भागवत कथा मात्र धार्मिक आयोजन नहीं, आत्मा के जागरण का महत्वपूर्ण साधन : महाराज
भागवत कथा मात्र धार्मिक आयोजन नहीं, आत्मा के जागरण का महत्वपूर्ण साधन : महाराजभागवत कथा मात्र धार्मिक आयोजन नहीं, आत्मा के जागरण का महत्वपूर्ण साधन : महाराजभागवत कथा मात्र धार्मिक आयोजन नहीं, आत्मा के...

भागवत कथा मात्र धार्मिक आयोजन नहीं, आत्मा के जागरण का महत्वपूर्ण साधन : महाराज भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा शहर के आनंद पथ में 2 जून तक होगा कार्यक्रम फोटो: कलश बिहार : बिहारशरीफ में मंगलवार को कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालु। बिहारशरीफ, हमारे संवाददाता। शहर के नाला रोड में आयोजित होने वाली सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पूर्व मंगलवार को भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा धनेश्वरघाट तालाब से भक्तिमय वातावरण में प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी और कथा स्थल पर जाकर संपन्न हुई। इसमें सैकड़ों श्रद्धालु भक्तिभाव से शामिल हुए। वृंदावन से आए कथावाचक श्याम शुभम जी महाराज ने कहा कि दो जून तक प्रतिदिन शाम में कथावाचन होगा।
भागवत कथा मात्र एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह आत्मा के जागरण का एक महत्वपूर्ण साधन है। श्रीमद्भागवत कथा जीवन के हर पहलू को प्रकाशमान करती है। यह केवल भगवान की लीलाओं का वर्णन नहीं करती, बल्कि जीवन जीने की सर्वोत्तम पद्धति और मार्ग भी सिखाती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ का नाम नहीं है, यह एक समग्र जीवन प्रणाली है। यह व्यक्ति को संयम, सेवा, समर्पण और समानता का अनमोल पाठ पढ़ाती है। यदि हम अपने जीवन में श्रीमद्भागवत की शिक्षाओं को सही मायने में आत्मसात करें, तो न केवल हमारा व्यक्तिगत जीवन बेहतर होगा, बल्कि समाज में भी स्थायी शांति और समरसता की स्थापना होगी। उन्होंने कहा कि आज के इस भौतिकवादी और आपाधापी भरे युग में, श्रीमद्भागवत जैसी आध्यात्मिक कथाएं समाज को सही दिशा दिखाने और मार्गदर्शक का कार्य कर रही हैं, क्योंकि ये आत्मा का शुद्धिकरण करने के साथ-साथ पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करती हैं। मौके पर अरविंद कुमार, अविनाश कुमार, डॉ आशुतोष, संजय कुमार सिन्हा, सुभाष कुमार आदि मौजूद थे।
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