बिहार में घटा सेक्स रेशियो, 1000 लड़कों पर महज 891 लड़कियां; रिपोर्ट में खुलासा
हालांकि, सर्वाधिक लड़कियों के जन्म के मामले में बिहार देश में तीसरे स्थान पर है। यहां 30.70 लाख बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 13.10 लाख लड़कियां, जबकि 14.70 लाख लड़के थे। यहां लड़के-लड़कियों की संख्या में 1.60 लाख का अंतर रहा।

बिहार में लिंगानुपात में काफी कमी आई है। यही नहीं, बिहार में देश में जन्म के समय सबसे कम लिंगानुपात दर्ज किया गया है। यहां हर 1000 लड़कों पर सिर्फ 891 लड़कियां पैदा हुई हैं। पिछले दिनों नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) द्वारा जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में वर्ष 2022 को आधार बनाया गया है। राष्ट्रीय औसत प्रति एक हजार लड़कों पर 943 लड़कियों का है।
रिपोर्ट के अनुसार में बिहार में साल दर साल लिंगानुपात कम होता गया है। वर्ष 2020 में यह अनुपात 1000 पर 964, जो 2021 में गिरकर 908 पर आ गया। वर्ष 2022 में यह और भी नीचे 891 पर आ गया। यानी साल 2020 से हर साल जन्म के समय लिंगानुपात प्रदेश में लगातार घटता जा रहा है। दो वर्षों में ही इसमें 73 की कमी आ गयी है।
हालांकि, सर्वाधिक लड़कियों के जन्म के मामले में बिहार देश में तीसरे स्थान पर है। यहां 30.70 लाख बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 13.10 लाख लड़कियां, जबकि 14.70 लाख लड़के थे। यहां लड़के-लड़कियों की संख्या में 1.60 लाख का अंतर रहा। यह देशभर में सर्वाधिक है। प्रतिशत में देखा जाए तो 2022 में 52.4 फीसद लड़के तथा 47.6 फीसद लड़कियों का जन्म हुआ।