बोले मुंगेर: सुचारू रूप से हो पानी की सप्लाई तो लोगों की मिटे प्यास
मुंगेर नगर निगम के वार्ड आठ में वासुदेवपुर, मोगल बाजार जैसे क्षेत्रों में लोग जल संकट, अधूरी सीवरेज व्यवस्था, जर्जर सड़कें, खराब स्ट्रीट लाइटें और सुरक्षा के अभाव से जूझ रहे हैं। यहाँ की 16,000 की...

प्रस्तुति: रणजीत कुमार ठाकुर/अमरेंद्र कुमार मुंगेर नगर निगम के वार्ड आठ के अंतर्गत आने वाले वासुदेवपुर, मोगल बाजार, जेड़ बहेरा, केमखा, सुंदरपुर, बंसगढ़ा एवं नयागांव जैसे घनी बसावट में लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। लगभग 16,000 की आबादी और 4,500 मतदाताओं वाला यह क्षेत्र प्रशासनिक उपेक्षा और अधूरी योजनाओं का शिकार बना हुआ है। पेयजल संकट, अधूरा सीवरेज, जर्जर सड़कें, खराब स्ट्रीट लाइटें, सुरक्षा का अभाव, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव और बढ़ता नशाखोरी, यहां की प्रमुख समस्याएं हैं, जो स्थानीय प्रशासन की असफलता को उजागर करती हैं और विकास की पोल खोल रही हैं। इसको लेकर यहां के लोगों के साथ हिंदुस्तान संवाददाता द्वारा संवाद किया गया, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा हमारे समक्ष रखा।
सुचारू रूप से हो पानी की सप्लाई तो लोगों की मिटे प्यास: लोगों ने संवाद के दौरान कहा कि वासुदेवपुर, मोगल बाजार और इसके आस-पास के क्षेत्रों में आज सबसे गंभीर समस्या जल संकट की है। नल जल योजना के तहत जल आपूर्ति न सिर्फ अनियमित है, बल्कि पाइपलाइन लीकेज के कारण पानी गली-मोहल्लों में बहकर व्यर्थ चला जाता है। जमीनी जलस्तर अत्यधिक नीचे जाने के कारण निजी स्रोत भी असफल हो रहे हैं। इसके साथ ही लगभग 250 घर ऐसे हैं जिन्हें अब तक योजना से जोड़ा ही नहीं गया है। उनका कहना था कि सीवरेज व्यवस्था यहां भी अधूरी है। करीब 400 घरों में आज भी सीवरेज कनेक्शन नहीं है। विभागीय अधिकारियों द्वारा यह कहकर आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं कि नल जल एवं सीवरेज योजना का लक्ष्य पूरा हो चुका है। जब तक नया आदेश नहीं आएगा तब तक नया कनेक्शन भी नहीं दिया जा सकेगा। यह स्थिति स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दोनों के लिए खतरा बन चुकी है। उन्होंने बताया कि सड़क एवं गली की स्थिति भी अत्यंत खराब है। खेमखा सहित अधिकांश मोहल्लों की गलियों में गड्ढे हैं, जिनमें बारिश या पानी सप्लाई पाइपलाइन से हो रहे लीकेज का पानी भर जाता है। इससे विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को चलने में भारी दिक्कत होती है। यही नहीं, जल निकासी की व्यवस्था भी चरमराई हुई है। पुराने नाले टूट चुके हैं और नए नाले इतने ऊंचे बना दिए गए हैं कि पानी उसमें जा ही नहीं पाता है, जिससे गलियों में एवं सड़कों पर नल जल योजना से पानी सप्लाई होने पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है। इस क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था भी बदहाल है। लगभग आधी स्ट्रीट लाइटें खराब हैं और कई स्थानों पर अबतक लाइटें लगाईं ही नहीं गईं हैं। 50 से अधिक जगहों पर नयी लाइटों की आवश्यकता है। कई इलाकों में बिजली के खंभों को बदलने की भी आवश्यकता है। रात्रि में अंधेरे का लाभ उठाकर असामाजिक तत्व सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सीसीटीवी की अनुपस्थिति सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है। महिलाओं से छेड़छाड़, छिनतई और नशाखोरी की घटनाएं बढ़ रहीं हैं। पुलिस की निष्क्रियता के कारण यहां स्थित थाना से लगभग 200 मीटर पीछे स्थित ‘हाता क्षेत्र नशे का अड्डा बन चुका है, जहां से गांजा, चरस, शराब आदि की खुलेआम बिक्री हो रही है और यहां नशाखोरी भी होती है। इसका बुरा असर यहां के युवाओं पर पड़ रहा है और उनमें नशे का फैलाव हो रहा है। लोगों ने बताया कि यहां शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों की स्थिति भी दयनीय