सरकारी नौकरी के नाम पर ठगे तीन दोस्त, नगद और ऑनलाइन मिलाकर लिए नौ लाख रुपये
यूपी के हाथरस में डाक विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर तीन दोस्तों से 9,28,650 रुपए की ठगी कर ली गई। कोतवाली सासनी क्षेत्र के गांव गोपाल नगर निवासी तीन दोस्त ठगी का शिकार हुए तो एक दोस्त इस मामले को लेकर साइबर थाने पहुंचा।

यूपी के हाथरस में डाक विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर तीन दोस्तों से 9,28,650 रुपए की ठगी कर ली गई। कोतवाली सासनी क्षेत्र के गांव गोपाल नगर निवासी तीन दोस्त ठगी का शिकार हुए तो एक दोस्त इस मामले को लेकर साइबर थाने पहुंचा। शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर साइबर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है। सासनी के गोपाल नगर निवासी सोनपाल सिंह पुत्र राकेश कुमार व उसके दोस्तों पर चार अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आया। कॉल करने वाले ने डाक विभाग में नौकरी लगवाने के लिए कहा।
बताया जा रहा है कि इस बात की जानकारी सोनपाल सिंह ने अपने मित्रों रोविश कुमार पुत्र काली चरन, विशाल पुत्र संतोष सिंह, दिलीप पुत्र श्यामबाबू को दी। जिस पर रोविश व दिलीप दोनों को लखनऊ बुला लिया और वहां पर शेखर स्वरुप थापक नाम का व्यक्ति मिला। जिसने अपना एक आधार कार्ड भी दिया और चारों दोस्तो को भारतीय डाक विभाग में नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया। थापक ने आगरा में जाकर बबी सोलंकी नाम के व्यक्ति से मिलने को कहा। नौकरी दिलाने के नाम पर यूपीआई के माध्यम से सोनपाल ने 3,23,750 रुपए, दिलीप से 2,40,000 रुपए और विशाल से 1,51,000 रुपये धोखाधड़ी करके अलग-अलग तारीखों में ठग ने डलवा लिये। वहीं कुछ रुपये कैश के रुप में ले लिये।
आरोप है कि बबी सोलंकी के कहने पर शेखर स्वरुप थापक ने भारतीय डाक मिनिस्ट्री ऑफ कम्यूनिकेशन गवर्मेंट ऑफ इंडिया में ग्रुप डी का अपाइंटमेंट लेटर थमा दिया। उसके कुछ दिन बाद बबी सोलंकी ने फोन द्वारा बताया कि जब तक ये मूल नियुक्ति पत्र व पहचान पत्र भारतीय डाक विभाग के प्रतापपुरा स्थित ऑफिस में जमा नहीं करोगे, तब तक नियुक्ति नहीं मिलेगी। उसकी बात पर विश्वास कर, चारों दोस्त आगरा पहुंच गये और प्रमाण पत्रों की छाया प्रति अपने पास रखकर मूल प्रमाण पत्र एक दूसरे व्यक्ति को दिलवा दिये। उसके कहे अनुसार अपने मूल प्रमाण पत्र बबी सोलंकी द्वारा बताये गये व्यक्ति को दे दिये।
इसके बाद चारों अपनी नियुक्ति दिनांक का इंतजार करने लगे। बार बार शेखर स्वरुप थापक व बबी सौलंकी से लगातार मोबाइल नम्बरों से संपर्क करते रहे, हर बार आश्वासन देते रहे। लगातार सम्पर्क करने के बाद भी ज्वाइनिंग न मिलने पर चारों दोस्तों को संदेह हुआ कि उनके साथ नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी हुई है। 9,28,650 रुपये की साइबर ठगी की है। अब इस मामले में आरोपियों के खिलाफ साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कर साइबर थाना पुलिस छानबीन में जुटी है।