Northeast Railway Enhances Working Conditions for Locomotive Pilots with Modern Facilities पूर्वोत्तर रेलवे के 176 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में एसी की सुविधा, Gopalganj Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsGopalganj NewsNortheast Railway Enhances Working Conditions for Locomotive Pilots with Modern Facilities

पूर्वोत्तर रेलवे के 176 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में एसी की सुविधा

लोको पायलटों को बेहतर सुविधा के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के सभी 18 रनिंग रूम में लगा एसी पूर्वोत्तर रेलवे की सभी प्रमुख लाइनों पर पूरा कर लिया गया शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कार्य

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजMon, 21 April 2025 10:50 PM
share Share
Follow Us on
पूर्वोत्तर रेलवे के 176 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में एसी की सुविधा

थावे। एक संवाददाता पूर्वोत्तर रेलवे में लोको पायलटों को अब अत्याधुनिक सुविधाएं मिल रही हैं। कार्य वातावरण में निरंतर सुधार हो रहा है। रेलवे की सभी प्रमुख लाइनों पर शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है, जिससे अब सभी ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के जरिए किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के आगमन से लोको पायलटों के कार्यस्थल की स्थिति में सुधार हुआ है। इनमें डीजल इंजन की तरह अधिक शोर नहीं होता। कैब में पर्याप्त जगह होती है। आरामदायक सीटें होती हैं। बड़ी विंडो से दृश्यता भी बेहतर होती है। इससे पायलटों की कार्य कुशलता और संरक्षा दोनों में सुधार आया है। लोको पायलटों को बेहतर विश्राम देने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के सभी 18 रनिंग रूम में एसी की व्यवस्था की गई है। पिछले 10 वर्षों में आधे से अधिक लोको कैबिनों को एर्गोनोमिक सीट, वातानुकूलन और अन्य सुविधाओं से लैस किया गया है। वर्तमान में पूर्वोत्तर रेलवे के 176 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में एसी लगाए जा चुके हैं, जबकि 90 और लोको में एसी लगाए जाने की मंजूरी मिल चुकी है। शौचालय की भी मिल रही सुविधा अब नए लोकोमोटिव में शौचालय की सुविधा भी शामिल की जा रही है, जो 2014 से पहले डिजाइन का हिस्सा नहीं थी। पुराने इंजनों में शौचालय की रेट्रोफिटिंग के लिए डिजाइन में संशोधन किए जा रहे हैं। मालगाड़ियों के चालक दल को बीच में रुकने वाले स्टेशनों पर, जबकि सवारी गाड़ियों के चालक दल को टर्मिनल स्टेशनों पर शौचालय की सुविधा मिलती है। वाराणसी मंडल में चार लोको लॉबी (छपरा, मऊ, गोरखपुर पूर्व व वाराणसी) और सात रनिंग रूम (छपरा, बलिया, भटनी, बनारस, प्रयागराज रामबाग, थावे और सीवान) वातानुकूलित सुविधा के साथ कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त गाजीपुर सिटी, आजमगढ़ और पंचदेवरी में भी रनिंग स्टाफ के लिए विश्राम गृह बनाए गए हैं। 8 घंटे विश्राम के बाद ही अगली ड्यूटी भारतीय रेलवे ने लोको पायलट के कार्य समय को सवारी गाड़ियों में अधिकतम 8 घंटे और मालगाड़ियों में अधिकतम 10 घंटे निर्धारित किया है। इसके बाद उन्हें विश्राम के लिए रनिंग रूम भेजा जाता है। मुख्यालय में 16 घंटे और रनिंग रूम में 8 घंटे के विश्राम के बाद ही अगली ड्यूटी बुक की जाती है। ड्यूटी से पहले सीयूजी मोबाइल फोन के माध्यम से सूचना दी जाती है। साइन ऑन के समय कंप्यूटरीकृत लॉबी में गाड़ी और रूट से जुड़ी सभी जानकारियां दी जाती हैं। इसके बाद ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट के जरिए नशामुक्ति की जांच की जाती है। पूरी प्रक्रिया के बाद ही लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ड्यूटी पर जाते हैं और गाड़ी का संचालन करते हैं। ------------- वर्जन रेलवे प्रशासन रनिंग स्टाफ के कल्याण और सुविधाओं को प्राथमिकता दे रहा है। बीते वर्षों में ऑनबोर्ड सुविधाओं, तकनीकी उन्नयन और पर्याप्त विश्राम समय के चलते लोको पायलटों का कार्य परिवेश लगातार बेहतर हो रहा है। - अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी मंडल

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।