है। पूरे वार्ड में एक भी विद्यालय नहीं है और आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या भी कम है। स्वास्थ्य केंद्र की अनुपलब्धता के कारण लोगों को दूर स्थित माधोपुर जाना पड़ता है, जहां पहले से ही भीड़ रहती है। आईटीसी कंपनी से होने वाला प्रदूषण भी लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, लेकिन कंपनी की ओर से सामाजिक दायित्व के तहत कोई योगदान नहीं किया जा रहा है। अंततः उन्होंने बताया कि क्षेत्र में एक सामुदायिक भवन की भी आवश्यकता है, जिससे स्थानीय कार्यक्रमों एवं समारोहों के लिए स्थान उपलब्ध हो सके। वर्तमान में लोगों को निजी भवनों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है। निष्कर्ष: वार्ड आठ में स्थित विभिन्न मोहल्लों की समस्याएं केवल सुविधाओं के अभाव की नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और योजनागत विफलता की कहानी बयां करती हैं। यहां की जनता जल संकट, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना की दुर्दशा से त्रस्त है। ऐसी स्थिति में नगर निगम एवं प्रशासन को शीघ्र, समग्र एवं समावेशी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि यहां के लोगों को एक सुरक्षित, स्वस्थ और सुविधाजनक जीवन मिल सके। समस्याएं: 1. यहां भीषण जल संकट है। पाइपलाइन में लीकेज, अनियमित जल आपूर्ति एवं लगभग 250 घरों में कनेक्शन का अभाव है। 2. यहां के विभिन्न मोहल्ले में सीवरेज व्यवस्था अभी भी अधूरी है। लगभग 400 से अधिक घरों में सीवरेज कनेक्शन नहीं हुआ है। 3. यहां के अधिकांश सड़कें एवं गलियां जर्जर एवं क्षतिग्रस्त हैं और उनमें छोटे बड़े गड्ढे बने हुए हैं। इन गड्ढों में बरसात या पाइप लीकेज के कारण जलभराव होता है। 4. यहां की आधी से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, कई जगह लाइटें लगी ही नहीं, सीसीटीवी नहीं, जिससे असामाजिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। 5. वासुदेवपुर थाना के पीछे स्थित ‘हाता क्षेत्र नशे का अड्डा बना हुआ है। पुलिस की निष्क्रियता के कारण, महिलाओं से छेड़खानी एवं छिनतई की घटनाएं आम हो गयी हैं। सुझाव: 1. सभी घरों को योजना से जोड़ा जाए, लीकेज की जांच कर मरम्मत की जाए, नियमित एवं पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित हो। 2. योजना के लक्ष्य को पुनः तय कर बचे हुए घरों में कनेक्शन दिया जाए और पुराने सिस्टम का नवीनीकरण किया जाए। 3. क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत, जलजमाव रोकने के लिए उचित ढलान वाली नालियों का निर्माण हो। 4. हर गलियों में कार्यशील स्ट्रीट लाइटें लगाईं जाएं, सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाकर निगरानी हो। 5. हाता क्षेत्र में विशेष निगरानी अभियान चलाकर नशा कारोबार पर रोक लगे, थाने की जवाबदेही तय हो और महिला सुरक्षा के लिए विशेष दल का गठन किया जाए। हमारी भी सुनें: हमारे मोहल्ले के सभी घरों में अबतक नल जल का कनेक्शन नहीं हुआ है। पानी की सप्लाई कभी-कभार होती है, लेकिन वह भी गली में बह जाता है। हर रोज पानी की समस्या होती है। -पूनम देवी हमारे कार्यकाल में कई अधूरे कार्य शुरू किए गए थे, जो आज भी अधूरे पड़े हैं। नाली और सड़क की दशा बदतर हो चुकी है। वर्तमान में जो काम हो रहा है वह भी बिना जनसुनवाई के हो रहा है। -बबीता कुमारी (पूर्व वार्ड पार्षद) रात को सड़क पर चलना महिलाओं के लिए खतरनाक हो गया है। स्ट्रीट लाइटें खराब हैं और जगह-जगह अंधेरा रहता है। पुलिस को कई बार मौखिक रूप से शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। -आरती कुमारी गली की सड़कें इतनी खराब हैं कि बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है। बरसात के समय गंदा पानी घरों में घुस आता है। नगर निगम से गुहार लगाने पर सिर्फ आश्वासन मिलता है। -किरण देवी हमारे यहां एक भी सरकारी स्कूल नहीं है। बच्चों को