शुभा की तरह ही सोनम ने अपने पति को मरवाया, क्या था 22 साल पुराना कांड
शुभा शंकरनारायणनकी उम्र 2003 में 21 साल थी। उसके मंगेतर बीवी गिरीश, जो तब 27 साल के थे और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। शुभा ने अपने आशिक के साथ मिलकर सगाई के बाद और शादी से पहले ही गिरीश की हत्या करा दी थी।

मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले राजा रघुवंशी अब दुनिया में नहीं हैं। वह 11 मई को शादी के बाद पत्नी सोनम रघुवंशी के साथ मेघालय हनीमून पर गए थे, लेकिन लौटे नहीं। अब उनकी पत्नी को पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि मामला प्रेम प्रसंग का था, जहां सोनम ने अपने आशिक के साथ मिलकर राजा को मौत के घाट उतार दिया। इस वारदात के कई पहलू 22 साल पहले कर्नाटक में हुए कांड से मिलते हैं।
क्या है रिंग रोड केस
इस कहानी के दो किरदार हैं, पहली वकालत की छात्रा रही शुभा शंकरनारायणन, जिसकी उम्र 2003 में 21 साल थी। दूसरे, उसके मंगेतर बीवी गिरीश, जो तब 27 साल के थे और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। शुभा ने अपने आशिक के साथ मिलकर सगाई के बाद और शादी से पहले ही गिरीश की हत्या करा दी थी। मारपीट में बुरी तरह घायल गिरीश ने अस्पताल में तड़पते हुए दम तोड़ा था।
ऐसे रची साजिश
शुभा की गिरीश से सगाई हुई और ऐसा माना जाता है कि उस समय गिरीश की आय कथित तौर पर 1 लाख रुपये प्रतिमाह थी। सगाई से खुश गिरीश बहुत ही शांत व्यक्ति थे। वहीं, शुभा के पिता भी बेंगलुरु के जाने माने वकील थे। दोनों की शादी अगले साल होना थी। अब 30 नवंबर 2003 को सगाई के तीन दिन बाद ही गिरीश की हत्या हो जाती है, जिसकी साजिश शुभा ने रची थी।
डिनर पर चलो
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुभा ने गिरीश के सामने डिनर के लिए रेस्त्रां जाने की इच्छा जताई, ताकि दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जान सकें। वहां से लौटने के दौरान शुभा ने गिरीश से कहा कि वह HAL एयरपोर्ट के पास विमानों को उड़ान भरते हुए देखना चाहती है। जब दोनों वहां पहुंचे तो युवकों का एक समूह आया और गिरीश को पीटना शुरू कर दिया। तब शुभा ने खुद को मासूम दिखाने के लिए मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया।
इस हमले के बाद गिरीश को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अगले ही दिन दम तोड़ दिया।
कैसे सुलझी गुत्थी
गिरीश के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। तब पुलिस ने जांच की, तो कुछ ठोस नहीं मिला। ऐसे में पुलिस ने सगाई के वीडियो देखना शुरू किए और पाया कि शुभा मायूस नजर आ रही है। वीडियो में ऐसा लग रहा था कि उसे सगाई में दिलचस्पी नहीं है। पुलिस ने इसे सुराग माना और उसके बयानों की समीक्षा शुरू कर दी। उस समय पुलिस को शुभा की बातों पर शक हुआ और जांच में पता चला कि उसने घटना वाले दिन अरुण वर्मा नाम के शख्स को 73 बार कॉल और कई मैसेज भेजे थे।
इसके बाद पुलिस को शक हुआ। अरुण, शुभा का कॉलेज जूनियर था। पुलिस ने अरुण के बारे में जानकारी जुटाई और फोन लोकेशन से पता चला कि वह उसी जगह पर मौजूद था, जहां गिरीश की हत्या हुई थी। पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ की, तो शुभा और अरुण ने गिरीश को मारने की बात स्वीकार की। सामने आया कि शुभा को अरुण से प्यार था और उसके वकील पिता रिश्ते की अनुमति नहीं दे रहे थे।
शुभा और अरुण ने मिलकर दो लोगों को गिरीश को मारने के लिए हायर किया था। चारों को उम्रकैद की सजा हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उसे साल 2014 में जमानत दे दी थी।
सोनम रघुवंशी और राजा रघुवंशी
राजा और सोनम की शादी इंदौर में 11 मई को हुई थी। इसके बाद दोनों 20 मई को हनीमून मनाने गुवाहाटी के बाद शिलॉन्ग पहुंचे। वहां 23 मई को दोनों लापता हो गए। दोनों की लंबी तलाश के बाद दो जून को एक गहरी खाई से राजा का शव मिला था, वहीं सोनम लापता हो गई थी। लंबे समय तक छानबीन के बाद भी सोनम के ना मिलने पर उस पर ही शक गहरा रहा था। इसी बीच कल सोनम गाजीपुर के एक ढाबे से अचानक सबसे सामने आई। इसके बाद उसे गाजीपुर पुलिस ने अपने पास रखा और बाद में शिलॉन्ग पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।
आरोप हैं कि सोनम ने अपने कथित आशिक राज कुशवाह के साथ मिलकर पति राजा को मार डाला। पीटीआई भाषा से बातचीत में इंदौर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि मेघालय पुलिस का 12 सदस्यीय दल राजा रघुवंशी हत्याकांड के चार आरोपियों-राज कुशवाह, विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी को ट्रांजिट हिरासत में अपने साथ लेकर शिलॉन्ग के लिए रवाना हुआ।