बिहार फ्लड: बेगूसराय में खतरे के निशान से 57 CM ऊपर बह रही गंगा, 30 हजार हेक्टेयर की फसल बर्बाद
गंगा नदी के जलस्तर के लगातार बढ़ने से इन क्षेत्रों में करीब 30 हजार हेक्टेयर में लगी फसल भी बर्बाद हो रही है। निचले व दियारा क्षेत्र में पहले से ही जलभराव हो चुका है। ऐसे में किसानों की लागत पूंजी भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई है।
Bihar Flood News: गंगा नदी में पिछले कई दिनों से एक बार फिर जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है। रविवार की शाम बेगूसराय के हाथीदह में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 41.76 मीटर से 57 सेमी ऊपर 42.33 मीटर पर पहुंच गया है। पिछले दिनों जलस्तर में 70 सेंटीमीटर बढ़ोतरी के बाद जलस्तर में गिरावट हुई थी। लेकिन, एक बार फिर कुछ दिनों में धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से दियारा क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। सेंट्रल वाटर कमीशन की ओर से जारी फ्लड फोरकास्ट में अभी जलस्तर में और वृद्धि होने की आशंका जतायी जा रही है। मौजूदा जलस्तर में ही गंगा नदी के तटवर्ती आठ प्रखंडों के दियारा क्षेत्र के खेत जलमग्न हो चुके हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसान व पशुपालक अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने मवेशियों के लिए पशुचारा इकह्वा कर रहे हैं। गंगा नदी के जलस्तर के लगातार बढ़ने से इन क्षेत्रों में करीब 30 हजार हेक्टेयर में लगी फसल भी बर्बाद हो रही है। निचले व दियारा क्षेत्र में पहले से ही जलभराव हो चुका है। ऐसे में किसानों की लागत पूंजी भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई है।
बछवाड़ा चमथा गोप टोल के मुकेश राय, वकील राय, जयप्रकाश राय, उमा राय, अरविंद राय आदि किसानों ने बताया कि चमथा दियारे का इलाका विगत कई वर्षों से लोंगिया मिर्च उत्पादन का बड़ा केंद्र रहा है। यहां मिर्च का अत्यधिक उत्पादन के कारण स्थानीय राजा चौक स्थित मंडी में दूसरे राज्यों के व्यापारी मिर्च की खरीदारी करते आ रहे हैं। इस क्षेत्र से प्रतिवर्ष जुलाई व अगस्त माह में हजारों क्विंटल लोंगिया मिर्च दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बंगाल, झारखंड तथा अन्य राज्यों तक निर्यात किए जाते हैं।
किसानों ने कहा कि हर साल जुलाई व अगस्त माह तक खेतों से लोंगिया मिर्च कई चक्र टूट जाने के बाद बाढ़ आती थी किंतु इस साल जुलाई के प्रथम सप्ताह से ही चमथा दियारे के निचले इलाके को गंगा बाया नदी का पानी जलमग्न करना शुरू कर दिया था। लिहाजा एक- दो चक्र ही मिर्च टूटने के बाद उनकी फसल मारी गई है। उनके खेतों में लगी लोंगिया मिर्च को गंगा बाया नदी की बाढ़ पूरी तरह लील गई। इससे उन्हें भारी घाटा हुआ है।
चमथा में लौंगिया मिर्च की फसल लील गई बाढ़
इधर बछवाड़ा के चमथा दियारे की सभी पांचों पंचायतों में बाढ़ का पानी पूरी तरह फैला है। दियारे की सड़कें पानी में डूबी हैं। नाव के जरिए ही लोग आवाजाही कर रहे हैं। हालांकि रविवार को गंगा बाया नदी के जलस्तर में वृद्धि नहीं आंकी गई है। इधर, चमथा दियारे के सैकड़ों हेक्टेयर खेतों में लगी लोंगिया मिर्च की फसल इस साल पूरी तरह बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। खेतों में बाढ़ का पानी फैलने के साथ ही मिर्च से लदे पौधे बर्बाद हो चुके हैं। मिर्च की फसल बर्बाद हो जाने से किसानों को प्रति बीघा तकरीबन 2 लाख रुपये की क्षति पहुंची है।
फसल क्षतिपूर्ति की कोई भी प्रक्रिया शुरू नहीं
किसानों ने कहा कि दियारे के खेतों में लगी फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हो जाने के बावजूद अब तक सरकारी तौर पर फसल क्षतिपूर्ति की कोई भी प्रक्रिया नहीं शुरू कराई गई है। कृषि विभाग की ओर से फसलों की हुई क्षति का अब तक आकलन भी नहीं किया जा सका है। किसानों ने आपदा के तहत चमथा दियारे के किसानों को फसल क्षतिपूर्ति सहित चमथा दियारे के सभी पांचों पंचायतों के बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच जीआर की राशि वितरित करने व मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करवाने की मांग जिलाधिकारी से की है।