New Bus Stand Construction in Ratanpura Saran at 19 72 Crores आधुनिक सुविधायुक्त बस स्टैंड के निर्माण के लिए निकाली गई निविदा, Chapra Hindi News - Hindustan
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आधुनिक सुविधायुक्त बस स्टैंड के निर्माण के लिए निकाली गई निविदा

सारण में 19.72 करोड़ रुपये की लागत से रतनपुरा में एक नया बस स्टैंड बनेगा। यह बस स्टैंड पांच एकड़ भूमि पर आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और अंतराज्यीय, राज्य स्तरीय तथा जिला स्तरीय बसों के लिए खोला जाएगा।...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराThu, 29 May 2025 09:49 PM
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आधुनिक सुविधायुक्त बस स्टैंड के निर्माण के लिए निकाली गई निविदा

19.72 करोड़ रुपये की लागत से पांच एकड़ में बनेगा बस स्टैंड जिला परिषद के माध्यम से करिंगा पंचायत के रतनपुरा में होगा बस स्टैंड का निर्माण अंतरराज्यीय -राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय वाहनों की खुलेगीं बसें छपरा, एक संवाददाता। सारण में 19.करोड़ 72 लाख 17 हजार 498 रुपए की लागत से निर्माण होने वाले बस स्टैंड की निविदा निकाल दी गई। पिछले दिनों डीएम अमन समीर ने बस स्टैंड निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी थी। पूर्व में डीएम के निर्देश पर जिप के टेक्निकल अफसरों ने इसकी डीपीआर भी तैयार कर लिया था । यह स्टैंड आधुनिक सुविधाओं से लैस रहेगा।

इस स्टैंड से अंतराज्यीय, राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय बसें खुलेंगी। यह बस स्टैंड डीआरसीसी के बगल में पांच एकड़ भूमि में बनेगा । विंदटोलिया खैरा रोड में निर्माण होने वाले उक्त बस स्टैंड के लिए भूमि चिन्हित की गई थी। उसके बाद सदर सीओ कुमारी आंचल ने एनओसी दिया । लगभग पांच एकड़ में निर्माण होने वाले उक्त बस स्टैंड में सभी तरह की सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिला मुख्यालय को अपना बस स्टैंड नहीं रहने के कारण शहर और यहां की सड़कों पर आये दिन जाम जैसी समस्या उत्पन्न हो रही थी। पूर्व में जिप के अभियंता पिछले कई वर्षों से स्टैंड की भूमि की तलाश कर रहे थे लेकिन भूमि उपलब्ध नहीं रहने के कारण स्टैंड का निर्माण वर्षों से अधर में लटका रहा लेकिन अब सारण को नया बस स्टैंड मिलने से लोगों को उम्मीद जग गई है। बस स्टैंड परिसर में बनेंगे दो मंजिला गेस्ट हाउस नए बस स्टैंड में दो मंजिला गेस्ट हाउस बनाने का भी प्रावधान है। छोटा सा मार्केट भी बनेगा जहां यात्री अपनी जरूरत की सामग्री की खरीद कर सकें। द्वितीय तल पर पुरुष व महिलाओं के लिए डॉरमेट्री रूम बनाए जाएंगे जहां बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था रहेगी। प्रथम तल पर छोटे बच्चों को दूध पिलाने के लिए फीडिंग रूम रहेगा। मुख्य द्वार पर बुकिंग काउंटर व परिसर में टॉयलेट बनाए जाएंगे। टेंपो, कार के लिए भी पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। -- भारत किसी भी आतंकी कार्रवाई का प्रभावी उत्तर देगा : रूडी छपरा। साउथ अफ्रीका पहुंचने से पहले कतर यात्रा पर भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने दोहा में मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि भारत आतंक का शिकार है, आक्रांत नहीं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यह यात्रा किसी मांग या शिकायत के लिए नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताने के लिए है कि आतंकवाद अब केवल क्षेत्रीय चुनौती नहीं, बल्कि वैश्विक संकट बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के उन राष्ट्रों के साथ खड़ा है जो आतंक के विरुद्ध एकजुट और रणनीतिक रूप से सक्रिय हैं। रूडी ने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल भारत के 150 करोड़ नागरिकों की विविध लेकिन एकजुट आवाज़ को लेकर आया है। इस प्रतिनिधिमंडल में सभी प्रमुख दलों के वरिष्ठ सांसद शामिल हैं जिसमें अनुराग सिंह ठाकुर (भाजपा, हिमाचल प्रदेश), आनंद शर्मा (कांग्रेस, हिमाचल प्रदेश), मनीष तिवारी (कांग्रेस, पंजाब), सुप्रिया सुले (एनसीपी, महाराष्ट्र), इंदरबीर सिंह सैनी (आप, पंजाब), लवू श्रीकृष्ण देवरे (टीडीपी, आंध्र प्रदेश) और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरलीधर राव (भाजपा)। रूडी ने कहा कि भारत के पड़ोस में नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार और चीन जैसे देशों से शांतिपूर्ण संबंध हैं, कुछ पड़ोसी राष्ट्र ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकवाद को प्रश्रय देते हैं। भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है, जहां विभिन्न धर्म, भाषाएं और संस्कृतियां सौहार्द के साथ एकसाथ जीते हैं। यह हमारी विविधता ही हमारी एकता की सबसे बड़ी ताकत है। रूडी ने स्पष्ट किया कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को मूक होकर नहीं सहेगा, उसका प्रतिउत्तर दिया जाएगा। भारत की ‘नो फस्र्ट यूज़ परमाणु नीति उसकी जिम्मेदारी का प्रतीक है, लेकिन भारत आतंकवादी और आतंक को संरक्षण देने वाले राष्ट्रों के बीच अब कोई अंतर नहीं करेगा। दोनों के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व को अब आतंक के विरुद्ध केवल बयानबाज़ी से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2001 में विश्व व्यापार केंद्र पर हुआ आतंकी हमला मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध था और उसका सूत्रधार पाकिस्तान की सरज़मीं में छिपा मिला। क्या आज भी दुनिया को इस बात का प्रमाण चाहिए कि आतंक कहां से जन्म लेता है?

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