गंगाजी जलाशय : पार्ट-टू के तीसरे चरण में बिहारशरीफ पहुंचेगा गंगाजल
गंगाजी जलाशय : पार्ट-टू के तीसरे चरण में बिहारशरीफ पहुंचेगा गंगाजलगंगाजी जलाशय : पार्ट-टू के तीसरे चरण में बिहारशरीफ पहुंचेगा गंगाजलगंगाजी जलाशय : पार्ट-टू के तीसरे चरण में बिहारशरीफ पहुंचेगा...

गंगाजी जलाशय : पार्ट-टू के तीसरे चरण में बिहारशरीफ पहुंचेगा गंगाजल पार्ट-टू के फेज एक में 300 एकड़ में बनेगा जलाशय मधुवन में जलाशय बनाने के लिए निर्माण कार्य शुरू घोड़ाकटोरा से तिगुना क्षमता का होगा मधुवन जलाशय 9.8 एमएसीएम घोड़ाकटोरा तो 27.8 एमएसीएम की होगी मधुवन की क्षमता फोटो: गंगाजी-पार्ट टू के फेज वन में मधुवन में बनने वाले जलाशय के लिए सरकारी जमीन को समतल करती जेसीबी मशीन। बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि। सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगाजल पार्ट वन की सफलता के बाद अब पार्ट टू की प्रक्रिया शुरू हो गयी। गंगाजी पार्ट टू के कार्यों को तीन भागों में बांट दिया गया है।
पार्ट टू के फेज वन में सबसे पहले मधुवन में जलाशय का निर्माण और नवादा के सभी वार्डों में पानी की आपूर्ति होगी। फेज टू में एसटीपी-डब्ल्यूटीपी का निर्माण होगा और फेज थ्री में पाइप बिछाकर बिहारशरीफ शहर में गंगा जल की आपूर्ति होगी। पार्ट टू के फेज वन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। मधुवन जलाशय की क्षमता घोड़ाकटोरा से तीन गुणा अधिक होगी। 9.8 एमएसीएम घोड़ाकटोरा तो 27.8 एमएसीएम मधुवन जलाशय की क्षमता होगी। इन तीनों फेज के कार्यों की लागत 2909 करोड़ रुपये है। फेज वन में 1100 करोड़ खर्च होंगे। शेष दो फेज के लिए राशि दी जायेगी। फेज वन में मधुबन में कुल 517 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जायेगी। इसमें से 275 एकड़ निजी जमीन है शेष सरकारी जमीन है। प्राइवेट जमीन को अधिग्रहण करने के लिए अवार्ड प्रकाशित हो गया है। साथ ही सरकारी जमीन को समतल करने का काम एजेंसी ने शुरू कर दिया है। विभागीय सूत्रों की माने तो जमीन अधिग्रहण के बाद पार्ट टू के फेज वन में जलाशय का निर्माण एक साल में कर लिया जाएगा। इस फेज में मधुवन जलाशय से नवादा के 44 वार्डों के हर घर में गंगाजल की आपूर्ति की जायेगी। सब कुछ ठीक से चला तो बिहारशरीफ में गंगा जल पहुंचने में दो साल का समय लग सकता है। 2026 के अंत या 2027 के शुरू में गंगा की धार बिहारशरीफ में बहने लगेगी। मधुवन जलाशय से नवादा व बिहारशरीफ में होगी आपूर्ति : मधुवन जलाशय की क्षमता अधिक होगी। इसी वजह से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसी जलाशय से नवादा और बिहारशरीफ के हर घर में गंगाजल की आपूर्ति होगी। भविष्य में होने वाले पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए गंगा जल पार्ट टू की आवश्यकता सरकार द्वारा महसूस की जा रही है। इस योजना के बेहतर तरीके से क्रियान्वयन की जिम्मेवारी शुरू से ही सिंचाई विभाग को दी गयी है। सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से अगले 30 साल तक पेयजल का संकट दूर हो सकता है। ड्रीम प्रोजेक्ट को 2022 में नेशनल अवार्ड: ड्रीम प्रोजेक्ट गंगाजी राजगृह प्रोजेक्ट को भारत सरकार के सेंट्रल बोर्ड ऑफ एरीग्रेशन एंड पावर द्वारा नेशनल अवार्ड 2023 में मिल चुका है। इससे पहले 2022 में बिहार सरकार से इस प्रोजेक्ट को पुरस्कार भी मिल चुका है। ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरूआत 2020 में की गयी थी। पहली बार घोड़ाकटोरा स्थित जलाशय में 15 जुलाई 2022 को पानी पहुंचा। 20 अगस्त 2022 को पानी राजगीर पहुंचा। इसके बाद 8 अक्टूबर 2022 को गया पानी पहुंचा। एक नवंबर 2022 को तेतर में पानी पहुंचा। ड्रीम प्रोजेक्ट का सीएम द्वारा उद्दघाटन 27 नवंबर 2022 को किया गया और 15 दिसंबर 2023 को नवादा शहर में जलापूर्ति शुरू की गयी।
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