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कॉलेज का ठिकाना नहीं, दे दिया अनुभव प्रमाणपत्र; नौकरी भी लग गई, BRABU में मचा हड़कंप

  • बिहार विश्वविद्यलाय सेवा आयोग से नियुक्त हुए सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाणपत्र की जांच में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। कई अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाणपत्र ऐसे कॉलेजों से जारी हुए हैं, जो अभी प्रस्तावित हैं। उन्हें संबद्धता नहीं मिली है।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 28 Feb 2025 12:37 PM
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कॉलेज का ठिकाना नहीं, दे दिया अनुभव प्रमाणपत्र; नौकरी भी लग गई, BRABU में मचा हड़कंप

बिहार विश्वविद्यलाय सेवा आयोग से नियुक्त हुए सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाणपत्र की जांच में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। कई अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाणपत्र ऐसे कॉलेजों से जारी हुए हैं, जो अभी प्रस्तावित हैं। उन्हें संबद्धता नहीं मिली है। प्रस्तावित कॉलेजों से अनुभव प्रमाणपत्र बनवाकर अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार में 10 अंक प्राप्त कर लिये हैं। जिन प्रस्तावित कॉलेजों ने अनुभव प्रमाणपत्र दिये, उनमें शिक्षकों की ज्वाइनिंग का तो जिक्र है, लेकिन सेवा कंफर्म है या नहीं इसकी चर्चा नहीं है।

इससे भी दिलचस्प बात यह है कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने भी प्रमाणपत्रों को सत्यापित करने के समय यह नहीं देखा कि कॉलेज है भी या नहीं। बिना भौतिक सत्यापन के विश्वविद्यालयों से अनुभव प्रमाणपत्र को अग्रसारित कर दिया गया। बीआरएबीयू के रजिस्ट्रार प्रो. संजय कुमार का कहना है कि अनुभव प्रमाणपत्र की जांच के लिए कमेटी का गठन हो चुका है। इनमें जो दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ज्वाइनिंग 2021 में सेवा कंफर्म हो गयी 2017 में

कॉलेजों से मिले अनुभव प्रमाणपत्र में सेवा कंफर्म होने में भी बड़ी गड़बड़ी सामने आ रही है। बीआरएबीयू के एक कॉलेज से जारी अनुभव प्रमाणपत्र में अभ्यर्थी की ज्वाइनिंग वर्ष 2021 में दिखाई गई है और सेवा कंफर्म वर्ष 2017 में किया गया। इसके अलावा दो अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग और सेवा कंफर्म होने की अवधि मात्र सात दिन की है, जबकि कम से कम तीन महीने तक शिक्षण करने के बाद ही सेवा कंफर्म की जाती है। अनुभव प्रमाणपत्रों में इन गड़बड़ियों से विश्वविद्यालय में हलचल मच गई है।

जिसे जहां मिला वहां से बनवा लिया प्रमाणपत्र

यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने बताया कि जिस अभ्यर्थी को जहां से अनुभव प्रमाणपत्र मिला, उसने वहां से बनवा लिया। जो अभ्यर्थी नरकटियागंज के रहनेवाले थे, उन्होंने हाजीपुर से जाकर अनुभव प्रमाणपत्र बनवा लिये। कुछ अभ्यर्थी जो वास्तव में किसी संबद्ध कॉलेज में पढ़ा रहे थे, उनमें से कई के अनुभव प्रमाणपत्र नहीं बन सके।

सेल्फ फाइनांस कोर्स पर भी सहायक प्राध्यापक

बीआरएबीयू और अन्य विश्वविद्यालयों में सेल्फ फाइनांस कोर्स का अनुभव प्रमाणपत्र लगाकर भी कई अभ्यर्थी की नियुक्ति सहायक प्राध्यापक के पद पर हुई है। बीआरएबीयू में चलने वाले कई सेल्फ फाइनांस कोर्स की सरकार से मान्यता ही नहीं है। लेकिन, अनुभव प्रमाणपत्र अग्रसारित कर दिया गया। ऐसे अनुभव प्रमाणपत्र देने वाले कई अभ्यर्थी विभिन्न कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं।