कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच शेयर बाजार में हाहाकार, निवेशकों के डूब गए ₹5 लाख करोड़
बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट कैप पिछले सेशन के लगभग 443.7 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 438.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। एक ही दिन में निवेशकों की संपत्ति लगभग ₹5 लाख करोड़ घट गई।

Stock Market Crash Today: कमजोर वैश्विक संकेतों, कोरोनावायरस की री-एंट्री, मुनाफावसूली और संस्थागत निवेशकों के बीच सतर्क भावना के बीच मंगलवार को भारतीय इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 में भारी गिरावट आई। भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स, सेंसेक्स करीब 900 अंकों तक क्रैश हो गया। सेंसेक्स 872.98 अंक टूटकर 81,186.44 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 261.55 अंक फिसलकर 24,683.90 अंक पर रहा। कारोबार के दौरान मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में एक प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। बाजार में भारी बिकवाली से एक ही दिन में निवेशकों की संपत्ति लगभग ₹5 लाख करोड़ घट गई। बता दें कि बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट कैप पिछले सेशन के लगभग 443.7 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 438.5 लाख करोड़ रुपये हो गया।
ताश के पत्तों की तरह गिर गए सेक्टोरल इंडेक्स
आज एनएसई पर सेक्टोरल इंडेक्स ताश के पत्तों की तरह गिर गए। इनमें निफ्टी ऑटो इंडेक्स 2 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल, एफएमसीजी, फार्मा, पीएसयू बैंक, निजी बैंक और रियल्टी इंडेक्स 1-1 प्रतिशत और निफ्टी मेटल इंडेक्स 0.5 प्रतिशत गिर गया था। शेयरों में इटरनल, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, श्रीराम फाइनेंस, आयशर मोटर्स, मारुति सुजुकी, सिप्ला, एमएंडएम, पावर ग्रिड, ट्रेंट, बजाज फाइनेंस, टाटा कंज्यूमर, नेस्ले इंडिया, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, एचयूएल, सन फार्मा, टेक एम, अडानी एंटरप्राइजेज और एसबीआई 1 फीसदी से 3.7 फीसदी तक गिर गए थे।
शेयर बाजार में क्यों आ रही इतनी बड़ी गिरावट -
1. अमेरिकी वायदा बाजार में गिरावट
अमेरिकी बाजारों से जुड़े वायदा बाजार आज नीचे की ओर बढ़ रहे थे। इससे संकेत मिलता है कि आज बाद में वॉल स्ट्रीट पर कमजोर कारोबार हो सकता है। डॉव जोन्स वायदा बाजार में 0.14 प्रतिशत, एसएंडपी500 वायदा बाजार में 0.28 प्रतिशत और नैस्डैक वायदा बाजार में 0.36 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
2. क्रेडिट रेटिंग घटाए जाने की खबर
मूडीज द्वारा अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटाए जाने से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को अमेरिका की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान घटाकर ‘एए1’ कर दिया। मूडीज ने लगातार राजनीतिक उठापटक के बीच देश के बढ़ते कर्ज का हवाला दिया।
2. भारत और अेमरिका ट्रेड डील
अमेरिका और भारत के बीच संभावित व्यापार समझौते को लेकर आशावाद कम होता जा रहा है। निवेशक अब वार्ता पर स्पष्टता चाहते हैं, खासकर चीन और ब्रिटेन द्वारा वाशिंगटन के साथ सफलतापूर्वक समझौते किए जाने के बाद।
4. पिछले कुछ सेशंस में भारतीय शेयर बाजार नए ट्रिगर्स की कमी के कारण सीमित दायरे में रहा है। टैरिफ और भू-राजनीतिक तनावों के बारे में चरम चिंता के बाद, बाजार लाभ को बनाए रखने के लिए चौथी तिमाही के जीडीपी प्रिंट और आय वृद्धि का इंतजार कर रहा है। जून में आरबीआई और यूएस फेडरल रिजर्व की आगामी नीति बैठकें भी घरेलू बाजार को प्रभावित करेंगी।
5.एफपीआई सतर्क दिखाई दे रहे हैं
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 19 मई को नकद खंड में ₹525.95 करोड़ मूल्य के भारतीय शेयर बेचे। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते और पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद चीनी बाजार के लिए बेहतर आउटलुक के साथ, विदेशी पूंजी कुछ समय के लिए चीन की ओर जा सकती है। हालांकि, यह एक रणनीतिक कदम और अल्पकालिक घटना हो सकती है, लेकिन इससे घरेलू बाजार पर कुछ दबाव पड़ सकता है।
6. कोरोनावायरस के वापस आने का खतरा
भारत में पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस (कोविड-19) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है। हालांकि मामले अभी भी खतरनाक स्तर पर नहीं हैं, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों की तेज गति ने निवेशकों को चौंका दिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, 19 मई तक भारत में देशभर में 257 सक्रिय संक्रमण दर्ज किए गए थे। एशिया के अन्य हिस्सों में, सिंगापुर में मई 2025 की शुरुआत में 14,000 से अधिक कोरोनावायरस मामले दर्ज किए गए, जो अप्रैल के अंतिम सप्ताह में 11,100 मामलों से अधिक है। सिंगापुर और हांगकांग में कोविड-19 मामलों में वृद्धि को LF.7 और NB.1.8 वेरिएंट से जोड़ा गया है, जो ओमीक्रॉन के व्यापक JN.1 वेरिएंट की उप-वंशावली हैं। भारत ने कहा है कि देश के भीतर अभी तक JN.1 वेरिएंट की कोई उपस्थिति या प्रसार नहीं है।