सुबह से ही मुस्तैद रहे आला अधिकारी, बनती रही सड़क
पेज चार की लीड के साथ रायणपुर में शहीद के घर पर आगमन को ले जर्जर सड़कों पर टैक्टर से मिट्टी को ले जाते चालक 3 गड़खा के नारायणपुर में सीएम के आगमन को ले हेलीपैड का निरीक्षण करते सारण के जिलाधिकारी अमन...

भेल्दी,एक संवाददाता। गड़खा प्रखण्ड के नारायणपुर गांव के बीएसएफ के शहीद जवान मोहम्मद इम्तियाज के घर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन को लेकर सोमवार की रात से जिले के आलाधिकारी मुस्तैद दिखे। नारायणपुर गांव की जर्जर सड़कों पर मंगलवार की सुबह से ही दर्जनों ट्रैक्टरों से विभिन्न मार्गों में मिट्टी भरने व सड़कों के कालीकरण करने में मजदूर जुटे रहे। चिलचिलाती धूप में मजदूर सड़कों पर जहां मिट्टी भर कचरों को साफ कर रहे थे वहीं टूटी पक्की सड़कों पर बड़ी मशीनों द्वारा कालीकरण किया जा रहा था। सीएम के आगमन को ले गांव की जर्जर सड़कों की मरम्मत के साथ-साथ पक्की सड़क बनने से ग्रामीण के चेहरे खिल उठे।
ग्रामीणों ने कहा कि काश!सीएम का आगमन समय-समय पर गांवों में होता तो बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाती।ग्रामीणों ने कहा कि महज पांच घंटों के अंदर जर्जर सड़कों की मरम्मत कर दी गई। ऐसे ही अगर प्रशासन विकास कार्यों को लेकर हमेशा सक्रिय रहे तो गांव की स्थिति बदल जाएगी। नारायणपुर गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस थी मौजूद भेल्दी,एक संवाददाता। सूबे के बड़े नेताओं के आगमन को लेकर पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। नारायणपुर गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस मौजूद थी। चिलचिलाती धूप में जिले के आलाधिकारी जहां हेलीपैड के समीप दिशा निर्देश दे रहे थे। चिलचिलाती धूप में खड़े पसीने से तरबतर जवानों व पुलिस पदाधिकारियों को तरबूज से एक मात्र सहारा दिखा। कई एसएसजी कमांडो व पुलिस राहत के लिए तरबूज खा रहे थे। रात से ही शुरू हो गयी थी सीएम के आगमन की तैयारी गड़खा, एक संवाददाता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शहीद के घर के आगमन को देखते हुए सोमवार की शाम से प्रशासनिक अधिकारी सजग हो गए थे। डीएम अमन समीर, एसपी डॉ कुमार आशीष, डीडीसी यतेंद्र कुमार पाल व अन्य अधिकारी सोमवार की शाम शहीद के गांव नारायणपुर पहुंच मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर रणनीति बनाने में जुट गए थे। गांव में स्थित स्कूल के पास हेलीपैड बनाने का शाम में ही शुरू हो गया था। मुख्यंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन द्वारा पूरी रात तैयारी चलती रही। शहीद इम्तियाज के घर की ओर जाने वाली सड़क की सफाई की कवायद सोमवार की रात से ही शुरू हो गई। मंगलवार को डीएम अमन समीर, डीडीसी व अन्य अधिकारी मंगलवार की पुनः नारायणपुर गांव पहुंचे और सुरक्षा व तैयारियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए बड़ी संख्या में जवानों को लगाया गया था। - सैनिक परिवारों के लिए शुरू हो विशेष योजनाएं : शैलेन्द्र फोटो- 19-शहीद इम्तियाज के परिजनों से मिलते सारण विकास मंच संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह व अन्य गड़खा। जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुए बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मो. इम्तियाज के घर आज भावुक माहौल देखने को मिला जब सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह नारायणपुर गांव (गड़खा) पहुंचे। उन्होंने शहीद के परिजनों से मुलाकात की और पूरे गांववासियों के साथ मिलकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। शैलेंद्र प्रताप सिंह ने शहीद इम्तियाज की वीरता और बलिदान को ‘बिहार का गौरव बताते हुए सरकार से सैनिक परिवारों के लिए विशेष योजनाएं शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं हमारे जवानों के कारण सुरक्षित हैं। इम्तियाज जैसे शहीदों की शहादत को सम्मान देना केवल एक रस्म नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम हर उस परिवार के साथ हैं जिसने देश के लिए बलिदान दिया है। हमारी मांग है कि राज्य सरकार व केंद्र सरकार मिलकर शहीदों के परिवारों के लिए एक ठोस नीति बनाए। उन्होंने कहा कि सारण के हजारों युवा भारतीय सेना में जाने की तैयारी करते हैं। भारतीय सेना में जाने का सपना देखने वाले युवाओं को सुविधाएं मिले।
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