बोले सहरसा : परिसर से अतिक्रमण हटाने को चले अभियान, हो गश्ती
बोले सहरसा : परिसर से अतिक्रमण हटाने को चले अभियान, हो गश्ती सहरसा जिले
सहरसा जिले का अगवानपुरस्थित मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अपनी अलग पहचान रखता है। बिहार सहित अन्य प्रान्त के 248 छात्र एवं छात्राएं यहां पर पढ़ाई कर रहे हैं। महाविद्यालय परिसर में एक ओर जहां छात्राओं के ठहरने के लिए छात्रावास का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है वहीं महाविद्यालय के उत्तरी भाग में छात्रों के लिए छात्रावास है। शैक्षणिक स्तर पर लगभग 18 वर्ष बाद यहां पीजी के दो विषय की पढ़ाई प्रारंभ हुई। इंटर्नशिप, स्वरोजगार के लिए समय- समय पर खासकर महिलाओं के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्या साझा की।
08 जिले के कृषि से संबंधित व अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं यहां
08 हजार से अधिक पेड़ महाविद्यालय के अन्दर और बाहर लगाये गये हैं
02 सौ 48 छात्र-छात्राएंं महाविद्यालय में वर्तमान समय में कर रहे हैं पढ़ाई
जिले का अगवानपुर स्थित मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए है। बिहार सहित अन्य प्रान्त के छात्र एवं छात्रा यहां पर पढ़ाई कर रहे हैं। महाविद्यालय परिसर में एक ओर जहां छात्राओं के ठहरने के लिए छात्रावास का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है वहीं महाविद्यालय के उत्तरी भाग में छात्रों का छात्रावास है। शैक्षणिक स्तर पर लगभग 18 वर्ष बाद यहां पीजी के दो विषय की पढ़ाई प्रारंभ हुई। इंटर्नशिप, स्वरोजगार के लिए समय-समय पर खासकर महिलाओं के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है।
महाविद्यालय परिसर में ही मखाना की खेती की गई है। कचरा प्रबंधन कर खाद तैयार किया जाता है। पोषण वाटिका प्रारम्भ कर तरह-तरह की साग-सब्जी उगाई जाती है। बांस से निर्मित डस्टबिन भी यहां तैयार की गई है। गाजर घास का सम्पूर्ण रूप से उन्मूलन महाविद्यालय परिसर में किया गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए महाविद्यालय के अन्दर एवं बाहरी परिसर में आठ हजार पौधे लगाये गये हैं। वर्तमान समय में अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहे महाविद्यालय में कई अन्य आवश्यक कार्य नहीं हो रहे हैं। आवश्यकता है महाविद्यालय परिसर में प्रशासनिक स्तर पर अभियान चलाने की ताकि महाविद्यालय परिसर अतिक्रमण मुक्त हो।
यहां परिसर में मखाना की खेती व रंग-बिरंगे फूलों के पौधे लगाए गए हैं। इस होकर आने जानेवाले लोगों की नजरें एकबार इस खुबसूरती पर टिक ही जाती है। वर्तमान समय में यह महाविद्यालय शिक्षण कार्य सहित अन्य क्षेत्रों में तरक्की के पथ पर अग्रसर है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां नाईट गार्ड तो हैं लेकिन बीच-बीच में पुलिस की गश्ती महाविद्यालय परिसर में होने से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ेगी। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
फूलों की खेती से गुलजार है महाविद्यालय परिसर
मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर की छटा वर्तमान में देखने लायक है। महाविद्यालय परिसर में लगे विभिन्न तरह की फूल और आकर्षक सजावट लोगों का मन मोह लेते हैं। इस होकर आने-जानेवाले लोगों की नजरें एकबार इस खूबसूरती पर टिक ही जाती है। राह चल रहे लोग सेल्फी लेकर या फिर इस खूबसूरती को अपने मोबाइल में जरूर कैद कर लेते हैं। वर्तमान समय में यह महाविद्यालय शिक्षण कार्य सहित अन्य क्षेत्रों में तरक्की के पथ पर अग्रसर है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां नाईट गार्ड तो हैं लेकिन बीच-बीच में पुलिस की गश्ती महाविद्यालय परिसर में होने से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ेगी।
गेस्ट हाउस और चहारदीवारी की है आवश्यकता
