₹1074 टूटने के बाद रिकवर हो रहा यह शेयर, ₹71 पर भाव, जांच के दायरे में है कंपनी
जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयर में 2 फीसदी का अपर सर्किट लगा और भाव 71 रुपये पर आ गया। कंपनी पर तमाम सख्ती की वजह से शेयर लगातार टूट रहा था और 13 मई को 51.84 रुपये तक भाव आ गया था। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो भी है।

Gensol engineering share price: जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और करीब 18 अन्य संबंधित कंपनियों की जांच जल्द पूरी होने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय चाहता है कि यह जांच अगले तीन से पांच महीने में पूरी हो जाए। इस खबर के बीच जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयर को मंगलवार को खरीदने की लूट मच गई। सप्ताह के दूसरे दिन शेयर में 2 फीसदी का अपर सर्किट लगा और भाव 71 रुपये पर आ गया। बता दें कि कंपनी पर तमाम सख्ती की वजह से शेयर लगातार टूट रहा था और 13 मई को 51.84 रुपये तक भाव आ गया था। पिछले साल जून महीने में ही यह शेयर 1,125.75 रुपये के 52 वीक हाई पर था। कहने का मतलब है कि एक साल से भी कम समय में यह शेयर 1,074 रुपये तक टूट चुका है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय कर रहा जांच
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जांच का उद्देश्य हर पहलू पर गौर करना है। अगले तीन से पांच महीने में जेनसोल और करीब 18 अन्य संबंधित कंपनियों की जांच पूरी करने का भी लक्ष्य है। मंत्रालय कंपनी अधिनियम 2013 के तहत जांच कर रहा है। इसकी धारा 210 के तहत मंत्रालय को जनहित सहित विभिन्न आधारों पर किसी कंपनी के मामलों की जांच का आदेश देने का अधिकार है।
इस बीच, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) की प्रमुख रवनीत कौर ने बताया कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के संदर्भ के बाद एनएफआरए जेनसोल इंजीनियरिंग की प्रारंभिक जांच कर रहा है। बता दें कि भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अलावा ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के वित्तीय विवरणों की समीक्षा भी कर रहा है।
15 अप्रैल से शुरू हुईं मुश्किलें
जेनसोल की मुश्किलें 15 अप्रैल को तब शुरू हुईं जब सेबी ने एक अंतरिम आदेश पारित किया। सेबी ने फंड हेराफेरी और संचालन के स्तर पर चूक मामले में जेनसोल और उसके प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया।
क्या है आरोप
इन प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग से ऋण राशि को निजी उपयोग के लिए गबन किया है। इससे कंपनी के कामकाज के तरीकों और वित्तीय कदाचार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।