Nitish government to conduct Gandak River 225 km survey after Rs 512 crores loss in flood गंडक नदी में 225 किमी तक सर्वे कराएगी नीतीश सरकार, बाढ़ में डूब गए थे 512 करोड़, Bihar Hindi News - Hindustan
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गंडक नदी में 225 किमी तक सर्वे कराएगी नीतीश सरकार, बाढ़ में डूब गए थे 512 करोड़

पिछले साल गंडक नदी में आई बाढ़ से हुए 512 करोड़ रुपये के नुकसान के बाद बिहार सरकार ने सर्वे कराने का फैसला लिया है। गंडक नदी का बिहार में 225 किलोमीटर तक सर्वे किया जाएगा।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, आलोक चंद्रा, पटनाTue, 20 May 2025 10:29 AM
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गंडक नदी में 225 किमी तक सर्वे कराएगी नीतीश सरकार, बाढ़ में डूब गए थे 512 करोड़

बिहार में नीतीश सरकार गंडक नदी का विस्तृत सर्वे कराने जा रही है। इसके लिए जल संसाधन विभाग जल्द ही नई कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके तहत नेपाल की सीमा वाल्मीकिनगर से लेकर गंडक नदी के गंगा नदी में मिलने के स्थल सोनपुर के निकट तक का व्यापक सर्वे होगा। यह दूरी लगभग 225 किलोमीटर है। इस दौरान नदी का प्रवाह, नदी की मौजूदा स्थिति, तटबंध आदि सबका सर्वे किया जाएगा। इसके पहले 2020 में नदी का एक बार सर्वे किया गया था। बता दें कि पिछले साल गंडक नदी में आई भयंकर बाढ़ में 512 करोड़ रुपये डूब गए थे।

दरअसल, बीते साल गंडक नदी के जलस्राव ने नया रिकॉर्ड बनाया था। हाल यह था कि वाल्मीकिनगर बराज पर नदी का पानी ओवरटॉप कर गया। सारे गेट खोलने के बाद भी पानी का स्तर बराज के ऊपर पहुंच गया। बराज पर उसका प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ा। इसके बाद सरकार ने गंडक नदी का व्यापक सर्वे का फैसला किया। विभाग तटबंध को दुरुस्त करने से लेकर अन्य सारी योजनाएं इसके बाद ही तैयार करेगा।

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2024 में गंडक नदी में 21 सालों के बाद रिकॉर्ड जलस्राव हुआ। 28 सितंबर 2024 को गंडक का जलस्राव 5.62 लाख क्यूसेक हो गया था। इसके पहले साल 2003 में गंडक में रिकॉर्ड 6.39 लाख क्यूसेक पानी आया। पिछले साल नदी अपने सार्वकालिक रिकॉर्ड से महज 80 हजार क्यूसेक ही नीचे रह गई थी, लेकिन इस जलस्राव ने सरकार की चिंता बढ़ा दी।

बाढ़ में डूब गए ते 512 करोड़

बीते साल राज्य में अप्रत्याशित बाढ़ आई थी। इसके कारण राज्य सरकार को 512 करोड़ को नुकसान हुआ था। लगभग 118 किलोमीटर की लंबाई में तटबंध क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा बड़ी संख्या में नदी पर बनी संरचनाएं भी ध्वस्त हुई थीं।

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गंडक की पिछली बाढ़ ने यह बता दिया कि मौजूदा तटबंध भी अब काफी नहीं रह गया है। गाद से नदी का तल (बेड) लगातार ऊपर आ रहा है। इससे कम पानी में भी नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। नदी में गाद के कारण पानी नदी में ठहरता नहीं, उसका फैलाव नदी के किनारे होने लगता है। इन सबसे भारी तबाही की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इन सबका प्रभाव नहरों पर भी पड़ता है। ऐसे में तटबंध को लेकर नए सिरे से योजनाएं बनेंगी।