सड़क के की सतह ऊंची होते जाने के कारण मंगलबाजार सड़क से नीचा हो गया। नतीजतन यहां जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई। बरसात के दिनों में तो बारिश इस बाजार के लिए आफत बन जाती है। स्थिति ऐसी होती है कि बारिश का पानी दो-तीन दिनों तक मार्केट में जमा रहता है। ऐसे में ग्राहक इस बाजार में आने से कतराते हैं। जलजमाव के कारण दुकानें बंद तक करनी पड़ती हैं। दुकान के अंदर पानी घुस जाने से सामान का भी नुकसान होता है। दुकानदारों का कहना है कि उनका कारोबार एक तिहाई तक सिमट गया है।

सस्ते बाजार के लिए जाना जाता है मंगलबाजार

यह मार्केट डिजायनर साड़ियों, रेडिमेड सूट, श्रृंगार, आभूषण, बच्चों के कपड़े, लगेज और बर्तनों की दुकानों के लिए जाना जाता है। यह मार्केट खासतौर पर कुलीन वर्ग के ग्राहकों का पसंदीदा बाजार रहा है। यहां के दुकानदार भी इसी वर्ग को ध्यान में रखते हुए सामान रखते हैं। दुकानदार बताते हैं कि अंग्रेज के समय में यह बाजार बसा था। शहर और गांव के उच्च वर्ग और निम्वर्गों के लोग, व्यवसायी, अफसरशाह यहां तक की सासंद, विधायक और उनके परिवार के लोग यहीं से खरीदारी करने को तरजीह देते रहे हैं। आस पास के जिले जैसे पूर्णिया , अररिया, किशनगंज, नवगछिया, भागलपुर के अलावा दूसरे राज्य झारखंड के साहेबगंज और पश्चिमबंगाल के मालदा से भी लोग यहां खरीददारी करने आते हैं। कई ग्राहकों ने बताया कि आस पास के जिले से यहां सस्ता सामान मिलता है।

पुराने ग्राहक छोड़ चुके बाजार

मंगलबाजार में दस दशक से अधिक पुरानी अपनी पुश्तैनी जड़ी बूटी की दुकान चलाने वाले लेलहु साह के पोते कहते हैं कि वर्तमान समय में यहां का कारोबार ठंडा पड़ चुका है। मंगल बाजार में आजादी से पहले से उनकी दुकान है, जिसे उनके दादाजी ने शुरू किया था। उनका कहना है कि पहले के मुकाबले बिक्री आधी से भी कम रह गई है। पुराने ग्राहकों ने तो यहां आना ही बंद कर दिया है। कभी-कभार आते हैं तो यहां आने में होने वाली परेशानी का हवाला देते हैं।

वैसे ग्राहकों के इंतजार में सुबह से दोपहर हो जाती है। लाखों रुपये लगाकर भी दुकानदारों को सही आमदनी नहीं हो पाती है। दशहरा, दीपावली जैसे त्योहारी मौसम में तो यहां कारोबार बढ़ने की बजाय कम हो जाता है।

दो वार्डों में पड़ने वाला बाजार रहता है सुविधा का अभाव

वार्ड नंबर 30 और वार्ड नंबर 31 में पड़ता है। बाजार मुख्य रूप से शहीद चौक से बाटा चौक, श्यामा टॉकिज रोड, फल पट्टी, चूड़ी पट्टी,सिटी बुकिंग रोड तक फैला है। कपड़ा दुकान के साथ-साथ इस बाजार में चूड़ी मार्केट, श्रृंगार का भी बड़ा बाजार है। इस बाजार में 60 प्रतिशत महिलाएं आती है। मगर महिलाओं के लिए टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं है। वार्ड पार्षद पिंकी देवी ने कहा कि कितनी बार टॉयलेट को लेकर वोर्ड की बैठक में मामला उठाया गया। मगर अभी तक निगम प्रशासन की ओर से इसपर ध्यान नहीं दिया गया। इसको लेकर पार्षद और जनता दोनों में आक्रोश है।

शाही-विवाह के दौरान खरीदारी की बेहतर जगह

मंगलबाजार को शादी ब्याह की खरीदारी के लिए कटिहार समेत आसपास के जिले के लोग भी अपनी प्राथमिकता की सूची में सबसे ऊपर रखते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां कपड़ों के अलावा विवाह के लिए आवश्यक आभूषण की खरीदारी के लिए ज्वेलरी के कई बड़े ब्रांड के शोरूम मौजूद हैं। इस कारण इस बाजार को जिले का वेडिंग डेस्टिनेशन भी कहा जाता है। स्थानीय कहते हैं कि शादी-ब्याह की खरीदारी के लिए तो ये बाजार पूरी तरह से उपयुक्त है। किसी भी दूसरे बाजार में मंगलबाजार जैसा खरीदारी का वातावरण नहीं है। यहां एक ही स्थान पर हर आयु वर्ग के लोगों के लिए जरूरी सामान उपलब्ध है।

