दुष्कर्म पीड़िता के नहीं मिलने की दलील देकर केस बंद
मुजफ्फरपुर में नाबालिग से दुष्कर्म का मामला 10 साल बाद पुलिस ने सबूतों के अभाव में बंद कर दिया। कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें कहा गया कि पीड़ित परिवार का ठिकाना अज्ञात है। मामले का ट्रैक...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले की जांच में पुलिस ने 10 साल लगा दिए। कोई साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला देकर कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी, जिसमें दलील दी गई कि जिस मोहल्ला में घटना हुई थी, वहां से पीड़ित परिवार कहीं और चला गया। वे लोग कहां चले गए, यह पता नहीं चल पा रहा है। उनके इंतजार में केस को लटकाए नहीं रखा जा सकता है। मिठनपुरा में हाथी चौक से गौशाला की ओर जाने वाले मार्ग में 10 साल पहले सड़क किनारे झोपड़पट्टी थी। 40 से 50 परिवारों का स्लम बस्ती था। सड़क निर्माण के दौरान यह बस्ती हटा दी गई।
इस बस्ती में 10 साल पहले एक नाबालिग से दुष्कर्म की घटना हुई थी। बाइक सवार ने घटना को अंजाम दिया था। केस दर्ज होने के बाद लंबे समय तक कोर्ट इंतजार करती रही। इसके बाद कोर्ट ने जांच अधिकारी से प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी। इसमें दारोगा रामवृक्ष पासवान ने कोर्ट में पेश फाइनल रिपोर्ट में केस को सूत्रहीन बताकर क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। क्लोर रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि सड़क किनारे अस्थाई झोपड़ियों वाली बस्ती थी, जिसमें पीड़िता रहती थी। अतिक्रमण खाली कराने के दौरान वहां से बस्ती हट गई। अब पीड़ता या उसके परिवार को कहां गए, कुछ पता नहीं। इस आधार पर कोर्ट में दाखिल की गई फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है। अब इस केस को बंद कर दिया गया है।
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