अब स्थानीय भाषा में पढ़ेंगे 11 साल तक के बच्चे
हिन्दुस्तान विशेष स्कूलों में एनसीएफएसई 23 के अनिवार्य रूप से पालन को बोर्ड

भागलपुर, वरीय संवाददाता। अब पांचवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई करेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पहल की है। इसके तहत प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई मातृभाषा, घरेलू या स्थानीय क्षेत्रीय भाषा में होगी। इसको लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने गाइडलाइन जारी किया है। बोर्ड ने 22 मई को जारी अपने निर्देश में कहा है कि सभी संबद्ध स्कूलों को छात्रों की मातृभाषा को जल्द से जल्द स्कूलों में लागू करना होगा। इसके अनुसार स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था भी तैयार करनी होगी। अनुमान के मुताबिक जुलाई 2025 से यह नई नीति लागू हो सकती है।
दरअसल, प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक की शिक्षा को फाउंडेशनल स्टेज कहा गया है। इसमें पढ़ाई मातृभाषा या घरेलू भाषा में अनिवार्य की गई है। साथ ही कक्षा तीन से पांचवीं तक के छात्रों के लिए भी मातृभाषा में पढ़ाई की सलाह दी गई है, हालांकि यहां माध्यम बदलने का विकल्प भी खुला रखा गया है। कार्यान्वयन के लिए जल्द बनेगी एनसीएफ कार्यान्वयन समिति सीबीएसई ने सभी स्कूलों को मई 2025 के अंत तक एनसीएफ कार्यान्वयन समिति गठित करने को कहा है। यह समिति छात्रों की मातृभाषा की पहचान करेगी और भाषा संसाधनों की भी उपलब्धता कराएगी। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा स्कूल शिक्षा 2023 (एनसीएफएसई 2023) दोनों में ही प्रारंभिक शिक्षा में मातृभाषा व स्थानीय भाषा को प्राथमिकता दी गई है। अलग-अलग राज्य व जिलों में स्थानीय भाषा को प्राथमिकता सीबीएसई बोर्ड की निदेशक अकादमिक डॉ. प्रज्ञा एम सिंह ने जारी अपने निर्देश में कहा है कि बिहार समेत सभी राज्यों के अलग-अलग जिलों तथा क्षेत्र में प्रारंभिक कक्षाओं में मातृभाषा समेत जो स्थानीय भाषा चलन में होगी, उसी में बच्चों को पढ़ाई कराई जाएगी। जबकि स्कूल में संबंधित भाषा के शिक्षकों की उपलब्धता पर भी जोर दिया गया है। इसके साथ ही बारहवीं तक के बच्चों को पढ़ाई के लिए एक स्थानीय भाषा के चयन करने की भी छूट होगी। बारहवीं के छात्र संबंधित एक भाषा की पढ़ाई कर सकेंगे। कोट------ स्कूलों में प्रारंभिक कक्षा के बच्चों को स्थानीय भाषा में पढ़ाने का बोर्ड का निर्देश है। इसका पालन अनिवार्य रूप से स्कूलों में कराया जाएगा। -सुमंत कुमार, जिला समन्वयक (सीबीएसई)
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