UP के 35 हजार से अधिक शिक्षकों को झटका,नहीं मिलेगी पुरानी पेंशन, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने स्पष्ट की स्थिति
UP के 35 हजार अधिक शिक्षकों को झटका लगा है। इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने विशेष सचिव बेसिक शिक्षा को भेजे पत्र में साफ किया है।

यूपी में विशिष्ट बीटीसी बैच 2004 के जरिए नियुक्त 35 हजार से अधिक परिषदीय शिक्षकों को पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रतिनिहित विधायन समिति की 16 अप्रैल को आयोजित बैठक के संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने विशेष सचिव बेसिक शिक्षा को भेजे पत्र में साफ किया है कि इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ अनुमन्य नहीं है।
विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों की ओर से एमएलसी अरुण कुमार पाठक ने सवाल उठाया था कि 14 जनवरी 2004 और 20 फरवरी 2004 को जारी विज्ञापन के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों का छह माह का प्रशिक्षण अगस्त 2004 में शुरू हो गया था। विभागीय देरी के कारण तैनाती दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में मिली। 31 अक्टूबर 2005 को जारी पत्र में भी स्पष्ट था कि एससीईआरटी ने 2004 में ही विज्ञापन किया जा चुका है इसलिए नया विज्ञापन जारी करने की जरूरत नहीं है।
14 जनवरी 2004 और 22 जनवरी 2004 के शासनादेश में भी स्पष्ट किया गया था कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जब तक सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक 2500 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि विशिष्ट बीटीसी 2004 प्रशिक्षण का विज्ञापन ही संपूर्ण भर्ती का हिस्सा था लिहाजा 28 जून 2024 की व्यवस्थानुसार इन शिक्षकों को विकल्प के आधार पर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए जिससे भ्रम की स्थिति दूर हो सकेगी।
हालांकि सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने हाईकोर्ट के कई आदेशों का हवाला देते हुए इन तर्कों को सिरे से खारिज कर दिया है। सचिव का कहना है कि विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के तहत प्रशिक्षण के बाद 35738 अभ्यर्थियों को दिसंबर 2005 में नियुक्त किया गया। 2004 में प्रशिक्षण के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) (तैनाती) नियमावली 2008 के नियम के अनुसार सेवा अवधि का तात्पर्य अध्यापक के रूप में नियमित रूप से कार्य करने की अवधि से है।