World Music Day Workshop at Lalit Narayan Mithila University Insights on Music Theory and Performance संगीत रत्नाकार में 264 रागों का वर्गीकरण, Darbhanga Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsDarbhanga NewsWorld Music Day Workshop at Lalit Narayan Mithila University Insights on Music Theory and Performance

संगीत रत्नाकार में 264 रागों का वर्गीकरण

दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग में विश्व संगीत दिवस के अवसर पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। दूसरे दिन, डॉ. अरविंद कुमार ने संगीत शास्त्र...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाTue, 17 June 2025 07:48 PM
share Share
Follow Us on
संगीत रत्नाकार में 264 रागों का वर्गीकरण

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग में विश्व संगीत दिवस के अवसर पर चल रही सात दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को संगीत शास्त्र और बंदिश गायन विषय पर सोदाहरण व्याख्यान सह शिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ पटना विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने संगीत शास्त्र को रेखांकित करते हुए वेद और वैदिक संगीत के माध्यम से विकसित संगीत की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भरत प्रणीत ग्रंथ नाट्यशास्त्र में जाति-गायन अपने लक्षणों के साथ स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है, जिसमें राग का स्वरूप ग्राम-राग के रूप में विद्यमान है।

मतंग कृत वृहद्देशी में जाति-गायन एवं राग-प्रणाली अपने शास्त्रीय रूप को लेकर उपस्थित हुआ है। डॉ. कुमार ने कहा कि शारंगदेव ने अपने ग्रंथ संगीत रत्नाकार में 10 विध राग-वर्गीकरण के अंतर्गत 264 रागों को वर्गीकृत किया है। इन रागों का परिचय लक्षणों के साथ दिया गया है, जिसे परवर्ती विद्वानों ने भी अपनाया। आधुनिक काल के विद्वान पंडित विष्णु नारायण भातखंडे ने प्रचलित रागों को मानकीकृत किया जिससे रागों के संपूर्ण स्वरूप में एकरूपता दृष्टिगोचर होती है। पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर ने दरबारी स्वरूप वाले बंदिशों में संशोधन किया, जिससे सुसंस्कृत समाज में बंदिशों को समान रूप से अपनाया जा सके। संगीत-शास्त्र-संबंधी व्याख्यान के बाद विशेषज्ञ ने राग भूपेश्वरी में छोटा ख्याल, मध्य लय की बंदिश (झपताल) को सीखाया और अभ्यास कराया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित राम सकल सिंह विज्ञान महाविद्यालय, सीतामढ़ी के प्राचार्य डॉ. त्रिविक्रम नारायण सिंह ने भी विषय वस्तु पर छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। विभागीय छात्र-छात्राओं की वंदना प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विभागाध्यक्ष सह कार्यशाला की संयोजिका डॉ. लावण्य कीर्ति सिंह काव्या ने अतिथियों का स्वागत किया। बता दें कि विश्व संगीत दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस अवसर पर विभाग में सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ सोमवार को हुआ जिसका समापन 22 जुलाई को होगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।