Spiritual Teachings from Bhagwat Katha in Buxar Importance of Respect and Devotion तीसरे दिन भक्त ध्रुव प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभारे, Buxar Hindi News - Hindustan
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तीसरे दिन भक्त ध्रुव प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभारे

बक्सर के सगरांव गांव में श्रीमद्भगवत कथा के तीसरे दिन आचार्य रणधीर ओझा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि बिना निमंत्रण किसी जगह जाने से पहले सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने सती और ध्रुव के...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरThu, 8 May 2025 08:56 PM
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तीसरे दिन भक्त ध्रुव प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभारे

बक्सर, निज संवाददाता। जिले के राजपुर प्रखंड अंतर्गत सगरांव गांव में चल रहे श्रीमद्भगवत कथा के तीसरे दिन आचार्य रणधीर ओझा ने कहा कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे हैं। वहां आपका, अपने इष्ट या गुरु का अपमान न हो। यदि अपमान की आशंका हो तो वहां नहीं जाना चाहिए। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि भगवान शिव की बात नहीं मानने पर सती को पिता के घर जाकर अपमानित होने पर स्वयं को अग्नि में स्वाहा करना पड़ा था। वहीं, ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि द्वारा अपमानित होने पर भी उनकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया।

भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए उम्र बाधा नहीं है। ध्रुव की साधना, सत्कर्म और ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा से ही उन्हें बैकुंठ प्राप्त हुआ। आचार्य ने कहा कि जब-जब भक्तों पर विपदा आती है, तब-तब भगवान उनके कल्याण के लिए प्रकट होते हैं। परीक्षित को भवसागर से पार लगाने के लिए भगवान शुकदेव के रूप में प्रकट हो गए। आचार्य ने कहा कि भागवत कथा का जो श्रवण करता है, उस पर भगवान का आशीर्वाद बना रहता है। कथा सुनने के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कथा सुनकर उपस्थित महिला-पुरूष भाव-विभोर हो गए।

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