ग्राहकों को सामान की गुणवत्ता पर है भरोसा

स्थानीय दुकानदार कहते हैं कि ग्राहकों को यहां उपलब्ध सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर एक भरोसा कायम है। वे आंख बंद कर यहां से खरीदारी करते हैं। दुकानदार भी अपने ग्राहकों के विश्वास को बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। आज तमाम दिक्कतों के बावजूद यहां का कारोबार बाजार के पारंपरिक और पुराने ग्राहकों के भरोसे पर टिका हुआ है।

शाही-विवाह के दौरान खरीदारी की बेहतर जगह

मंगलबाजार को शादी ब्याह की खरीदारी के लिए कटिहार समेत आसपास के जिले के लोग भी अपनी प्राथमिकता की सूची में सबसे ऊपर रखते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां कपड़ों के अलावा विवाह के लिए आवश्यक आभूषण की खरीदारी के लिए ज्वेलरी, कपड़े, जूते , के कई बड़े ब्रांड के शोरूम मौजूद हैं। इस कारण इस बाजार को जिले का वेडिंग डेस्टिनेशन भी कहा जाता है। स्थानीय दुकानदार कहते हैं कि शादी-ब्याह की खरीदारी के लिए तो ये बाजार पूरी तरह से उपयुक्त है। किसी भी दूसरे बाजार में मंगल बाजार जैसा खरीदारी का वातावरण नहीं है। यहां एक ही स्थान पर हर आयुवर्ग के लोगों के लिए जरूरी सामान उपलब्ध है।

सुझाव

1. मंगल बाजार के आस पास सभी मार्केट परिसर से जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाए।

2. मंगल बाजार के बाहर फुटपाथ से अतिक्रमण को हटाया जाए, ताकि कारोबार बढ़े।

3. जाम का हो समाधान ताकि ग्राहक निजी वाहनों से बाजार तक पहुंच सकें।

4. बाजार के आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती हो ताकि ग्राहकों को मिले सुरक्षा।

शिकायतें

1. मुख्य सड़के ऊंचा हो जाने के कारण मंगल बाजार परिसर में जल जमाव होता है।

2. पानी दुकान के भीतर घुस जाता है, सामान बर्बाद होता है।

3. मार्केट के बाहर अतिक्रमण है, ग्राहक आने से कतराते हैं।

4. सड़क जाम के कारण ग्राहकों को अपने वाहनों से आने में समस्या होती है।

नॉमिरिकल पॉइंट्स

100 साल से ज्यादा अधिक से है मंगल बाजार

5 हजार से ज्यादा है दुकानें हैं यहां होलसेल और रिटेल के

1947 ईस्वी के पूर्व मंगला हाट के नाम से जाना जाता था मंगलबाजार

दुकानदारों की बातें

मंगलबाजार में जलजमाव के कारण कारोबार काफी प्रभावित होता है। बरसात के दिनों में हल्की बारिश के बाद ही यहां चलना मुश्किल हो जाता है। तेज बारिश की स्थिति में तो इतना पानी भर जाता है कि दो-दो दिन तक पानी नहीं निकल पाता है।

फोटो 01 पप्पू केसरी

इस बाजार में जलनिकासी की गंभीर समस्या है। यही वजह है कि बरसात के दिनों में यहां जबरदस्त जलजमाव हो जाता है। पानी निकलने में दो-तीन दिन का समय लग जाता है। ऐसे में यहां ग्राहक नहीं आ पाते हैं। कारोबार काफी प्रभावित होता है।

फोटो 02 राजा केसरी

बाजार के बाहर सड़क पर अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम के कारण होने वाली भीड़भाड़ में जेबकतरे बेहद सक्रिय रहते हैं। रोजाना दर्जनों ग्राहकों की जेब कटती है। ऐसे में भीड़भाड़ के बीच से होकर ग्राहक बाजार में नहीं आना चाहते।

फोटो 03 अविनाश कुमार

बरसात के दिनों में गर्ल स्कूल रोड की स्थिति बेहद भयावह हो जाती है। बारिश होते ही यहां जबरदस्त जलजमाव होता है। पानी दुकानों में घुस सकता है। जैसे तैसे सामान को हटाना पड़ता है। हर साल जलजमाव से दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ता है।

फोटो 04 शंभू साह

मंगलबाजार में कुलीन वर्ग के खरीदार अधिक आते हैं। ऐसे ग्राहक खरीदारी के लिए अपने वाहन से ही आते हैं। सड़क पर जाम के कारण उन्हें बाजार तक पहुंचने में कठिनाई होती है। इस कारण भी ग्राहकों की संख्या काफी कम हो चुकी है।

