Bihar to desilt drying rivers Balan Lakhandei under MNREGA to restore water flow लखनदेई, बलान में पानी के लिए पैसा बहाने की तैयारी; सूखकर खेत बन रही बिहार की 24 नदियां, Bihar Hindi News - Hindustan
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लखनदेई, बलान में पानी के लिए पैसा बहाने की तैयारी; सूखकर खेत बन रही बिहार की 24 नदियां

  • बढ़ती आबादी, बदलते मौसम और नदियों में कचड़ा बहाने की वजह से 24 नदियां बिहार में सूखने की कगार पर हैं। कई नदियों की हालत खेत जैसी हो गई है। अब मनरेगा के तहत इनसे गाद निकाली जाएगी ताकि जल प्रवाह को ठीक किया जा सके।

Ritesh Verma वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरSun, 6 April 2025 01:32 PM
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लखनदेई, बलान में पानी के लिए पैसा बहाने की तैयारी; सूखकर खेत बन रही बिहार की 24 नदियां

उत्तर बिहार की दो प्रमुख नदियों लखनदेई और बलान को फिर से सरस सलिला बनाने के प्रयास शुरू किए जाएंगे। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) की योजनाओं के अंतर्गत इन दोनों नदियों से गाद निकाली जाएगी, ताकि इन्हें फिर से जीवनदान मिल सके। गाद भर जाने के कारण अभी दोनों नदियों के प्रवाह में काफी कमी आ गई है। गाद निकालने के लिए मनरेगा से योजनाओं का चयन किया जाएगा। राज्य के मनरेगा आयुक्त ने इस संबंध में दोनों नदियों के प्रवाह क्षेत्र में आने वाले जिलों के संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजकर प्रस्ताव मांगा है।

मुजफ्फरपुर में पत्र मिलने के बाद जिला ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी मानव दिवस के अलावा संसाधन और लागत का आकलन करते हुए रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं। जल संरक्षण की दिशा में काम कर रहे अन्य विभागों की भी मदद लेकर इस योजना पर काम करने की संभावना तलाशी जा रही है। गाद प्रबंधन के बाद नदियों के प्रवाह पर संभावित प्रभाव और बाढ़ पर नियंत्रण में मिलने वाली मदद का आंकड़ा तैयार किया जा रहा है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक संजय कुमार ने बताया कि पहले चरण में उत्तर बिहार की इन दो नदियों पर ही काम करने का निर्देश मिला है। दिए गए निर्देशों के आलोक में आकलन कर जल्द ही उसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी जाएगी।

जीआई सर्वे के बाद लिया गया निर्णय

नेपाल से निकलकर बिहार में आने वाली बलान और लखनदेई नदियों के गाद प्रबंधन का निर्णय प्रदेश की सभी नदियों के जीआई सर्वे के बाद लिया गया है। पिछले साल किए गए सर्वे से पता चला था कि 128 किमी लंबी लखनदेई नदी के 17 किलोमीटर के प्रवाह क्षेत्र में गाद भर गया है। इस कारण इसका प्रवाह सामान्य दिनों में काफी धीमा रहता है। कुछ और सालों तक ऐसी स्थिति बने रहने पर इसके सूख जाने की आशंका जताई गई है।

यही हाल बलान नदी का है। रिपोर्ट में इसके 150 किमी में से 84 किमी के दायरे में गाद भरने से इसके पूरी तरह से समाप्त हो जाने की बात कही गयी है। जीआई सर्वे में प्रदेश की 24 नदियों के सूख जाने का जिक्र किया गया है। इसमें उत्तर बिहार की 16 और दक्षिण बिहार की आठ नदियों का नाम शामिल है।