जिले के सभी पेट्रोल पम्पों के माप की शुद्धता की होगी जांच
जिले के सभी पेट्रोल पम्पों के माप की शुद्धता की होगी जांच जिले के सभी पेट्रोल पम्पों के माप की शुद्धता की होगी जांच जिले के सभी पेट्रोल पम्पों के माप की शुद्धता की होगी जांच

जिले के सभी पेट्रोल पम्पों के माप की शुद्धता की होगी जांच माप तौल विभाग करेगा पेट्रोल-डीजल की सही आपूर्ति सुनिश्चित नोजल और मीटरिंग सिस्टम से लेकर डेंसिटी तक की होगी जांच माप में गड़बड़ी मिलने पर पंप के खिलाफ होगी कार्रवाई बायो डीजल पंपों की कागजात और एनओसी भी होंगे सत्यापित उपभोक्ता खुद भी कर सकते हैं पेट्रोल की शुद्धता की त्वरित जांच शिकायत पर मिलावट करने वाले पंपों को मिलेगा शोकॉज नोटिस फोटो: पंप: बिहारशरीफ का एक पेट्रोल पंप। बिहारशरीफ, हमारे संवाददाता। उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की सही मात्रा सुनिश्चित करने के लिए माप तौल विभाग जिले में संचालित सभी 105 पेट्रोल पंपों की माप की शुद्धता की जांच करेगा।
इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेट्रोल पंप सही माप के उपकरणों का उपयोग करें और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या हेरफेर से बचें, जिससे उपभोक्ताओं को कोई नुकसान न हो। माप तौल विभाग पेट्रोल पंपों पर लगे नोजल और मीटरिंग सिस्टम सहित सभी माप उपकरणों की गहन जांच करेगा। निरीक्षक शत्रुंजय कुमार ने बताया कि जिले में संचालित सभी पेट्रोल पंपों की शुद्धता की जांच के लिए तिथियां निर्धारित की जा रही हैं। उन्होंने जोर दिया कि उपभोक्ताओं को सही माप में तेल मिले, यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। प्रत्येक पंप की अलग-अलग तिथि पर जांच होगी। गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित पंप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बायो डीजल पंपों की कागजात की जांच भी की जाएगी। जिले में 105 से अधिक पेट्रोल पंप फिलहाल जिले में विभिन्न कंपनियों के लगभग 105 पेट्रोल पंप संचालित हो रहे हैं। इनमें इंडियन ऑयल के 61, भारत पेट्रोलियम के 18, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 17 पंप शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, निजी क्षेत्र की कंपनियां जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और नयारा एनर्जी का 1-1 पंप शामिल हैं। इसके अलावा जिले में सात बायो डीजल पंप भी कार्यरत हैं, जिनकी वैधता की भी जांच की जाएगी। उपभोक्ता कैसे करें शिकायत: माप तौल विभाग ने उपभोक्ताओं को भी जागरूक किया है कि यदि उन्हें माप में किसी तरह की गड़बड़ी या तेल की गुणवत्ता पर संदेह हो, तो वे विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हालांकि, अभी तक विभाग को ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। आप खुद भी ऐसे करें जांच: अगर उपभोक्ता को पेट्रोल या डीजल में मिलावट का शक हो, तो वे कुछ आसान तरीकों से खुद ही जांच कर सकते हैं। पेट्रोल की शुद्धता जांचने के लिए डिलेवरी नोजल को साफ कर, फिल्टर पेपर पर दो बूंद डालनी चाहिए। यदि सूखने के बाद गहरा दाग रह जाता है, तो समझा जाए कि पेट्रोल मिलावटी है। ये फिल्टर पेपर पेट्रोल पंप संचालक से भी मांगा जा सकता है। डेंसिटी से होती है शुद्धता की जांच पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी जांच कर भी शुद्धता की पुष्टि की जा सकती है। पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 और डीजल की 830 से 900 के बीच होनी चाहिए। इससे काम या ज्यादा होने पर मिलावट हो सकती है। मिलावट की पुष्टि होने पर कंपनी से भी शिकायत की जा सकती है, जिससे पंप पर शोकॉज नोटिस और जुर्माना लग सकता है। मिलावट या कम माप होने पर क्या करें: यदि कोई पंप जानबूझकर मिलावटी ईंधन बेचता है, तो ग्राहक कंपनी के डिस्प्ले किए गए हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। शिकायत सत्यापित होने पर पंप को नोटिस भेजा जाता है और जुर्माना भी लगाया जाता है। आवश्यक होने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। उपभोक्ता कोर्ट में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और पेट्रोल बेचने वाली कंपनी से हर्जाने की मांग कर सकते हैं। बायो डीजल पंपों पर विशेष नजर: विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बायो डीजल पंपों के कागजात की जल्द ही जांच की जाएगी। गौरतलब है कि पूर्व में चंडी प्रखंड के माधोपुर में बिहटा-सरमेरा पथ पर एक अवैध रूप से संचालित बायो डीजल पंप को बिना एनओसी के चलने के कारण 2021 में सील कर दिया गया था, लेकिन कुछ महीने बाद फिर से शुरू हो गया था।
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