बढ़ती आबादी, बदलते मौसम और नदियों में कचड़ा बहाने की वजह से 24 नदियां बिहार में सूखने की कगार पर हैं। कई नदियों की हालत खेत जैसी हो गई है। अब मनरेगा के तहत इनसे गाद निकाली जाएगी ताकि जल प्रवाह को ठीक किया जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नेे गोपालगंज की रैली में कहा कि पांच साल के लिए राज्य में एनडीए की सरकार बनाइए, हम बिहार को हमेशा के लिए बाढ़ से मुक्त करेंगे। जिस पर लालू यादव ने तंज कसते हुए कहा कि 20 साल क्या बाढ़ आमंत्रण पर काम कर रहे थे ?
कमला बराज बनाने की इस योजना को वर्ष 2020 में मंजूरी मिली और वर्ष 2021 में इसका कार्य प्रारंभ हुआ था। कमला बराज का निर्माण होने से मधुबनी जिले के जयनगर, कलुआही, बासोपट्टी, लदनिया, खजौली और हरलाखी प्रखंडों के किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी।
उपेंद्र कुशवाहा ने राज्यसभा में बोलते हुए मोदी सरकार से बिहार में बाढ़ और सुखाड़ के मुद्दे पर पहल करते हुए इसका स्थायी रूप से समाधान निकालने की मांग की। उन्होंने सोन नदी पर लंबित डैम का निर्माण भी जल्द कराने का आग्रह किया।
चंपारण तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सड़क निर्माण (किमी 66.0 से किमी 132.80 तक) की योजना से पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिले में 8.50 लाख आबादी तथा 1.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से दीर्घकालिक सुरक्षा मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के ससमय कार्यान्वयन में यदि कहीं किसी तरह की बाधा आ रही है तो उसे चिह्नित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर दूर कराएं। जिन योजनाओं के संवेदक द्वारा निर्धारित अवधि के अनुसार कार्य नहीं कर रहे है उन पर नियमानुसार कड़ी कर्रवाई करने का निदेश दिया गया।
2008 में कोसी नदी में आई बाढ़ ने बिहार में जमकर तबाही मचाई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था और इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया था। उन्होंने तत्काल 1000 करोड़ का राहत पैकेज भी जारी किया था।
बिहार सरकार की ओर से 562 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ प्रभावित 173 क्षेत्रों में कटाव निरोधक कार्य किए जाएंगे। इन कार्यों को अगले साल मॉनसून सीजन से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
नीतीश कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में बागमती, महानंदा और कमला नदी पर नए बराज के निर्माण को स्वीकृति दी गई। इन बराज के बनने से उत्तर बिहार और कोसी-सीमांचल के इलाके में बाढ़ से मुक्ति मिलेगी।
पप्पू यादव ने बताया है कि वो हर रोज चार से पांच लाख रुपये बांटते हैं और अब तक जरूरतमंद लोगों की 280 करोड़ से ज्यादा की मदद कर चुके हैं। पप्पू ने कहा कि उनके घर-परिवार और मित्र लोग मदद के लिए पैसे देते हैं।