बढ़ने लगा बिहार का CD रेशियो, प्रशांत किशोर यात्रा में उठाते थे बेहाली पर सवाल
जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी बिहार यात्रा के दौरान बैंकों में जमा राज्य के लोगों के पैसे और उसके अनुपात में मिले कर्ज का सवाल उठाते रहे हैं।

बिहार में बैंकों का कर्ज-जमा अनुपात (क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो, CD रेशियो) लगातार बढ़ रहा है। नीतीश कुमार जब 2020 में सातवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, तब राज्य का सीडी रेशियो 50 फीसदी से नीचे था। 2022 के बाद इसमें सुधार हुआ, जब यह पहली बार 50 पार गया। फिलहाल राज्य का सीडी रेशियो 60 परसेंट से कुछ कम है, जिसे पार करने की कोशिश में सरकार जुटी है। सीडी रेशियो सरल भाषा में इससे तय होता है कि बैंकों के पास राज्य के लोगों का जो पैसा जमा है, उसके मुकाबले बैंक ने वहां के लोगों को रोजगार, घर, वाहन या दूसरी जरूरतों के लिए कितना कर्ज दिया। सीडी रेशियो में बिहार बहुत पीछे रहा है। देश का औसत लगभग 80 परसेंट है।
आम तौर पर राजनेता जनता के बीच विकास, भ्रष्टाचार और जाति की बातें करते हैं। सीडी रेशियो जैसे जटिल मसलों पर बोलने से बचते हैं। लेकिन जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने अपनी यात्राओं के दौरान बिहार के बदहाल सीडी रेशियो का सवाल बार-बार उठाया। प्रशांत बिहार का खराब सीडी रेशियो समझाते रहे कि बिहार के लोगों के पैसे से बैंक दूसरे राज्यों में रोजगार-धंधे के लिए कर्ज दे हैं। अगर ये पैसे यहां के लोगों को मिलता तो बिहार भी तरक्की करता।
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पटना में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की इस महीने बैठक है, जिसमें साख-जमा अनुपात पर चर्चा होगी। वित्त विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के दबाव और बैंकों की ऋण में बढ़ी उदारता के कारण राज्य के सीडी रेशियो में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 2024-25 में बिहार का सीडी अनुपात 60 फीसदी रहने का अनुमान है। 2024-25 की तीसरी तिमाही में रेशियो 58.59 फीसदी था। इस दौरान बैंकों ने 5,41,414 करोड़ जमा की तुलना में 3,17,220 करोड़ का कर्ज बांटा था। अनुपात बढ़ाने में निजी बैंकों का बड़ा योगदान है। सरकारी बैंकों का सीडी रेशियो इस दौरान मात्र 44.72 परसेंट, जबकि निजी बैंकों का 103.64 परसेंट रहा।
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बिहार के 38 जिलों में 13 जिलों का सीडी रेशियो 2024-25 के तीसरी तिमाही में भी 50 परसेंट से कम है। सबसे आगे पूर्णिया है, जिसका सीडी अनुपात 94.47 फीसदी है। मलतब पूर्णिया के लोगों ने अगर बैंकों में 100 रुपया जमा किया तो वहां के लोगों को 94 रुपया कर्ज में मिला। दूसरे नंबर पर अररिया है, जिसका सीडी रेशियो 91.56 परसेंट है। पश्चिम चंपारण (बेतिया) का रेशियो 84.64 परसेंट और पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) का 82.23 परसेंट है। राजधानी पटना का हाल बेहाल ही है। पटना जिला का सीडी अनुपात मात्र 47.79 परसेंट है, जबकि राज्य के कुल जमा का एक तिहाई पैसा यहीं का है।
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बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और दिल्ली का सीडी रेशियो 100 परसेंट से ऊपर था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 100 परसेंट या उससे ऊपर के क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो पर चिंता जताता रहा है क्योंकि ये बताता है कि बैंक जमा से ज्यादा कर्ज बांट दे रहे हैं। 70-75 परसेंट सीडी रेशियो को बैंक और बाजार दोनों के लिए उचित माना जाता है।