वाहनों के धुएं और सड़कों की धूल से बढ़ रहीं सांस की बीमारियां
-ओवरब्रिज निर्माण स्थलों से उड़ रही धूल बन रही गंभीर समस्याल रही है। खासकर फेफड़ों की बीमारियों में इजाफा देखा जा रहा है। सड़कों से गुजरने वाले आम लोग और किनारे रहने

-ओवरब्रिज निर्माण स्थलों से उड़ रही धूल बन रही गंभीर समस्या डॉक्टरों ने कहा कि रोगों से बचाव के लिए धूल नियंत्रण के उपाय जरूरी कुचायकोट, एक संवाददाता। तेजी से हो रहे विकास कार्यों के साथ-साथ सड़कों पर वाहनों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि अब लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। खासकर फेफड़ों की बीमारियों में इजाफा देखा जा रहा है। सड़कों से गुजरने वाले आम लोग और किनारे रहने वाले परिवार अब धुएं और धूल की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। हर साल दर्जनों सड़कें, पुल और ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 27 पर निर्माण कार्यों के चलते कई जगहों पर धूल का गुबार उड़ रहा है।
इन इलाकों में वाहनों की आवाजाही से हवा में घुल रही कार्बन मोनोऑक्साइड और महीन धूलकण आम लोगों के श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रसिद्ध फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि सड़कों की धूल और वाहनों के धुएं से लोगों में ओवरलैप सिंड्रोम, दम और सीओपीडी जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। लंबे समय तक इस प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। डॉ. कुमार ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले वर्षों में हालात और भी खराब हो सकते हैं। धूल और धुएं के मिश्रण से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर सबसे अधिक असर पड़ता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जरूरत है कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय, वाहनों की जांच और जनजागरूकता अभियान चलाकर आमजन को प्रदूषण से बचाया जाए।
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