दूर दूसरे वार्ड में स्कूल भेजना पड़ता है। सरकार को इस क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए। -अस्मिता कुमारी नाले इतने ऊंचे बना दिए गए हैं कि गली का पानी उसमें जा ही नहीं पाता। बरसात के समय एवं योजना के पाइप लाइन में लीकेज से जलजमाव होता है। इससे लोगों को चलने में परेशानी होती है। -मंजू देवी वासुदेवपुर थाना के पीछे ‘हाता में खुलेआम नशे का कारोबार चल रहा है। यहां के युवाओं का भविष्य अंधकार में जा रहा है। पुलिस को चाहिए कि ऐसे स्थानों पर नियमित छापेमारी करे। -अमन कुमार हमारे यहां महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं बढ़ गईं हैं। सीसीटीवी नहीं होने से अपराधी बेखौफ हो गए हैं। रात में गलियों से गुजरना असुरक्षित लगता है। -सुनीता देवी हमारे यहां कई घरों में अब तक पानी का कनेक्शन नहीं हुआ है। बार-बार आवेदन देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार को हमारी पीड़ा समझनी चाहिए। -मुन्नी देवी हमारे वार्ड में स्थित आईटीसी कंपनी प्रदूषण फैला रही है, जिससे बच्चों में सांस की समस्या बढ़ रही है। इसके बावजूद यहां के विकास में योगदान नहीं दे रही है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। -मनीष कुमार राय सड़कें टूटी हुई हैं और पुराने नाले क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। नए नालों में सड़कों का पानी नहीं जा पाता है। इससे सड़क पर जल जमा होता है और लोगों को चलने में परेशानी हो रही है। -मो. आफताब वार्ड में सामुदायिक भवन की सख्त जरूरत है। हर आयोजन के लिए निजी भवन किराए पर लेना पड़ता है। निगम प्रशासन को गरीबों की इस बुनियादी जरूरत पर ध्यान देना चाहिए। -नंदकिशोर अबतक वार्ड में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। बीमारी में माधोपुर स्वास्थ्य केंद्र तक जाना मुश्किल होता है। हमारे वार्ड में भी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र की व्यवस्था होनी चाहिए। -मनोज कुमार बिजली के खंभे जर्जर हैं और कई जगहों पर टूटे पड़े हैं। नई लाइटें लगाना और पुराने पोल बदलना जरूरी है। बिजली विभाग इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। -राजीव रंजन शर्मा वार्ड में नशा और अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। महिलाएं और बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं। स्थानीय पुलिस को सक्रियता दिखानी चाहिए। -संजय कुमार यादव मैंने सभी समस्याओं को कई बार नगर निगम और विभागीय अधिकारियों के समक्ष रखा है। जल, सड़क, सीवरेज, लाइट और सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव भेजे गए हैं। लेकिन, उच्च अधिकारियों की उदासीनता के कारण कार्य रुका हुआ है। -कुमार कृष्ण चंद्र (वर्तमान वार्ड पार्षद) बोले जिम्मेदार: नए नल जल कनेक्शन एवं सीवरेज कनेक्शन के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है। जैसे ही प्रस्ताव स्वीकृत होकर आता है, वैसे ही छूटे हुए घरों में दोनों सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। जहां भी गड़बड़ी है, वहां से संबंधित शिकायत को बुडको के पास भेज दिया जाता है, जिसका प्राय निपटारा हो जाता है। यदि समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो लोगों को इसकी सूचना हमें देनी चाहिए। उनकी समस्याओं का समाधान होगा। कई मामलों में नगर निगम स्वयं फैसला नहीं ले सकता है। ऐसे मामलों में संबंधित विभाग के पास लोगों की मांगों एवं समस्याओं से संबंधित आवेदक को अग्रसारित किया जाता है। स्वास्थ्य एवं विद्यालय जैसे मांग की पूर्ति करना नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। नगर निगम से संबंधित मामलों का निपटारा शीघ्र ही किया जाएगा। बचे हुए सड़कों एवं नालों का भी शीघ्र निर्माण किया जाएगा। -कुमकुम देवी, मेयर, नगर निगम, मुंगेर
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