नर्सिंग एक जुनून, जो समाज को सिखाता है सेवा का भाव
नर्सिंग एक जुनून, जो समाज को सिखाता है सेवा का भावनर्सिंग एक जुनून, जो समाज को सिखाता है सेवा का भावनर्सिंग एक जुनून, जो समाज को सिखाता है सेवा का भावनर्सिंग एक जुनून, जो समाज को सिखाता है सेवा का...

नर्सिंग एक जुनून, जो समाज को सिखाता है सेवा का भाव अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर बेहतर कार्य करने वाली नर्सों को सिलाव में किया गया सम्मानित फोटो: 15नालंदा01: सिलाव में बेहतर काम करने वाली नर्सों के सम्मान कार्यक्रम में शामिल मो. सलमान अख्तर व अन्य।। नालंदा, निज संवाददाता। नर्सिंग एक ऐसा जुनून है, जो समाज को सेवा का भाव सिखाता है। जो व्यक्ति दूसरों की जान बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित करता है, वही सही मायनों में मानवता की परिभाषा को परिभाषित करता है। नर्सें वो स्तंभ होती हैं, जो स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का भार अपने ऊपर रखती है और इसे मजबूती प्रदान करती हैं।
नर्सें मरीज और दूसरे मेडिकल पेशेवरों के बीच मध्यस्थता का काम करती हैं। वे अपना पूरा दिन बीमार, घायल और विकलांगों की सेवा बिना भेदभाव करती है। ये बातें अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एसए इंस्टीच्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज सिलाव के निदेशक सलमान अख्तर ने नर्सों को सम्मानित करते हुए कहीं। कहा कि नर्स बिना भेदभाव, जात-पात, धर्म देखे पीड़ित मानव की सेवा अपना धर्म मानती है। उनका उद्देश्य स्वास्थ्य और क्षमताओं की सुरक्षा, संवर्धन और अनुकूल करना है। वह किसी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की रीढ़ है। लेकिन, ड्यूटी के दौरान मरीज और समुदाय के सदस्यों से शारीरिक और मौखिक रूप से कार्यस्थल सुरक्षा के विभिन्न खतरों का सामना भी करती हैं। उनके अथक प्रयास से मातृ, शिशु और बाल मृत्यु दर में कमी आती है। इस वर्ष हमारी नर्सें हमारा भविष्य थीम पर मनाया जा रहा है। मो. मंसूर आलम ने कहा कि सिर्फ डिग्री लेने से कुछ नहीं होता। बिना भेदभाव के नि:स्वार्थ भाव सेवा करना हीं नर्सों का धर्म है। रंजीत कुमार पांडेय व अन्य ने अपने विचार रखे। इस मौके पर एएनएम, जीएनएम व बीएससी नर्सिंग के छात्र छात्रा उपस्थित रहे।
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