hundred fast track court will make in bihar said dgp vinay kumar बिहार में अब तुरंत मिलेगा न्याय, 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का प्लान; DGP ने बताया, Bihar Hindi News - Hindustan
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बिहार में अब तुरंत मिलेगा न्याय, 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का प्लान; DGP ने बताया

डीजीपी ने कहा कि आबादी और पेंडिंग केस के हिसाब से बड़े जिलों में अधिकतम पांच जबकि छोटे जिलों में एक से दो फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव बनाया गया है। लगभग 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेंगे।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाTue, 17 June 2025 06:53 AM
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बिहार में अब तुरंत मिलेगा न्याय, 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का प्लान; DGP ने बताया

न्यायालयों में ट्रायल के स्तर पर लंबित केसों के निबटारे को लेकर बिहार में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होगा। इसको लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय ने रूपरेखा तैयार कर ली है। जल्द ही गृह विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया जायेगा। सोमवार को डीजीपी विनय कुमार ने प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।

सरदार पटेल भवन स्थित बिहार पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि आबादी और पेंडिंग केस के हिसाब से बड़े जिलों में अधिकतम पांच जबकि छोटे जिलों में एक से दो फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव बनाया गया है। लगभग 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेंगे। बकौल डीजीपी, इन नये कोर्ट में हत्या, लूट, डकैती व आर्म्स एक्ट आदि से जुड़े गंभीर केसों का प्राथमिकता के आधार पर ट्रायल कराया जायेगा।

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उन्होंने बताया कि नये फास्ट ट्रैक कोर्टों में रिटायर्ड जज की तैनाती का भी प्रस्ताव है। इन कोर्ट को बेल (जमानत) आदि मामलों से पूरी तरह मुक्त रखा जायेगा। डीजीपी ने बताया कि वर्ष 2011 तक सूबे में करीब 178 फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत थे, जिनकी वजह से उस दौरान ट्रायल मामलों के निष्पादन की रफ्तार तेज हुई थी। उसके बाद पोक्सो, एससी-एसटी व मद्य निषेध आदि के स्पेशल कोर्ट बने हैं। इस दौरान बिहार के एडीजी (विधि-व्यवस्था) सह एटीएस पंकज दराद भी उपस्थित रहे।

1172 अपराधियों की संपत्ति चिह्नित

डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि बिहार के 1172 हिस्ट्रीशीटर अपराधियों की अवैध कमाई से अर्जित संपत्ति चिह्नित कर ली गयी है। इसको लेकर राज्य के कुल 1249 थानों से प्रस्ताव मिले हैं। इनमें कांट्रैक्ट किलर, शराब व हथियार माफिया से लेकर संगठित अपराध से जुड़े अपराधी शामिल हैं। बीएनएसएस की धारा 107 के तहत इनकी अवैध संपत्ति को जब्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। आर्थिक अपराध इकाई ने पीएमएलए के तहत तीन अपराधियों मधुबनी के मनोज झा, मुजफ्फरपुर के राकेश कुमार और खुशरूपुर के संजय कुमार की 5.15 करोड़ रुपये की संपत्ति अधिग्रहित करने का प्रस्ताव भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा है।

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भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की बेधड़क करें शिकायत

डीजीपी ने कहा कि थानों से भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर प्राप्त होती रहती हैं। यदि कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मी किसी मामले में मदद करने के नाम पर रिश्वत की मांग करता है तो जनता बेधड़क इसकी शिकायत निगरानी, एसवीयू, ईओयू या सीधे राज्य पुलिस मुख्यालय से करे। भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। 66 पुलिस कर्मियों को निलंबन किया गया है।

दर्ज कांडों के मुकाबले डेढ़ गुना निष्पादन

बड़ी संख्या में कांडों के लंबित होने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि दर्ज हो रहे कांडों के मुकाबले डेढ़ गुणा अधिक मामलों का निष्पादन हो रहा है। जांच अधिकारी और सुपरवाइजरी अधिकारियों को लेकर कुछ समस्याएं आ रही हैं। कुछ आईओ बदल गये, कुछ ने प्रभार ही नहीं सौंपा। केस को जांच में डाल कर शिथिल पड़ गये डीएसपी स्तर के अधिकारियों को भी चिह्नित किया जा रहा है।

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