फोटो 05 विक्रम चौबे

मंगल बाजार के बाहर सड़क पर भीड़भाड़ के कारण बाजार में ग्राहकों का आना कम हो गया है। बाजार के अंदर वाहन आने में दिक्कत होती है। इधर-उधर गाड़ी खड़ी करने में ग्राहकों को चालान कटने व वाहन चोरी होने की चिंता रहती है।

फोटो 06 अमन

पर्व में बाजारों में काराेबार बढ़ता है पर हथुआ मार्केट स्थिति विपरीत हो जाती है। त्योहार के कारण होने वाली भीड़भाड़ को लेकर यहां की सड़कें बंद कर दी जाती हैं। ऐसे में बाजार में आने वाले ग्राहकों के पास कोई रास्ता ही नहीं बचता है।

फोटो 07 मो अशरफ

मंगलबाजार, गर्ल्स स्कूल रोड , बाटा चौक से न्यू मार्केट सड़क पर लगने वाला जाम इस बाजार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। यहां अधिकतर ग्राहक निजी वाहन से आते हैं। सड़क पर जाम की स्थिति से उन्हें आने में काफी परेशानी होती है। इस कारण ग्राहकों ने आना कम कर दिया है।

फोटो 08 आफताब

मार्केट में जलजमाव की गंभीर समस्या है। बरसात के दिनों में यहां की हालत बेहद खराब हो जाती है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से बारिश का पानी कई दिनों तक बाजार में जमा रहता है।

फोटो 09 शुभम नायक

मंगल बाजार में अंदर पार्किंग आदि की सुविधा नहीं है। इसलिए सड़क पर अतिक्रमण के कारण भीड़भाड़ व जाम की स्थिति से ग्राहकों को यहां तक आने में काफी संघर्ष करना पड़ता है। बाजार में असामाजिक तत्व का भी जबरदस्त आतंक है।

फोटो 10 विजय केसरी

मंगल बाजार में फुटपाथी दुकानदारों व घूम-घूमकर कपड़े आदि बेचने वाले वेंडरों का आतंक है। कमोबेश एक सौ ठेले वाले सड़क पर चक्कर काटते रहते हैं। यातायात की गंभीर समस्या होती है।

फोटो 11 शानू कुमार

मंगलबाजार के पुराने ग्राहकों ने अब बाजार में आना कम कर दिया है। यहां आने में ग्राहकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। शाहिद चौक की तरफ से वन-वे होने के कारण ग्राहकों को आने जाने में परेशानी है।

फोटो 12 सुरेश प्रसाद

मंगलबाजार में आने वाले ज्यादातर ग्राहक उच्च वर्ग के रहते हैं। वे अपने निजी वाहन से परिवार समेत खरीदारी करने आते हैं। ऐसे में सड़क पर जाम से उन्हें यहां आने में दिक्कत होती है। जाम के कारण ग्राहकों का आना कम हो गया है।

फोटो 13 रविन्द्र कुमार यादव

मंगल बाजार क्षेत्र के सड़क पर अतिक्रमण के कारण काफी भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम रहता है। इससे ग्राहकों को निजी वाहनों से बाजार में आने में काफी कठिनाई होती है। हम लोगों को भी पैदल आने-जाने में मशक्कत करनी पड़ती है

फोटो 14 पन्ना लाल

जलनिकासी की गंभीर समस्या है। इस कारण बरसात के दिनों में यहां जलजमाव हो जाता है। बारिश का पानी दुकान के अंदर घुस जाता है। लाखों का सामान बर्बाद हो जाता है। बाजार में पानी भरे रहने से ग्राहक भी नहीं आते हैं।

फोटो 15 तस्तीक आलम

ग्राहकों को यहां उपलब्ध सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर एक भरोसा कायम है। वे आंख बंद कर यहां से खरीदारी करते हैं। दुकानदार भी अपने ग्राहकों के विश्वास को बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।

फोटो 16 नीरज कुमार

फोटो 17 ग्रुप फोटो

बोले जिम्मेदार

मंगल बाजार में बारिश के कारण जलजमाव की समस्या होती है । ये क्षेत्र नीचा होने के कारण जलजमाव की समस्या है। इसके अलावा बुडको के द्वारा मास्टर प्लान के अंतर्गत काम हो रही है । बहुत जल्दी दुकानदार भाइयों को इसका लाभ दिखने को लगेगा । नगर निगम प्रशासन जल निकासी को लेकर काफी गंभीर है। प्रत्येक दिन काम कर रही है। नाले की सफाई हाईटेक मशीन से रातों में की जाती है। बाजार के लोगों से अपील है कि सिंगल यूस प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें । प्लास्टिक व अन्य कूड़े कचरे नालियों में ना फेंके।

संतोष कुमार, नगर आयुक्त, नगर निगम, कटिहार

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