मंडन भारती कृषि महाविद्यालय परिसर में आज भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है। महाविद्यालय परिसर में गेस्ट हाउस की जहां आवश्यक है वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से चारों ओर चहारदीवारी की आवश्यकता है। महाविद्यालय के अन्दर एवं बाहर सड़क मरम्मत, शौचालय की मरम्मत की आवश्यकता है। महाविद्यालय में स्टाफ क्वार्टर की सबसे अधिक आवश्यकता है। स्टाफ क्वार्टर नहीं होने के कारण तरह-तरह की असुविधा होती है।
शिकायत
1. चहारदीवारी नहीं होने से सुरक्षा व्यवस्था का बना रहता है डर
2. गेस्ट हाउस नहीं होने से अतिथियों को होती है असुविधा
3. स्टाफ क्वार्टर नहीं होने से हो रही है समस्या
4. अतिक्रमण की चपेट में है महाविद्यालय परिसर, होती है तरह-तरह की असुविधा
सुझाव
1. महाविद्यालय की चहादीवारी होने से सुरक्षित रहेंगे सभी सामान
2. गेस्ट हाउस का निर्माण होने से बाहर से आनेवाले अतिथियों को यहां रहने में होगी सुविधा
3. स्टाफ क्वार्टर बनने से वैज्ञानिकों सहित कर्मियों को होगी सुविधा
4. महाविद्यालय के चारों ओर अतिक्रमण हटाने से होगी सुविधा
हमारी भी सुनें
अनुशासन भरे माहौल में यहां शिक्षण कार्य बेहतर ढंग से होने के कारण सुविधा होती है । अतिक्रमण हटाने की जरूरत है।
पायल कुमारी
महाविद्यालय के सहपाठी घर जैसे माहौल में रहते हैं। शिक्षण कार्य भी बेहतर है। सामान का रखरखाव ठीक किया जाए।
नन्दनी कुमारी
भारती मंडन कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा समय समय पर शिक्षण कार्य के लिए कार्यक्रम से हमलोगों को लाभ मिलता है।
आदित्य पाठक
मखाना की खेती महाविद्यालय कैम्पस में शुरू होने से किसानों को लाभ मिलेगा। इस दिशा में समुचित प्रयास किया जाना चाहिए।
अमन कुमार
दो विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू होने से सभी छात्र-छात्राओं को सुविधा मिलेगी । वहीं अन्य सुवधा भी बहाल की जानी चाहिए।
मुस्कान कुमारी
महाविद्यालय के शिक्षकों द्वारा हमेशा ईमानदारी पूर्वक शिक्षा प्राप्त करने के लिएप्रेरित किया जाता है। सहयोगी हैं।
खुशी सिन्हा
महाविद्यालय के चारों ओर चारदीवारी हो जाने से यहां सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। वहीं पेयजल की व्यवस्था हो।
गोलू कुमार
समय-समय पर किसानों के साथ छात्रों का कार्यक्रम होने से नई अनुभूति होती है। इसके तहत प्रशिक्षण लेकर आगे काम पर जोर दिया जाना चाहिए।
अजीत कुमार
महाविद्यालय में शिक्षण कार्य बेहतर होने के साथ-साथ खाने पीने की भी अच्छी व्यवस्था है। अन्य सुविधा देने का भी प्रयास हो।
भारती कुमारी
महाविद्यालय परिसर की खूबसूरती बेहतर होने से गांव में शहर जैसा अनुभव होता है। आधारभूत सुविधा मिले।
रुचि कुमारी
बांस से निर्मित डस्टबिन लोगों के बीच आकर्षक का केन्द्र बना है । वहीं अन्य कला का भी प्रदर्शन यहां किया जाता है।
तमल सरकार
महाविद्यालय के अन्दर और आसपास सड़क मरम्मत की आवश्यकता है। जिससे आवाजाही में लोगों को सुविधा होगी।
कुन्दन कुमार
समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम से बौद्धिक विकास होता है। यहां छात्र व छात्राओं को पूरी तरह अपडेट किया जाता है।
आस्था कुमारी
पोषण वाटिका सहित अन्य कार्य में दिलचस्पी रखने के लिए प्रेरित किया जाता है ,हमेशा शिक्षकों का सहयोग मिलता है ।
देविका धन्वंतरि
स्वरोजगार के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होता है। इससे लोगों को लाभ मिलता है।
श्यामू शर्मा
महाविद्यालय परिसर सहित अन्य जगहों पर बने शौचालय की मरम्मत की आवश्यकता है। इससे महिलाओं व अन्य को सुविधा मिलेगी ।
सोनू कुमार
बोलीं जिम्मेदार
भारती मंडल कृषि महाविद्यालय को एक नए मुकाम और पहचान के लिए हर क्षेत्र में लगातार प्रयास किया जा रहा है। कोसी क्षेत्र में कृषि का बहुत स्कोप है। आवश्यकता है यहां के किसानों को प्रेरित करने की। जल्द ही यहां के किसानों के दिन सवरेंगें। हमारा सतत प्रयास इसके लिए जारी है। व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है।
-डा. अरुणिमा कुमारी, प्राचार्य, मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर
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